Famous Mango In India: भारत में मिलते है इतने तरह के आम, गर्मियों का मौसम मैंगो लवर्स के लिए है खास

India's Famous Mango: आपको आम खाना पसंद है, लेकिन ये नहीं पता की कौन सा आम कहा मिलता है, तो आपके लिए ये आर्टिकल मददगार हो सकत है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 21 May 2024 10:30 AM GMT (Updated on: 21 May 2024 10:31 AM GMT)
Variety Of Mango In India
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Variety Of Mango In India (Pic Credit-Social Media)

Types of Mango in India: ग्रीष्म ऋतु में पारा बढ़ने से भले ही लोगों की हालत खराब होती हो, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों को भारत में इस मौसम का इंतजार रहता है। जिसका कारण कुछ और नहीं "आम" है। गर्मी का मौसम मतलब कई तरह के मौसमी फलों का मौसम होता है। सबसे ज्यादा पसंदीदा फल लोगों के बीच मीठे रसीली ताजे आम होते है। यदि आप भी आम के दीवाने है तो आप आम के प्रकारों से भी अच्छे से परिचित होंगे। लेकिन अगर नहीं हैं अभी भी कन्फ्यूजन है कि कौन सा आम किस जगह पर मिलता है? या फिर कौन सा आम लेने कहा जाए, तो इस आर्टिकल में आपके परेशानी का हल हैं। यहां पर आपको फेमस आम उनके मिलने वाले जगह के साथ बताए गए है। तो चलिए जानते है, भारत के प्रसिद्ध आम और उनके मिलने वाले जगह के बारे में...

आम की प्रसिद्ध वैरायटी और और उसका जगह

भारत में आम के 100 से ज्यादा प्रजातियां मिलती है, लेकिन कुछ आम है जिनका स्वाद लोगों की जुबान पर छाया रहता है। चलिए जानते है भारत के प्रसिद्ध वैरायटी के आम...

दशहरी (Dasahari Mango)

यह आम उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। इस आम के उत्पत्ति के संबंध में कहा जाता है कि यह आम दशहरी गांव में सबसे पहले उगाया गया था। किस कारण इसका नाम दशहरी पड़ा। उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में मिलने वाले इस आम की डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी खूब होती है।



चौसा आम(Chousa Mango)

उत्तर प्रदेश के हरदोई में चौसा आम की अधिकता हैं। यह आम बहुत ही ज्यादा मीठा और स्वादिष्ट होता है। ऐसा माना जात है कि इस आम का परिचय सबसे पहले शेरशाह सूरी ने कराया था।



लंगड़ा आम(Langada Mango)

इस आम की पैदावार बनारस में होती है। ऐतिहासिक शहर काशी से इस आम को इंटरनेशनल लेवल पर ट्रांसपोर्ट किया जाता है। इस आम के नाम के पीछे की कहानी बहुत ही मजेदार है। कहा जाता है कि जिस किसान ने पहले इस आम को उगाया था, पौधे लगाए थे, वह एक पैर से विकलांग था। जिसके बाद उसके द्वारा लगाए और परिचित कराए गए आम लंगड़ा आम के नाम से प्रसिद्ध हुए। इस आम की खासियत है कि यह पकने के बाद भी हरे रंग का ही रहता है।



रसपुरी आम(Raspuri Mango)

यह आम कर्नाटक के ओल्ड मैसूर में उगाया जाता है। इस आम को जैम तो स्मूदी बनाने के लिए बहुतायत से प्रयोग किया जाता है। इसे आम के महारानी के तौर पर भी जाना जाता है।



बायगनपल्ली आम (Bayganpalli Mango)

बायगनपल्ली आम कर्नाटक के कुरनूल में स्थित एक गांव बांगन पल्ले में उगाया जाता है। जिस कारण इसका नाम भी इसी के आधार पर रखा गया है। यह आम एकदम अल्फोंसो जैसा दिखने में स्वादिष्ट पीला रसीला होता है।



अल्फोंसो आम( Alphonso Mango)

हापुस या अल्फोंसो आपने इस आम के बारे में सुना होगा, यह आम भारत में लोगों का बीच बहुत पसंद किया जाता है। इस आम का स्वाद बहुत ही आनंददायक होता है। महाराष्ट्र के अलावा यह आम की पैदावार कर्नाटक और गुजरात भी होता है। भारत में मिलने वाले आम के बीच यह आम सबसे ज्यादा महंगा होता है। इस आम की खुशबू और स्वाद दोनों आम के दीवानों की लालच को बढ़ाता है।



मियाज़की (Miyazki Mango)

यह वैसे तो जापानी आम है, लेकिन इसकी पैदावार भारत के इकलौते राज्य असम में भी शुरू कर दी गई है। इस आम को एग ऑफ सन के नाम से भी जाना जाता है। यह आम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लाख रूपये किलों में बेचे जाते है। इसकी कीमत के साथ इसका स्वाद भी विश्व व्यापी है।



तोतापुरी आम(Totapuri Mango)

यह आम का आकार एक हद तक तोता के जैसा लगता है। यह आम खाने में खट्टा मीठा होता है। यह आम लाल हरा पीला तीन रंगों का मिश्रण होता है। इस आम की पैदावार दक्षिण भारत के राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, और तेलंगाना में की जाती है।



केसर आम(Kesar Mango)

'गिर केसर' आम, जिसे केसर भी कहा जाता है, पश्चिमी भारत के गुजरात में गिरनार की तलहटी में उगाई जाने वाली आम की एक किस्म है। आम अपने चमकीले नारंगी रंग के गूदे के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आम को 1934 से "केसर" के नाम से जाना जाता है, जब जूनागढ़ के नवाब मुहम्मद महाबत खान III ने फल के नारंगी गूदे को देखकर कहा था "यह केसर है" तब से इसको केसर नाम से जाना जाने लगा।



हिमसागर आम(Himsagar Mango)

हिमसागर आम आम की एक लोकप्रिय किस्म है, जो आधुनिक बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में उत्पन्न होती है। व्यापक रूप से सबसे अच्छा आम माना जाने वाला हिमसागर के अंदर का रंग पीला से नारंगी होता है और इसमें कोई फाइबर नहीं होता है। फल मध्यम आकार का होता है। जिसमें से गूदे की मात्रा लगभग 77% होती है। इसे ख़िरसापति के नाम से भी जाना जाता है।



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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