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Shakti Peeth Temple: महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के शक्ति पीठ

Shakti Peeth Temple In India: देवी पुराण के अनुसार 51 शक्तिपीठों की स्थापना की गयी है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के शक्तिपीठों के बारे में बताएंगे

Sarojini Sriharsha
Published on: 15 April 2024 11:34 AM IST
Shakti Peeth Temple ( social media photo)
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Shakti Peeth Temple In India ( social media photo) 

Shakti Peeth Temple In India: ऐसा माना जाता है कि शक्तिपीठ वो पवित्र स्थान हैं जहां माता सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव के तांडव को रोकने के लिए भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कटे सती के मृत शरीर के टुकड़े गिरे थे। जहां-जहां भगवान शिव की पत्नी देवी सती के शरीर के टुकड़े गिरे वे स्थान शक्ति पीठ कहलाए। देवी पुराण के अनुसार 51 शक्तिपीठों की स्थापना की गयी है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के शक्तिपीठों के बारे में बताएंगे।

महाराष्ट्र के शक्ति पीठ

देवी भागवत पुराण में महाराष्ट्र के चार शक्ति पीठों का वर्णन किया गया है। ये 4 शक्तिपीठ महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर, माहुरगढ़, जेजुरी और औंध शहरों में स्थित हैं।


करवीरपुर या शिवहरकर कोल्हापुर

महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर जिले में स्थित इस शक्तिपीठ में माता सती की आंखें गिरी थीं। यहां की शक्ति महिषासुरमर्दिनी तथा भैरव हैं। वर्तमान कोल्हापुर ही पुराणों में प्रसिद्ध करवीर क्षेत्र है। इसमें एक महालक्ष्मी यंत्र भी है।7वीं और 8वीं शताब्दी के दौरान निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला में चालुक्य वंश का प्रभाव दिखता है। मुख्य मंदिर में देवी महालक्ष्मी के साथ सरस्वती और काली मां की मूर्तियां भी हैं। इसके अलावा नवग्रह और कई अन्य देवताओं की मूर्तियां भी इस मंदिर में हैं।

कैसे पहुंचें ?

कोल्हापुर वायु , रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से देश के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है।हवाई मार्ग से कोल्हापुर का नजदीकी हवाई अड्डा छत्रपति राजाराम महाराज हवाई अड्डा है।रेल मार्ग से निकटतम रेलवे स्टेशन कोल्हापुर में है।सड़क मार्ग NH4 से कोल्हापुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। सभी प्रमुख शहरों से कोल्हापुर के लिए बस सेवा उपलब्ध है।

माहुरगढ़ में देवी रेणुका

माहुरगढ़ में देवी रेणुका का मंदिर नांदेड़ से लगभग 120 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। जबकि देवी एकवीरा का मंदिर लगभग 40 किमी दूर पेन गंगा नदी के पास स्थित है। देवी रेणुका को भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की माता माना जाता है। इस स्थान पर एक परशुराम मंदिर और परशुराम कुंड नामक पवित्र तालाब भी है। भगवान दत्तात्रेय के माता पिता देवी अनुसूया और अत्रि ऋषि को समर्पित एक मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त भगवान देवदेवेश्वर मंदिर, जिसे भगवान दत्तात्रेय का शयन स्थल कहा जाता है, भी यहीं स्थित है।यहां स्थित नांदेड़ गुरुद्वारा सिख समुदाय के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है, जो गुरु गोबिंद सिंह के अंतिम निवास के रूप में प्रसिद्ध है।


कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से नांदेड़ पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद का राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो नांदेड़ से 283 किमी दूर है। औरंगाबाद हवाई अड्डा 252 किमी दूर है। यहां से ट्रेन और टैक्सी द्वारा नांदेड़ पहुंचा जा सकता है।रेल और सड़क मार्ग से नांदेड़ देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

एकवीरा देवी

महाराष्ट्र के लोनावाला स्थित देवी एकवीरा का मंदिर नाविकों और कोली समुदाय के बीच मशहूर है। यह शक्ति पीठों का सबसे पुराना मंदिर है। इसमें देवी जोगेश्वरी माता की मूर्ति भी है - जिन्हें शक्ति का स्वरूप भी माना जाता है। पहाड़ी पर बसे इस मंदिर की चोटी से लोनावाला खंडाला का प्राकृतिक नज़ारा भी देखने को मिलता है।


