Tamil Nadu Ganpati Temple: विभीषण से डर कर पर्वत पर भागे थे बप्पा, अब मंदिर में 6 बार होती है आरती

Tamil Nadu Famous Ganpati Temple: क्या आपने पहाड़ों पर गणेश जी के मंदिर की कहानी सुनी है? हम आपको तमिलनाडु के प्रचलित पाली के रॉक पहाड़ी पर स्थित गणपति के मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे।

Yachana Jaiswal
Published on: 12 Sep 2024 6:18 AM GMT
Famous Ganesh Mandir in Tamilnadu
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Famous Ganesh Temple in Tamilnadu(Pic Credit-Social Media)

Tamil Nadu Famous Ganpati Temple: देश भर में भगवान गणेश के उत्सव गणेश चतुर्थी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। विशेष तौर पर महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से गणेशोत्सव मनाया जाता है। गणपति बप्पा के यह त्योहार हर उम्र के लोगों के बीच एक उत्साह और श्रद्धा का भाव लेकर आता है। भगवान गणेश को कई नामों से जैसे लंबोदर गणपति, विनायक एकदंत, विनायक आदि कई नाम से जाना जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं जिनकी सवारी मूषक है भगवान बप्पा अपने भक्तों के सारे दुख को हर लेते हैं तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको तमिलनाडु के प्रसिद्ध प्रचलन पाली के रॉक चार पहाड़ी पर स्थित गणपति जी के मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे, यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को 273 फुट की ऊंचाई तय करनी होती है क्योंकि इस मंदिर में 400 सीढ़ियां है।


नाम: उच्ची पिल्लयर टेंपल (Uchchi Pillayar Temple)

लोकेशन: 51, चिन्ना कदई स्ट्रीट, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु

पौराणिक मान्यता

यह मंदिर सातवीं शताब्दी में बना प्राचीन मंदिर है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश विभीषण से छुपते हुए, यहां आ गए थे तभी यहां उनका मंदिर बना दिया गया। ऐसा कहा जाता है कि यहां दर्शन करने आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं।


जानें क्या है कहानी

दरअसल यहां के लोगों का कहना है कि रावण वध के बाद जब भगवान श्री राम वापस लौट रहे थे तब उन्होंने अपने स्वरूप रंगनाथ की प्रतिमा विभीषण को दी थी। कहा था कि इसे लंका ले जाकर स्थापित कर दे जब देवताओं ने उनकी बात सुनी तो उन्होंने गणेश जी से कहा कि विभीषण लंका में रंगनाथ की प्रतिमा स्थापित कर देंगे। वह ऐसा नहीं चाहते वही त्रिलोकी राम ने विभीषण को यह भी कहा था कि अगर वह इस प्रतिमा को जमीन पर रखेंगे तो वहीं रह जाएगी ऐसे में जब तमिलनाडु पहुंचे तो वहां कावेरी नदी में उन्हें स्नान करने का मन हुआ, लेकिन वह मूर्ति जमीन पर नहीं रख सकते थे तभी उन्हें एक बालक गाय चराते हुए नजर आया और तब विभीषण ने उसे यह अनुरोध किया कि वह इस प्रतिमा को जमीन पर ना रखें यह बालक कोई और नहीं बल्कि गणपति जी थे। विभीषण के स्नान करते ही वह प्रतिमा को जमीन पर रख दिए यह देखकर विभीषण क्रोधित होते हैं। इस तरह वह प्रतिमा आज भी वहां पर खोजी जाती है

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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