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History Of Patna Sahib Gurudwara: सिखों के लिए क्यों बहुत खास है पटना साहिब का ये गुरुद्वारा, जानें ये खास बातें

History Of Patna Sahib Gurudwara: बिहार की राजधानी पटना में स्थित हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत खास है। 8 नवंबर को गुरु नानक जी की जयंती बनाई जाएगी।

Anupma Raj
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Published on: 8 Nov 2022 8:08 AM IST (Updated on: 8 Nov 2022 8:08 AM IST)
तख्त श्री हरमंदिर सिंह जी पटना साहिब गुरुद्वारा
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Takht Sri Harmandir Sahib Ji Patna Sahib Gurudwara (Image: Social Media)

History Of Patna Sahib Gurudwara: बिहार की राजधानी पटना में स्थित हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए बहुत खास है। 8 नवंबर को गुरु नानक जी की जयंती बनाई जाएगी। इस मौके पर सभी गुरुद्वारों को खूबसूरत लाइट्स से सजाया जाता है। सिखों के लिए पटना साहिब गुरुद्वारा बहुत खास महत्व रखता है। हर साल इस गुरुद्वारे में सभी धर्म के लाखों श्रद्धालु आते हैं। आइए जानते हैं हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारा के बारे में कुछ खास बातें

क्यों खास है तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा

तख्त श्री हरिमंदिर जी, दुनिया में सिखों के पांच प्रमुख तख्तों में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का दूसरा स्थान है। सिख पंथ के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ था। यह स्थान दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह सिखों की लौकिक शक्ति की पांच पीठों में से एक है और तीन सिख गुरूओं द्वारा अधिष्ठापित किया है। इस गुरुद्वारा के अंदर सिख वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया है। आपको बता दें गुरुद्वारा बनने से पहले श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी इस गुरुद्वारे के स्थान पर बंगाल और असम की ओर जाते समय यहां पर रुका करते थें। हालांकि इस गुरुद्वारे के स्थान पर पहले श्री सलिसराय का घर था। श्री सलिसराय पेशे से एक जौहरी थे, जो गुरु गोविंद सिंह जी के बहुत बड़े भक्त थे। श्री गुरु गोविंद सिंह जी अपने जन्म के करीब 5 साल यहीं बिताए हैं। श्री पटना साहिब जी में आज भी माता गुजरी देवी जी का कुआं विद्यमान है, जिसे देखने के लिए दूर दूर से यात्री आते हैं।

Takht Sri Harmandir Sahib Ji Patna Sahib Gurudwara

तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में कई दर्शनीय धरोहरों का दर्शन करने विदेशों से पर्यटक आते हैं। यहां गुरु गोविंद सिंह जी से जुड़ी गुरुग्रंथ साहिब, छवि साहिब, पगुंडा साहिब, छोटी सेफ, गुरु जी के गुलेल की गोली, बचपन के चार तीर, चंदन का कंघा, हाथी दांत का खड़ाऊ, नौवें गुरु के लकड़ी चंदन का खड़ाऊ, गुरु जी का 300 वर्ष पुराना चोला, माता जी का कुआं, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह और माता सुंदरी के हस्तलिखित हुकुमनामों की पुस्तकें, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छोटी बीड़ है। गुरुद्वारा के पास ही कंगन घाट है।

दरअसल दशमेश गुरु श्री गोविंद सिंह ने कंगन घाट पर खेल-खेल में एक कंगन गंगा में फेंक दिए थे। तब गुरु महाराज के साथ रहे बच्चे जब कंगन निकालने गंगा में घुसे तो असंख्य कंगन देखकर आश्चर्यकित रह गए। ऐसे में जब मांझी गंगा से कंगन निकालने लगा तो गुरु जी बोले कि गंगा हमारी तिजोरी है और तुम हमारा कंगन पहचान कर निकाल लो। तभी से लोगों ने उन्हें ईश्वर का स्वरूप माना। तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में विश्व के कोने-कोने से सिख संगत यहां मत्था टेकने आती है।

बता दें कि पटना के एक पुराने मुहल्ले स्थित, जिसे पहले कूचा फारुख खान कहलाता था, अब हरिमंदिर गली के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं तख्त हरिमंदिर साहिब जी को पटना साहिब भी कहा जाता है| बाद में यहां महाराजा रणजीत सिंह ने इस पवित्र स्थली पर गुरुद्वारा का निर्माण कराया था। पटना साहिब गुरुद्वारे की सबसे खास बात यह है कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने जीवन के पांच सिद्धांत दिए थे, जिसे पंच ककार कहते हैं। इसमें सिखों के लिए पांच चीजों को अनिवार्य बताया गया, ये पांच चीजें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा हैं और ये सारी चीज़ें यहां रखी हुई है। यहां गुरु का बाग, सुनारटोली साहिब के भी दर्शन कर सकते हैं। दरअसल सिखों में इन सभी स्थानों का विशेष महत्व है।



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Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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