×

Khatu Shyam Mandir Train: करना चाहते हैं हारे के सहारे के दर्शन, जानें ट्रेन से कैसे पहुंचे खाटू श्याम

Khatu Shyam Mandir Train: राजस्थान में मौजूद खाटू श्याम का धाम भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि यहां कैसे पहुंचा जा सकता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 31 March 2024 5:25 AM GMT
Train Details For Khatu Shyam
X

Train Details For Khatu Shyam (Photos - Social Media)

Train Details For Khatu Shyam : खाटू श्याम मंदिर भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले में सीकर शहर से सिर्फ 43 किमी दूर खाटू गांव में एक हिंदू मंदिर है। यह देवता कृष्ण और बर्बरीक की पूजा करने के लिए एक तीर्थ स्थल है, जिन्हें अक्सर कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है। खाटू श्याम असल में भीम के पोते और घटोत्कच के बेटे बर्बरीक हैं। इन्हीं की खाटू श्याम के रूप में पूजा की जाती है। बर्बरीक में बचपन से ही वीर और महान योद्धा के गुण थे और इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे तीन अभेद्य बाण प्राप्त किए थे। इसी कारण इन्हें तीन बाण धारी भी कहा जाता है।

खाटूश्याम की कहानी

बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ।

खाटू श्याम को हारे का सहारा इसलिए कहते हैं क्योंकि बर्बरीक ने अपनी माता से आज्ञा मांग कर महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया था. तब उनकी मां को यह आभास हो रहा था कि कौरवों की सेना अधिक होने की वजह से पांडव युद्ध हार सकते हैं. ऐसे में बर्बरीक की मां ने उन्हें युद्ध में हिस्सा लेने से पहले इस बात पर आज्ञा दी कि तुम मुझे वचन दो कि जो पक्ष युद्ध हार रहा होगा तुम उसी का साथ दोगे. यही वजह है कि खाटू श्याम को हारे का सहारा माना जाता है।

Khatu Shyam Ji


कैसे पहुंचे खाटूश्याम

अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से राजस्थान के जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। जयपुर में रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको सिंधी बस स्टैंड जाना होगा जहां से खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए सीधे बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती है।

Khatu Shyam ji


खाटू के लिए ट्रेन

गाड़ी संख्या 09633 जयपुर से सुबह 10:40 बजे प्रस्थान करेगी और ढेहर का बालाजी, नींदड़ बनाड, चौमू समोद, गोविंदगढ़ मलिकपुर, रींग्स, श्रीमाधोपुर, कावट, नीम का थाना, मांवडा, डाबला, निजामपुर से गुजरते हुए दोपहर 14:05 को नारनौल पहुंचेगी।

दिल्ली से खाटू के लिए पहली ट्रेन 22421 DEE JU SF EXP है। यह ट्रेन नई दिल्ली से छोटी खाटू पहुंचने में 7घंटे 33मिनट का समय लेती है। यह ट्रेन नई दिल्ली NDLS से 07:05:00 बजे शुरू होती है और 14:38:00 बजे छोटी खाटू CTKT पहुँचती है। यह ट्रेन Mon, Tues, Wed, Thur, Fri, Sat, Sun को चलती है।

गाड़ी संख्या 09634 दोपहर 14:30 बजे नारनौल से जयपुर के लिए रवाना होगी और शाम 18:30 बजे जयपुर पहुंचेगी। ट्रेन में सात साधारण केटेगरी के डिब्बे और 2 गार्ड डिब्बे के साथ पूरे 9 डिब्बे होंगे। जयपुर से बाबा खाटू ध्याम के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु को जयपुर-नारनौल ट्रेन (गाड़ी संख्या 09633) सुबह 11:50 बजे रींग्स पहुंचा देगी। वहीं, नारनौल से (गाड़ी संख्या 09634) जयपुर प्रस्थान करने वाली ट्रेन शाम 16:15 बजे रींग्स स्टेशन यात्रियों को पहुंचा देगी।

दिल्ली से खाटू के लिए सबसे सस्ती ट्रेन 22421 DEE JU SF EXP है। नई दिल्ली से छोटी खाटू पहुंचने में यह ट्रेन 7घंटे 33मिनट का समय लेती है। यह ट्रेन नई दिल्ली NDLS से 07:05:00 बजे शुरू होती है और 14:38:00 बजे छोटी खाटू CTKT पहुँचती है। DEE JU SF EXP Mon, Tues, Wed, Thur, Fri, Sat, Sun को चलती है।

दिल्ली से रींगस तक ट्रेन की यात्रा 217.4 किमी है और इसमें 4 घंटे और 32 मिनट लगता है। प्रति दिन 4 कनेक्शन हैं, पहला प्रस्थान 10:07 am पर और अंतिम 11:30 pm पर। दिल्ली से रींगस तक ट्रेन से कम से कम ₹117.69 या ₹782.14 तक यात्रा करना संभव है। इस यात्रा के लिए सर्वोत्तम मूल्य ₹117.69 है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story