तुलजापुर देवी भवानी

महाराष्ट्र के शोलापुर के पास तुलजापुर में देवी भवानी का मंदिर मराठा समुदाय के योद्धाओं की सुरक्षात्मक देवी के रूप में माना जाता है। देवी भवानी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था।


कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पुणे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो यहां से लगभग चार घंटे की दूरी पर है। पुणे से बस, ट्रेन या टैक्सी के माध्यम से सोलापुर पहुंच सकते हैं ।

भ्रामरी -देवी सप्तश्रृंगी

महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में माता सती की ठोढ़ी गिरी थी। इस स्थान को सात पहाड़ियों की देवी का निवास भी माना जाता है । यह मंदिर नासिक से लगभग 60 किमी दूर एक खूबसूरत हरे-भरे पहाड़ी पर स्थित है।आम तौर पर इस लोकप्रिय शक्तिपीठ को आधा शक्ति पीठ मंदिर माना जाता है।इसके अतरिक्त नासिक में आप त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, पंचवटी सीता गुफा , कालाराम मंदिर और गोराराम मंदिर भी घूमने जा सकते हैं।


कैसे पहुंचें ?

निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा नासिक में है। सड़क मार्ग से नासिक देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

गुजरात की शक्ति पीठ

प्रभास - चंद्रभागा

गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में सोमनाथ मंदिर के प्रभास क्षेत्र में माता सती का उदर गिरा था। इसकी शक्ति को चंद्रभागा और भैरव को वक्रतुंड कहते हैं।प्रभास क्षेत्र में कपिला, हिरण्या एवं सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम के निकट माता का यह शक्ति पीठ शमशान भूमि के निकट सोमनाथ मांदिर के समीप स्थित है। इसी प्रभास क्षेत्र में भालकातीर्थ नामक स्थान पर श्रीकृष्ण शरीर का त्याग कर अपने लोक चले गए थे।


कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से निकटतम हवाईअड्डा जामनगर और राजकोट है। जूनागढ़ से निकटतम हवाई अड्डा राजकोट है , जो शहर से 100 किमी की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग से देश के हर हिस्से से ट्रेन इस शहर आती हैं। सड़क मार्ग से कई निजी बस सेवाएं हैं, जो विभिन्न शहरों से जूनागढ़ तक आती हैं। टैक्सी के माध्यम से भी आप अहमदाबाद , राजकोट या जामनगर से आ सकते हैं।

राजस्थान के शक्तिपीठ

मणिदेविक - गायत्री

यह स्थान राजस्थान राज्य के अजमेर से 11 किमी उत्तर-पश्चिम में पुष्कर के पास गायत्री पहाड़ के पास स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां माता सती की कलाई गिरी थी।


हवाई मार्ग से पुष्कर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में है। यहां से टैक्सी या स्थानीय साधनों द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।रेल मार्ग से आने के लिए अजमेर निकटतम रेलवे स्टेशन है । यहां से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

विराट - अंबिका

यह शक्तिपीठ राजस्थान राज्य में भरतपुर के विराट नगर में स्थित है , जहां माता सती के बाएं पैर कि उंगलियां गिरी थीं। इसकी शक्ति को अंबिका और भैरव या शिव को अमृत कहते हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि महाभारतकालीन विराट नगर के प्राचीन ध्वंसावशेष के निकट, एक गुफा जिसे 'भीम की गुफा' भी कहते हैं, के विराट ग्राम में यह शक्तिपीठ स्थित है।


कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से आने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है। अंबिका शक्तिपीठ राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 90 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी के द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।रेल मार्ग से देश के कई शहरों से भरतपुर रेलवे स्टेशन के लिए कई सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। भरतपुर रेलवे स्टेशन से अंबिका शक्तिपीठ तक पहुंचने के लिए स्थानीय ट्रेन से जाना पड़ता है।सड़क मार्ग से बस या टैक्सी के माध्यम से दिल्ली या उसके आसपास शहरों से यहां पहुंच सकते हैं।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)




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Shalini Rai

Shalini Rai

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