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New Year 2025: इन देशों और भारत के इन राज्यों में एक जनवरी को नहीं मनाया जाता है नया साल, जानें क्यों

New Year Celebration: आज पूरे विश्वभर में लोग नए साल का जश्न मनाने में डूबे हैं, लेकिन ऐसे भी कई देश हैं जहां एक जनवरी को न्यू ईयर नहीं मनाया जाता। यहां तक कि भारत की भी कई जगहों पर अलग तिथियों पर नया साल सेलिब्रेट किया जाता है।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 1 Jan 2025 2:08 PM IST
New Year 2025: इन देशों और भारत के इन राज्यों में एक जनवरी को नहीं मनाया जाता है नया साल, जानें क्यों
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New Year Celebration (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Countries That Don’t Celebrate January 1st: भारत में अधिकांश स्थानों पर 1 जनवरी को नया साल (New Year) मनाया जाता है, क्योंकि यह ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) के अनुसार, दुनिया भर में मनाया जाने वाला दिन है। हालांकि, कुछ राज्यों और क्षेत्रों में 1 जनवरी को बड़े पैमाने पर नया साल नहीं मनाया जाता है, क्योंकि उनके अपने पारंपरिक कैलेंडर और संस्कृतियां हैं। वहां नए साल का उत्सव (New Year Celebration) स्थानीय कैलेंडर के अनुसार अलग-अलग तिथियों पर होता है।

राज्य और शहर जहां 1 जनवरी को नया साल प्रमुख रूप से नहीं मनाया जाता

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1. केरल- केरल में अधिकांश लोग चिंगा मासम (मलयालम कैलेंडर) के पहले दिन को नया साल मानते हैं, जिसे विशु के नाम से अप्रैल में मनाया जाता है।1 जनवरी को वहाँ पारंपरिक रूप से कोई बड़ा उत्सव नहीं होता, हालाँकि युवा पीढ़ी इसे आधुनिक रूप में मनाने लगी है।

2. तमिलनाडु- तमिलनाडु में पारंपरिक नया साल पुथांडु के नाम से मनाया जाता है, जो अप्रैल के मध्य में होता है। 1 जनवरी को कोई बड़ा सांस्कृतिक या धार्मिक उत्सव नहीं होता।

3. असम- असम में नया साल पारंपरिक रूप से बिहू (रंगाली बिहू) के रूप में अप्रैल में मनाया जाता है।1 जनवरी को मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक तिथि को महत्व दिया जाता है।

4. पश्चिम बंगाल- बंगाल का पारंपरिक नया साल पॉयला बैशाख के नाम से अप्रैल में मनाया जाता है।1 जनवरी को धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से महत्व नहीं दिया जाता।

5. मिजोरम, नागालैंड, और अन्य पूर्वोत्तर राज्य- यहाँ के अधिकांश जनजातीय समुदाय अपने पारंपरिक कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाते हैं, जैसे कि मिजोरम में चापचार कुट और नागालैंड में मोआत्सु फेस्टिवल।1 जनवरी को केवल ईसाई समुदाय इसे मनाते हैं। लेकिन पारंपरिक रूप से यह दिन बहुत खास नहीं होता।

6. कर्नाटक- कर्नाटक में पारंपरिक नया साल उगादी के नाम से मार्च-अप्रैल में मनाया जाता है।शहरी क्षेत्रों में 1 जनवरी को आधुनिक रूप में मनाया जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक तिथि को प्राथमिकता दी जाती है।

कारण

भारत के विभिन्न समुदायों के अपने चंद्र और सौर कैलेंडर हैं, जिनके आधार पर नया साल मनाया जाता है। ग्रामीण और पारंपरिक लोग अपने त्योहारों और परंपराओं को अधिक महत्व देते हैं। 1 जनवरी को विदेशी (पश्चिमी) परंपरा के रूप में देखा जाता है।कई स्थानों पर नए साल का धार्मिक महत्व नहीं है। जैसे तमिलनाडु और कर्नाटक में, हिंदू धर्म के अनुसार, नया साल चंद्र मास पर आधारित होता है।

हालाँकि 1 जनवरी को शहरी भारत में बड़े पैमाने पर नया साल मनाया जाता है, कई राज्यों और समुदायों में यह दिन पारंपरिक रूप से विशेष नहीं है। वहाँ लोग अपने स्थानीय और सांस्कृतिक कैलेंडर के अनुसार नया साल मनाना पसंद करते हैं।

दुनिया के वे देश जो 1 जनवरी को नया साल नहीं मनाते (Which Countries Don't Celebrate New Year On 1st January)

एक जनवरी को ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दुनिया भर में नया साल मनाया जाता है, लेकिन कई देश और संस्कृतियाँ अपनी पारंपरिक तिथियों के अनुसार नए साल का जश्न मनाती हैं। इन देशों की परंपराएँ, धार्मिक मान्यताएँ और ऐतिहासिक घटनाएँ इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। यहाँ विस्तार से उन देशों और उनके नए साल के उत्सवों का विवरण दिया गया है:

1. चीन (China)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

चीन में नया साल "चाइनीज न्यू ईयर" या स्प्रिंग फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित है और जनवरी के अंत या फरवरी के मध्य आता है।चीनी परंपराएँ चंद्र कैलेंडर से गहराई से जुड़ी हैं। उनका नया साल वसंत के आगमन का प्रतीक है, जो परिवार, स्वास्थ्य और समृद्धि के साथ जुड़ा होता है। 15 दिनों तक त्योहार मनाया जाता है, जिसमें पारंपरिक ड्रैगन डांस, लाल लिफाफों में पैसे देना और आतिशबाजी प्रमुख हैं।

