Duniya Ka Sabse Bada Jhula: ये है दुनिया का पहला सबसे बड़ा झूला, जानिए यूपी में कहाँ बनने जा रहा है ये

Gorakhpur Me Sabse Bada Jhula: दुनिया का सबसे बड़ा झूला अब उत्तर प्रदेश के इस शहर में बनने जा रहा है आइये जानते हैं क्या है इसकी खासियत और कहाँ बनेगा ये।

Shweta Srivastava
Published on: 5 Oct 2024 12:28 PM GMT
Duniya Ka Sabse Bada Jhola
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Duniya Ka Sabse Bada Jhola (Image Credit-Social Media)

Duniya Ka Sabse Bada Jhola: क्या आप जानते हैं कि लखनऊ के इस शहर में दुनिया का सबसे बड़ा झूला लगने जा रहा है। यही नहीं बल्कि इसकी ऊंचाई एफिल टावर से बह ज़्यादा होने वाली है। आइये जानते हैं कहाँ लगेगा ये झूला और क्या होगी इसकी खासियत।

दुनिया का सबसे बड़ा झूला

लंदन में बने एक विशाल झूले की तर्ज़ पर अब उत्तर प्रदेश के शहर गोरखपुर में दुनिया का सबसे बड़ा झूला बनने जा रहा है। ये झूला काफी बड़ा होने वाला है। लंदन आई यानि विशाल अवलोकन चक्र लंदन में थेम्स नदी पर बना हुआ है। ये बेहद विशाल है वहीँ अब इससे भी बड़ा झूला गोरखपुर में बनने जा रहा है। आइये जानते हैं क्या है इसकी विशेषता।

गोरखपुर आई भी अब लंदन आई की तर्ज पर बनने जा रहा है। यहाँ आपको दुनिया का सबसे बड़ा झूला मिलेगा। वहीँ इसकी रूपरेखा बनने का काम काफी तेज़ी से किया जा रहा है। जहाँ इस परियोजना को हरी झंडी मिल गयी है वहीँ अब इस परियोजना की डिज़ाइन और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो सके इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जारी किया जा चुका है।

वहीँ फ्रांस, ब्रिटेन और यूएस की कंपनियां भी इस काम को करने के लिए सहमति दे चुकी हैं। वहीँ इसको लेकर बैठक भी हो चुकी है। जिसमे गोरखपुर आई की संभावनाएं शामिल हैं। वहीँ इसको लेकर कई मीटिंग्स भी की गईं हैं जिसमे इसके व्यास,लागत और ज़मीन की उपलब्धता को लेकर कई तरह के मुद्दों पर चर्चा भी हुई है।

वहीँ आपको बता दें कि गोरखपुर आई का व्यास 150 से 200 मीटर रखा गया है। वहीँ इसको स्थापित करने में एक हज़ार से दो हज़ार तक का खर्चा आ सकता है। जहाँ लंदन आई का व्यास 120 मीटर है और इसमें 32 कैप्सूल लगे हैं जिसे लोगों के बैठने के लिए लगाया गया है। वहीँ गोरखपुर में इसका व्यास भी ज़्यादा होगा और कैप्सूल भी ज़्यादा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही इसकी गति भी धीमी होगी जिससे लोग आराम से शहर को देख सकें।

मिली जानकारी के अनुसार जहाँ डीपीआर बनने में 6 महीने का वक्त लगेगा वहीँ अवलोकन चक्र बनने में 3 साल का समय लग जायेगा। तो इसके लिए भले ही लोगों को इंतज़ार करना पड़े लेकिन इसमें बैठकर पूरे शहर को देखना काफी अच्छा अनुभव होगा।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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