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Hardoi Famous Sweet Shop: हरदोई की सबसे प्रसिद्ध स्वीट शॉप, अंग्रेज़ भी यहाँ की इस मिठाई को खूब करते थे पसंद

Hardoi Famous Sweet Shop: हरदोई में ऐसी मिठाई की दुकान है जहाँ के पेड़े आज से 100 वर्ष पूर्व से काफी प्रसिद्ध हैं और इन्हे ब्रिटिश काल में अंग्रेज़ काफी पसंद करते थे।

Shweta Srivastava
Published on: 19 Sept 2024 6:42 AM IST
Hardoi Famous Sweet Shop
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Hardoi Famous Sweet Shop (Image Credit-Social Media)

Hardoi Famous Sweet Shop: हरदोई शहर का खानपान बेहद अलग और मशहूर है वहीँ यहाँ की मिठाई को लोग काफी पसंद करते हैं। आपको बता दें कि हरदोई की एक प्रसिद्ध मिठाई है जो हर किसी को काफी पसंद आती है। यहाँ इस मिठाई को यहाँ आने वाले लोग और रहने वाले सभी खूब पसंद करते हैं। वहीँ ये 100 वर्षों से भी ज़्यादा पुरानी दुकान पर मिलती है। आइये जानते हैं क्या है इस मिठाई की खासियत और आखिर क्यों ब्रिटिश काल में अंग्रेज़ों को भी ये खूब भाया करती थी।

हरदोई की प्रसिद्ध मिठाई शॉप

हरदोई की मिठाइयां बेहद मशहूर हैं जिसका स्वाद लोग अगर एक बार चख लें तो उनकी जुबां से नहीं जाता ऐसे में अगर आपने यहाँ की इस ख़ास दुकान के पेड़े खाये हैं तो आप अच्छे से जानते होंगें कि ये कितने स्वादिष्ट होते हैं। ये दुकान 100 साल पुरानी है और यहाँ मिलने वाले पेड़े अंग्रेज़ बेहद चाव से खाया करते थे। वहीँ आज भी इस दुकान के पेड़े न सिर्फ हरदोई बल्कि देश विदेश से आये लोग खरीदकर ले जाया करते हैं। इस दुकान का नाम है "अशर्फी लाल की मिठाई की दुकान।"

अशर्फी लाल की मिठाई की दुकान आज से नहीं बल्कि अंग्रेज़ों के समय से है इसकी शुरुआत अशर्फी लाल द्वारा की गयी थी जो आज से 100 साल पहले खोली गयी थी। उस समय देश में अंग्रेजी हुकूमत हुआ करती थी। उस समय भी इस दुकान के खोये के पेड़े काफी मशहूर थे। इस दुकान से कई बिटिश अंग्रेज अधिकारी पेड़े खरीदकर ले जाया करते थे।

इस मिठाई की पॉपुलैरिटी हरदोई शहर तक सीमित नहीं है बल्कि यहाँ अमेरिका, पाकिस्तान और सऊदी जैसे देशों के लोग आकर पेड़े ले जाते हैं। साथ ही यहाँ रहने वाले लोगों के रिश्तेदार भी उनसे यहाँ के इन पेड़ों की डिमांड करते रहते हैं। जब ब्रिटिश काल था तब अशर्फी लाल ही इस दुकान को अकेले चलाया करते थे।

इतने के मिलते हैं पेड़े

अशर्फी लाल की दुकान हरदोई के सांडी कस्बा में स्थित है और ये यहाँ 100 से हैं। साथ ही लोग इसे बाबा अशर्फी लाल की मिठाई की दुकान के नाम से जानते हैं। यूँ तो यहाँ की हर एक मिठाई का स्वाद बेहतरीन है लेकिन यहाँ के खोये के पेड़ों को बात ही अलग है। आज से 100 साल पहले इसके कीमत 2 रुपये और 4 रुपये सेर हुआ करती थी। वहीँ आज अगर आप यहाँ ये पेड़े लेने जाते हैं तो आपको इसके लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यहाँ छोटा पेड़ा आपको 320 रुपए किलो मिलेगा और बड़ा पेड़ा 360 रुपए किलो। वैसे इसके स्वाद के आगे ये कीमत कुछ ख़ास नहीं है।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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