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Haridwar Popular Shiv Mandir: जहां दीपक की ज्योत बुझी-दुर्घटना घटी, हरिद्वार के इस मंदिर से जुड़ा है रोचक रहस्य
Siddheshwar Mahadev Mandir: हरिद्वार का सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, हिंदू की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर के प्रति लोगों के बीच अपार श्रद्धा के साथ एक बात का भय भी देखा जाता है। आइए जानें इससे जुड़ा रहस्य।
Siddheshwar Mahadev Mandir Kaha Hai: ईश्वरीय चमत्कारों से भरे इस देश में कई रहस्यमई दिव्य मंदिर मौजूद हैं। जहां आस्था और रहस्य का अनोखा संगम देखने को मिलता है। ठीक ऐसे ही एक चमत्कारी मंदिर हरिद्वार में मौजूद है। वैसे तो साधु संन्यासियों की तपोस्थली मानी जाने वाली इस जगह पर अनगिनत दिव्य मंदिर विद्यमान हैं। जिनमें पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की धार्मिक मान्यता चलती चली आ रही है। इसी तरह के एक अनोखे रहस्य के चलते चर्चित शिव मंदिर हरिद्वार (Haridwar Popular Shiv Mandir) सिडकुल रोड पर शिवालिक नगर चौक के पास मौजूद है।
सिद्धेश्वर महादेव (Siddheshwar Mahadev Mandir) के नाम से लोकप्रिय इस मंदिर के प्रति लोगों के बीच अपार श्रद्धा के साथ एक बात का भय भी देखा जाता है। साथ ही मनौती पूरी करने वाले इस मंदिर में जिन व्यक्तियों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है उनके द्वारा मंदिर में घंटियां चढ़ाई जाती हैं। आइए जानते हैं सिडकुल रोड हरिद्वार स्थित इस शिव मंदिर से जुड़े महत्व के बारे में (Siddheshwar Mahadev Mandir Ka Mahatva)-
सड़क हादसों के लिए अभिशप्त हो चुकी थी सिडकुल रोड
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि इस मंदिर में जब तक ज्योति जलती रहती है, तब तक सड़क हादसों से लोगों की रक्षा होती रहती है। लेकिन जहां ज्योत बुझी वहीं, अशुभ घटनाएं घटित होनी शुरू हो जाती हैं। जिस मंदिर का जिक्र कर रहे हैं वह हरिद्वार का सिद्धेश्वर महादेव मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि जब तक इस मंदिर की स्थापना हरिद्वार सिडकुल रोड पर नहीं हुई थी तब तक वहां आए दिन भयंकर सड़क हादसे होते रहते थे। सिडकुल रोड को लेकर लोगों के बीच दहशत व्याप्त हो चुकी थी।
भयानक सड़क हादसों से रक्षा के लिए लोगों ने वहां मौजूद एक पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना शुरू किया। जिसके बाद से यहां तो दुर्घटनाएं होना कम हो गईं। साथ ही इस बात को भी महसूस किया कि जब जब ज्योत जल जाती थी, दुर्घटनाएं घटने लग जाती थीं। लोगों ने इस तरह का चमत्कार महसूस किया और वहां एक शिव मंदिर की स्थापना की गई। इसी के साथ ही मंदिर में अखंड ज्योत जलाने की परंपरा शुरू हुई। इस परंपरा के बाद से सड़क हादसों में कमी आती है। हालांकि अब पूरी तरह से सड़क हादसों पर रोक लग चुकी है लेकिन इस मंदिर में अखंड ज्योत की परम्परा कायम है।
मंदिर को लेकर प्रचलित है यह कहानी
इस मंदिर को लेकर प्रचलित एक किस्से के अनुसार, एक बार एक परिवार सिडकुल रोड से होकर कहीं जा रहा था। इसी जगह पर उनका एक्सीडेंट हो गया और वो जीवित नहीं बचे। इस घटना के उपरांत धीरे-धीरे इस जगह एक एक कर एक्सीडेंट की घटनाएं होती चली गईं। लगातार एक्सीडेंट होने से न सिर्फ बाहर से आने वाले बल्कि वहां के निवासी भी बहुत डरे-सहमे रहने लगे। जिसके बाद वहां के लोगों ने सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए सड़क के किनारे मौजूद पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना शुरू किया।
इस मंदिर को लेकर खास बात यह है कि लोग इस मंदिर में दुर्घटनों से बचने के लिए भगवान शिव के आगे दीपक जलाते हैं और भगवान शिव को घंटियां अर्पित करते हैं। लोगों में मान्यता है कि ऐसा करने से उनके साथ होने वाली किसी भी तरह की परेशानी और दुर्घटनाओं जैसी स्थितियां पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं। खास तौर से सोमवार और शनिवार को मंदिर में लोगो की भीड़ बाहर तक लग जाती है। वहीं, जिन लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है, उनके द्वारा मंदिर में घंटियां चढ़ाई जाती हैं।