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Dwarka Famous Places: द्वारका नगरी: जहां कृष्ण ने रचाई थी अंतिम रासलीला

City ​​of Dwarka Famous Places: द्वारका भगवान कृष्ण की मथुरा से पलायन के बाद बनाई गई नगरी थी । जिसे कृष्ण की राजधानी भी कहा जाता था। ऐसा माना जाता है कि जरासंध के हमले से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने मथुरा से यदुवंशियों को इस नई राजधानी में बसाया था ।

Sarojini Sriharsha
Published on: 24 Jan 2023 1:59 AM GMT
Dwarka Famous Places: द्वारका नगरी: जहां कृष्ण ने रचाई थी अंतिम रासलीला
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Dwarka Famous Places: भारत के गुजरात राज्य में द्वारका एक शहर है । जो हिंदुओं के चार धामों में से एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह नगरी अरब सागर के तट पर स्थित है। द्वारका भगवान कृष्ण की मथुरा से पलायन के बाद बनाई गई नगरी थी । जिसे कृष्ण की राजधानी भी कहा जाता था। ऐसा माना जाता है कि जरासंध के हमले से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने मथुरा से यदुवंशियों को इस नई राजधानी में बसाया था । जिसका निर्माण कृष्ण के आदेश पर विश्वकर्मा ने किया था। संस्कृत में द्वारका या द्वारवती यानि कई द्वारों का शहर को जिगत के नाम से भी जाना जाता है, वह भारत की सात पुरियों में से द्वारका भी एक पुरी है।

अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका।।

असल में दो द्वारका हैं :

गोमती द्वारका और बेट द्वारका

गोमती द्वारका : द्वारका में बसाए गए राजधानी में राजपाट यहां से चलाया जाता था।

बेट द्वारका: बेट द्वारका के लिए समुद्र मार्ग से जाना पड़ता है। बेट द्वारका एक द्वीप है जो शहर से 34 किमी दूर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का परिवार यहां रहा करता था। बेट द्वारका में श्री कृष्ण और सुदामा दोनों की प्रतिमा है। यदि आप द्वारका जा रहे है ये तो द्वारका की यात्रा का पूरा फल पाने के लिए बेट द्वारका की यात्रा करना जरूरी है। यहां श्रद्धालु चावल का दान करते हैं ताकि वे कई जन्मों तक गरीब होने से बचे। लोगों का मानना है कि इसी जगह पर सुदामा ने कृष्ण को चावल लाकर भेंट किया था।


बेट द्वारका जाने के लिए नाव साधन है । जो सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक चलती है।बेट द्वारका में कुछ और भी स्थान हैं जैसे श्री केशव जी का मंदिर , अभय माता का मंदिर । इसके अलावा यहां एक दरगाह और कुछ जैन मंदिर भी हैं।

देश में शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक मठ द्वारकाधीश मंदिर के निकट ही है। इसके अलावा द्वारका के पास अन्य तीर्थस्थल भी हैं जिसे उस दौरान घूमा जा सकता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग:

गुजरात के द्वारकापुरी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। भारत के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में यह भी एक ज्योतिर्लिंग है। गोमती द्वारका से बेट द्वारका जाते समय रास्ते में यह स्थान पड़ता है। बस,टैक्सी आदि लेकर सड़क मार्ग से द्वारका से इस जगह पहुंचा जा सकता है। रेलमार्ग द्वारा राजकोट से जामनगर और जामनगर से द्वारका पहुँचा जा सकता है।

रुक्मिणी मंदिर:

द्वारका से करीब 3 किमी के दूरी पर रुक्मिणी मंदिर स्थित है। रुक्मिणी श्री कृष्ण जी की पत्नी थीं। यदि आप द्वारका जाये तो रुक्मिणी मंदिर के दर्शन के लिए जरुर जाएं।

गोपी तालाब :

द्वारका से 5 किमी की दूरी पर स्थित एक तालाब है जिसे गोपी तालाब या गोपी झील कहा जाता है। इसे भी द्वारका के धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है यहां सभी गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण के साथ आखिरी रासलीला किया था। बाद में शरद पूर्णिमा की रात भगवान श्री कृष्ण के साथ मिलकर कर सबने मोक्ष प्राप्त कर लिया था।

रणछोड़ जी मंदिर:

द्वारका में श्रीकृष्ण के भवन के स्थान पर ही रणछोड़ जी का मूल मंदिर है। सात मंजिला यह मंदिर परकोटे के अंदर घिरा हुआ है। इसके उच्चशिखर पर शायद पूरे एक थान कपड़े से बनी दुनिया की सबसे विशाल ध्वजा लहराती है।

कैसे पहुंचें:

द्वारका जाने के लिए आप हवाई , रेल और सड़क मार्गों के द्वारा प्लान बना सकते हैं। द्वारका के लिए निकटतम हवाई अड्डा जामनगर है। इसके अलावा अहमदाबाद और पोरबंदर हवाई अड्डे से भी सड़क मार्ग द्वारा द्वारका पहुंचा जा सकता है। इन जगहों से रेल सेवा भी उपलब्ध है।

सितंबर से मार्च तक का मौसम यहां घूमने के लिए अच्छा रहता है। तो इस साल त्योहारों के मौसम में परिवार या दोस्तों के साथ जाने का प्लान कर सकते हैं।

( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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