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Ganga Aarti Varanasi: वाराणसी में मंत्रमुग्ध कर देने वाली गंगा आरती, चिंताओं से होंगे मुक्त, देखें आरती का समय

Ganga Aarti Varanasi Time: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वाराणसी को भगवान शिव की नगरी के नाम से जाना जाता है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 Aug 2022 7:56 AM GMT
Ganga Aarti
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गंगा आरती (फोटो- सोशल मीडिया)

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Ganga Aarti Varanasi Details: वाराणसी भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है और सप्त पुरी का हिस्सा है। बता दें, सप्त पुरी शब्द भारत में स्थित सात सबसे पवित्र शहरों के लिए है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वाराणसी को भगवान शिव की नगरी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में अगर आप वाराणसी का भ्रमण करते हैं, तो वाराणसी की गंगा आरती में शामिल जरूर होइएगा। 45 मिनट की गंगा आरती का बहुत ही मनोरम दृश्य होता है। आरती के दौरान, आप निश्चित रूप से अपने आप को एक और नई दुनिया में पाएंगे, जो सभी चिंताओं से मुक्त कर देने वाली होगी।

गंगा आरती के बारे में

हिंदू पौराणिक कथाओं में, गंगा को सबसे पवित्र नदी के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि लोगों का मानना ​​है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से उनके पाप धुल जाएंगे। वाराणसी के घाटों पर जाते समय, आप देखेंगे कि लगभग सभी भक्त इस पवित्र नदी में "स्नान" कर रहे हैं। व्यक्तियों गंगा नदी में जंजीर और डंडे पकड़ के डुबकी लगाते हैं। क्योंकि गंगा नदी का बहाव काफी तेज रहता है।

गंगा आरती (फोटो- सोशल मीडिया)

शाम के समय वाराणसी में मंदिर के पुजारी गंगा घाटों पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली आरती करते हैं। आरती के लिए सभी घाटों में लोकप्रिय है दशाश्वमेध घाट। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल में स्थित है। भक्त अस्सी घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट से गंगा आरती देख सकते हैं। हर तरफ जगमग-जगमग दियो की जगमगाहट और गंगा नदी का मनोरम दृश्य बहुत सुंदर लगता है।

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के लिए शाम से ही काफी चहल-पहल रहती है। गंगा आरती की शुरुआत में जब शंख बजाया जाता है तो यह भक्तों का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। बनारस की गंगा आरती मुख्य रूप से गंगा नदी के लिए कई के बीच एक मंच पर की जाती है। इसके साथ ही घंटियों की आवाज, मंत्रोच्चार, खूब दीयों का एक साथ प्रज्जवलित होना, बहुत ही मनोरम लगता है।

वाराणसी गंगा आरती में कैसे शामिल हों?

गंगा आरती का हिस्सा बनने के लिए लोग शाम करीब साढ़े पांच बजे से पहुंचना शुरू कर देते हैं। जिसकी वजह से सबसे ज्यादा भीड़ दशाश्वमेघ घाट पर होती है। भक्त सामने से गंगा आरती को देखने के लिए नावें बुक करते हैं। आरती के समय भक्त नावों से गंगा आरती को देख सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें, बोटिंग के लिए पहले से बुकिंग कर लें।

ऐसा करने से आप निश्चय ही शांतिपूर्वक गंगा आरती का आनंद लेंगे। इसके साथ ही आप उस जगह की अनूठी संस्कृति का आनंद जरूर लेंगे। अगर आप सुबह देखना चाहते हैं तो आप सुबह की आरती में भी शामिल हो सकते हैं।

Vidushi Mishra

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