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Hanuman Ji Ka Mandir: इस हनुमान मंदिर में खुद भगवान् लिखकर देते हैं भक्तों की समस्या का समाधान, जानिए कहाँ है ये जगह
Hanuman Ji Ka Chamatkarik Mandir: भारत में एक ऐसा स्थान है जहाँ बजरंगबली स्वयं अपने भक्तों की समस्या का समाधान लिखकर देते हैं आइये जानते हैं कहाँ है ये मंदिर और क्या है ये चमत्कार।
Hanuman Ji Ka Chamatkarik Mandir: हमारे देश भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहाँ के चमत्कार के आगे विज्ञान भी निरुत्तर हो जाता है। साथ ही यहाँ की शक्तियां लोगों को अचरज में डाल देतीं हैं। वहीँ इन मंदिरों में श्रद्धालओं की अच्छी खासी भीड़ रहती है जो दूर दूर से यहाँ आते हैं और भगवान् के सामने अपनी मनोकामना रखते हैं। वहीँ भगवान् भी अपने भक्तों करते और उनकी इच्छाओं को पूरा भी करते हैं। वहीँ भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ भक्तों के प्रश्नों का जवाब स्वयं बजरंगबली लिखकर देते हैं। आइये जानते हैं कहाँ है ये स्थान।
बजरंगबली का चमत्कारिक मंदिर
माता सीता ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान दिया था वहीँ हिन्दुओं का मानना है कि आज भी बजरंगबली किसी न किसी रूप में धरती पर मौजूद हैं। उनका ऐसा ही चमत्कारिक मंदिर राजस्थान में है जहाँ भक्तों के प्रश्नों का उत्तर भगवान् खुद लिखकर देते हैं।
दरअसल राजस्थान के कोटा जिले में बजरंगबली का एक ऐसा मंदिर है जहाँ भक्त हनुमान जी को अपनी दुविधा या परेशानी व्यक्त करते हैं वहीँ मंदिर में मौजूद भगवान् की मूर्ति कुछ ही मिनटों में कोरे कागज़ पर जवाब लिखकर दे देती है।
आपको बता दें कि ये मंदिर कोटा से पंद्रह किलोमीटर दूर नांता गांव में स्थित है। जहाँ पर मंगलवार और शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है। सैकड़ों की संख्या में भक्त यहाँ हनुमान जी के दर्शन करने और अपने सवालों का उत्तर मांगने आते हैं। जिसका जवाब स्वयं बजरंगबली कोरे कागज़ पर लिखकर देते हैं। मान्यता है कि दर्शन करने आये भक्तों के मन की बात मंदिर में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति पढ़ लेती है जिसके बाद पुजारी उन्हें कोरा कागज़ चढ़ाते हैं और इसके बाद होता है चमत्कार क्योंकि इस कोरे कागज़ पर भक्तों की आँखों के सामने ही उनके सवाल का जवाब कागज़ पर सिंदुर द्वारा लिखकर उन्हें मिल जाता है।
यहाँ के स्थानीय लोग बताते हैं कि इस मंदिर पर लोगों की काफी ज़्यादा आस्था है वहीँ न सिर्फ आस पास से लोग यहाँ आते हैं बल्कि दूर दूर से भी सैकड़ों लोग अब बजरंगबली के इस मंदिर में आते हैं। वहीँ आपको बता दें कि ऐसा सप्ताह में मात्र दो दिन ही होता है मंगलवार और शनिवार। वहीँ मंदिर में प्रतिदिन पूजा-पाठ किया जाता है।
ऐसे मिली थी मंदिर में स्थापित मूर्ति
मान्यता है कि मंदिर में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति चंबल नदी से सालों पूर्व निकाली गयी थी। जिसके बाद इस मूर्ति को हिन्दू रीति रिवाज़ के साथ मंदिर में स्थापित किया गया और प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद यहाँ पूजा पाठ शुरू हुआ। वहीँ आस पास के शहरों में भी इस मंदिर के चमत्कार का लोगों को पता चला जिसके बाद लोग भारी संख्या में यहाँ आने लगे।
नोट: लोगों द्वारा प्राप्त जानकारियों के आधार पर इस आर्टिकल को लिखा गया है। न्यूज़ट्रैक इसकी पुष्टि नहीं करता है।