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Shiv Caves in India: वही शून्य है वही इकाई जिसके भीतर बसा शिवाय, आइए जानते हैं भारत की प्रसिद्ध शिव गुफाओं के बारे में
Shiv Caves in India: भारत में भगवन शिव को समर्पित चौदह ज्योतिर्लिंग के दर्शन होना हिंदुओ का पूरा जीवन सफल होने जैसा है। भगवान शिव की अमरनाथ गुफा बहुत प्रसिद्द है लेकिन उसी आलावा भी कुछ शिव जी की महत्वपूर्ण गुफाएं हैं। आइये सावन के इस पावन माह में दर्शन कराते है भगवान् शिव की गुफाओं की।
Shiv Caves in India: सावन का महीना हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है और पवित्र माना जाता है। इस महीने में सभी श्रद्धालु और भक्त गाना भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं और फिर मंदिरों के दर्शन देते हैं। सावन माह के सोमवार का भी विशेष महत्त्व है। सावन के सभी सोमवार शिव भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए व्रत रखते है। कुछ विशेष श्रद्धालु सावन के पूरे एक माह तक व्रत रहते है।
पूरे सावन सभी शिव मंदिरो में भारी भीड़ देखने को मिलती है और पोरे दिन भक्तो का ताता-बाता लगा रहता है। भारत में भगवन शिव को समर्पित चौदह ज्योतिर्लिंग के दर्शन होना हिंदुओ का पूरा जीवन सफल होने जैसा है। भगवान शिव की अमरनाथ गुफा बहुत प्रसिद्द है लेकिन उसी आलावा भी कुछ शिव जी की महत्वपूर्ण गुफाएं हैं। आइये सावन के इस पावन माह में दर्शन कराते है भगवान् शिव की गुफाओं की।
1) एलिफेंटा गुफाएँ, मुंबई: एलिफेंटा गुफाएँ (Elephanta Caves) भारत के महाराष्ट्र राज्य में मुंबई (Mumbai) के पास स्थित हैं। ये गुफाएँ उनमुक्त भारत के सांस्कृतिक धरोहर के रूप में दर्ज की गई हैं और 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।
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ये गुफाएँ हिंदू और जैन धर्म की कई शैलीयों के कवि और संस्कृतियों को प्रदर्शित करती हैं। इन गुफाओं के अंदर बने हुए शिखर और मूर्तियाँ प्राचीन भारतीय कला और स्थापत्य के अद्भुत उदाहरणों में से एक माने जाते हैं।
इन गुफाओं का नाम 'एलिफेंटा' गुफाएँ उन्हें पाये जाने वाले पहले यूरोपीय यात्रियों द्वारा दिए गए नाम पर आधारित है। 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली यात्री फ्रांसिस्को दे अलमेदा ने इस जगह को एलिफांता के नाम से जाना। उन्होंने इसका नाम इलेफन्टी इसलिए रखा क्योंकि यहां पर भूतपूर्व खगोल शास्त्रीय विश्लेषण में पाए गए संरचना के शिखर पर गजबहृदय होते हैं, जिन्हें वह हाथी की अनुसूचित करता हैं। बाद में, इसे 'एलिफेंटा' के रूप में संघटित किया गया और आज तक यह नाम उपयोग में है।
एलिफेंटा गुफाएँ जीर्ण शैली में निर्मित हैं और इसका निर्माण लगभग 5वीं शताब्दी से लेकर 8वीं शताब्दी तक के दौरान हुआ था। ये गुफाएँ हिंदू धर्म के देवता शिव को समर्पित हैं। इनमें विभिन्न शिव अवतारों, मूर्तियों, मंदिर, और शिव के अन्य साथियों की रूपरेखा दिखाई जाती है। इनमें सबसे प्रसिद्ध मूर्ति एक शिवलिंग है, जिसे महेशमूर्ति के रूप में जाना जाता है।
2) कोटेश्वर गुफा उत्तराखंड: कोटेश्वर गुफा, उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो श्रीकेदारनाथ मंदिर के पास स्थित है। यह गुफा भारतीय धर्मग्रंथ महाभारत में उल्लेखित है और मान्यता है कि यहां महर्षि व्यास ने महाभारत का रचनात्मक निर्माण किया था।
कोटेश्वर गुफा एक प्राचीन और पवित्र स्थान है, जहां यात्री आध्यात्मिक ध्यान कर सकते हैं और धार्मिक आनंद का अनुभव कर सकते हैं। यह गुफा बाबा कोटेश्वर मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं द्वारा आगंतुकों का स्वागत करती है। यहां श्रद्धालु अपने आराध्य देवता श्रीकेदारनाथ के दर्शन करने के पश्चात यहां जाकर आध्यात्मिक आभासी अनुभव करते हैं।
गुफा के अंदर एक छोटा मंदिर है जिसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। गुफा के पास एक प्राकृतिक नदी बहती है, जो यहां के आनंदमयी पर्यटन स्थलों में शामिल है।
3) बादामी गुफा, कर्नाटक: बादामी गुफा, कर्नाटक राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसका नाम बादामी नगर से प्राप्त हुआ है, जो गुफाओं के बड़े समूह के कारण प्रसिद्ध है। यह धार्मिक महत्त्व का स्थान है और इसे चालुक्य शासकों का एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक केंद्र माना जाता है।
बादामी गुफा में एक समुद्री गुफा है जिसे भगवान शिव के लिए पूजा का स्थान माना जाता है। इसमें शिवलिंग स्थापित है और धार्मिक आराधना के लिए उपयुक्त माना जाता है। यह गुफा चालुक्य शासकों द्वारा बनाई गई है और इसमें चालुक्य कला की महानता दिखाई जाती है।
बादामी गुफा का एक अन्य प्रमुख स्थान वास्तुकला मंदिर है जो चालुक्य शासकों द्वारा बनाया गया है। यह एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और अपनी विशेष वास्तुकला और शैली के लिए प्रसिद्ध है।
4) पल्लव गुफा, केरल: पल्लव गुफा केरल के तिरुच्चपली शहर में स्थित है। यहाँ भवान शिव और भवान विष्णु दोनों का मंदिर है। सावन के महीने में अधिक श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने आते है।
5) मंडपेश्वर गुफा मुंबई: मंडपेश्वर गुफा मुंबई में स्थित है और यह भारत की सबसे प्राचीन गुफाओं में से एक है। यह गुफा मालाबार बिल्डिंग के पास, चर्चगेट नगर स्थित है। यह गुफा पास में स्थित चाबुल की गुफा के साथ एक कम्पाउंड में स्थित है।
मंडपेश्वर गुफा एक प्राचीन हिंदू गुफा है, जिसे पांडवों के समय का माना जाता है। इसे ब्रिटिश सरकार ने 1860 में खोला था। इस गुफा की ऊचाई लगभग 60 फीट है और इसमें गोलाई 95 फीट है। गुफा के अंदर ब्रिटिश वकील जेम्स डेनील के नाम पर एक पत्थर का शिलालेख भी मौजूद है।
मंडपेश्वर गुफा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां लोग ऐतिहासिकता, संस्कृति और गुफा की रहस्यमयी वातावरण का आनंद लेते हैं।