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Haridwar Tilbhandeshwar Temple: हर 15 दिन में बढ़ता और घटता है हरिद्वार का ये चमत्कारी शिवलिंग

Haridwar Tilbhandeshwar Temple: उत्तराखंड देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है और यहां कई सारे धार्मिक स्थल है। चलिए एक चमत्कारी महादेव मंदिर के बारे में जानते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 28 Feb 2024 11:15 AM IST
Haridwar Tilbhandeshwar Temple
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Haridwar Tilbhandeshwar Temple (Photos - Social Media)

Haridwar Tilbhandeshwar Temple : भारत एक ऐतिहासिक और धार्मिक देश है, जो कई सारे राज्यों में बंटा हुआ है। यहां के हर राज्य की अपनी परंपरा और इतिहास है। किसी न किसी खासियतों की वजह से यहां के अलग-अलग राज्यों को पहचाना जाता है। पर्यटन के लिहाज से देखा जाए तो भारत के हर राज्य में कोई ना कोई स्थान मौजूद है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं तो भारत में आपको ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक सभी तरह के स्थान मिल जाएंगे। भारत में कई धार्मिक नगरी मौजूद है, जो अपने विशेष मंदिरों और उनके चमत्कारों की वजह से पहचानी जाती है। आज हम आपको एक चमत्कारी धार्मिक स्थल के बारे में बताते हैं जो भगवान शिव से जुड़ा हुआ है।

प्रसिद्ध है तिलभांडेश्वर शिवलिंग

उत्तराखंड का हरिद्वार बहुत ही प्रसिद्ध जगह है, जो अपने अंदर कई धार्मिक रहस्यों को समेटे हुए है। हम आपके यहां के स्वयंभू शिवलिंग तिलभांडेश्वर महादेव के बारे में बताने जा रहे हैं। ये शिवलिंग 15 दिन बढ़ता है और 15 दिन तिल तिल करके घटता है। यहां दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और लोगों का मानना है कि महादेव ने आज तक किसी को खाली हाथ नहीं भेजा।

Haridwar Tilbhandeshwar Temple


ऐसी है कहानी

तिलभाण्डेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब माता सती ने हवन यज्ञ में कूदकर अपने शरीर का त्याग किया था, तो भगवान शंकर राजा दक्ष पर क्रोधित होकर कनखल आए थे। जब महादेव कनखल आए थे, तो उनका विशाल महाकाल रूप था। जिसे महादेव ने सती घाट पर गंगा किनारे छोटा किया था।


जल चढ़ाने से पूरी होती है मन्नत

तिलभांडेश्वर महादेव का यह स्वयंभू शिवलिंग बहुत चमत्कारी है। शुक्ल पक्ष से 15 दिन तक यह तिल के बराबर बढ़ता है और कृष्ण पक्ष से 15 दिन तक तिल के बराबर घटता है। मान्यता के मुताबिक जो भी भक्त यहां आता है और अपनी परेशानी भोलेनाथ को बताता है उसके सारे दुख तिल तिल कर घटने लगते हैं। ये मंदिर सुबह 5:00 बजे खुलता है और शाम को 7:00 बजे संध्या आरती के बाद बंद हो जाता है। ऐसा बताया जाता है कि अगर 40 दिनों तक लगातार यहां पर जल चढ़ाया जाता है तो सारी मनोकामना पूरी होती है।

Haridwar Tilbhandeshwar Temple




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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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