2. भारत (India)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भारत के विभिन्न राज्यों में नया साल उनकी क्षेत्रीय परंपराओं और कैलेंडर के अनुसार अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। तमिलनाडु: पुथांडु (अप्रैल),कर्नाटक और आंध्र प्रदेश: उगादी (मार्च-अप्रैल), पंजाब: बैसाखी (अप्रैल), असम: रंगाली बिहू (अप्रैल)। भारत की अधिकांश परंपराएँ हिंदू चंद्र कैलेंडर, सौर कैलेंडर, और फसलों के चक्र पर आधारित हैं।1 जनवरी को विदेशी (औपनिवेशिक) परंपरा के रूप में देखा जाता है।

3. ईरान (Iran)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ईरान में नया साल नवरोज़ के रूप में मनाया जाता है। यह 21 मार्च को आता है और वसंत विषुव (Spring Equinox) के साथ जुड़ा होता है। ईरानी परंपराएँ फारसी कैलेंडर पर आधारित हैं। नवरोज़ प्रकृति के पुनर्जन्म और नए जीवन का प्रतीक है। घरों की सफाई, मिठाइयों का वितरण, और परिवार के साथ भोजन करना मुख्य परंपराएँ हैं।

4. सऊदी अरब (Saudi Arabia)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सऊदी अरब और अन्य इस्लामिक देशों में नया साल हिजरी कैलेंडर पर आधारित होता है। हिजरी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम होता है, और इस्लामिक नया साल इसकी पहली तारीख को मनाया जाता है।इस्लामिक परंपराएँ ग्रेगोरियन कैलेंडर को मान्यता नहीं देतीं।हिजरी कैलेंडर धार्मिक महत्व पर आधारित है,इस्लामिक संस्कृति में 1 जनवरी का कोई धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व नहीं है।

5. नेपाल (Nepal)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नेपाल में नया साल बिक्रम संवत कैलेंडर पर आधारित है। यह आमतौर पर अप्रैल के मध्य में आता है। नेपाली परंपराएँ हिंदू कैलेंडर पर आधारित हैं। हालांकि 1 जनवरी शहरी क्षेत्रों में मनाई जाती है। लेकिन पारंपरिक रूप से इसे नया साल नहीं माना जाता। पारंपरिक नृत्य, भोजन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

6. इथियोपिया (Ethiopia)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इथियोपिया में नया साल ‘एन्कुतताश’ के रूप में 11 सितंबर (लीप ईयर में 12 सितंबर) को मनाया जाता है। इथियोपिया का अपना कैलेंडर है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर से 7-8 साल पीछे है। एन्कुतताश पारंपरिक फसली चक्र और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा है। धार्मिक समारोह, पारंपरिक भोजन और नृत्य उत्सव का हिस्सा होते हैं।

7. दक्षिण कोरिया (South Korea)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

दक्षिण कोरिया में नया साल ‘सेललाल’ के रूप में मनाया जाता है। यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित होता है और जनवरी के अंत या फरवरी के मध्य में आता है। परंपराएँ चंद्र कैलेंडर से जुड़ी हैं। सेललाल को परिवार और पूर्वजों के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। पारंपरिक कपड़े पहनना, पूर्वजों की पूजा करना, और विशेष भोजन बनाना प्रमुख गतिविधियाँ हैं।

8. वियतनाम (Vietnam)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वियतनाम में नया साल ‘टेट’ के रूप में चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह जनवरी या फरवरी में पड़ता है। वियतनामी संस्कृति चंद्र कैलेंडर से गहराई से जुड़ी है। टेट को परिवार, परंपराओं, और कृषि चक्र के साथ मनाया जाता है। घर की सफाई, पूर्वजों की पूजा, और पारंपरिक भोजन करना शामिल है।

9. थाईलैंड (Thailand)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

थाईलैंड में नया साल "सोंगक्रान" के रूप में 13-15 अप्रैल को मनाया जाता है।थाई परंपराएँ उनके पारंपरिक कैलेंडर से जुड़ी हैं।सोंगक्रान को जल उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो गर्मी की शुरुआत और नए जीवन का प्रतीक है।लोग एक-दूसरे पर पानी डालते हैं, मंदिरों में जाते हैं, और परिवार के साथ समय बिताते हैं।

10. इज़राइल (Israel)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

यहूदी नया साल "रोश हशनाह" है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में आता है। यहूदी धर्म चंद्र-सौर कैलेंडर पर आधारित है। रोश हशनाह धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह आत्मनिरीक्षण और प्रार्थना का समय होता है। लोग मीठे भोजन खाते हैं, जो सुखद भविष्य का प्रतीक है।

11. जापान (Japan)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जापान में ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया गया है, और वे 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं। लेकिन उनके पारंपरिक ओशोगात्सु त्योहार में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है।

दुनिया के कई देश 1 जनवरी को नया साल इसलिए नहीं मानते, क्योंकि उनकी परंपराएँ, धार्मिक मान्यताएँ, और सांस्कृतिक मूल्य ग्रेगोरियन कैलेंडर से भिन्न हैं। ये देश अपने चंद्र या सौर कैलेंडर और कृषि या धार्मिक चक्र के अनुसार नया साल मनाते हैं। ऐसे त्योहार इन देशों की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।



Shreya

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