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Dwarkadhish Temple: यहां भक्तों से बातें करती हैं भगवान की आंखें, क्या आपने देखा लखनऊ का ये मंदिर

Temples of Lucknow : भारत में ऐसी कई जगह है जो अपने ऐतिहासिक महत्व के चलते पहचानी जाती है। आज हम आपको लखनऊ के एक चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 8 Feb 2024 12:15 PM IST (Updated on: 8 Feb 2024 12:16 PM IST)
Temples of Lucknow
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Temples of Lucknow (Photos - Social Media)

Temples of Lucknow : लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसे एक ऐतिहासिक शहर के रूप में भी पहचाना जाता है। यहां पर एक नहीं बल्कि कई ऐतिहासिक धरोहर है जो अपने अंदर गहरा इतिहास समेटे हुए है। इस शहर में एक ऐसा मंदिर भी है। जो अपनी अपार सुंदरता और चमत्कार के लिए पहचाना जाता है। 400 साल पुराना यह मंदिर अपनी खूबसूरत नक्काशी के लिए पहचाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां पर पहुंचते हैं।

400 साल पुराना ये मंदिर द्वारकाधीश का है, यहां की मूर्ति भी 400 साल पुरानी है। यह मूर्ति अपनी विशेषता के लिए पहचानी जाती है। जब भक्त इस मूर्ति की आंखों में देखता है तो मानो ऐसा लगता हैं की भगवान स्वयं ही प्रकट हो गए हैं।

पूरी होती है मनोकामना

ये मंदिर न सिर्फ अपने 400 साल पुराने इतिहास बल्कि मान्यताओं के चलते भी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे दिल से मनोकामना लेकर पहुंचता है। उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती है। यह मंदिर सुबह 6:00 से दोपहर 12:00 बजे तक। उसके बाद शाम 4:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहता है।


नक्काशी है लाजवाब

जैसा कि हमने बताया यह मंदिर अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है तो इसमें भला यहां की नक्काशी कैसे शामिल नहीं होगी। इस मंदिर की खूबसूरत नक्काशी और स्थापत्य कला की बदौलत यह ऐतिहासिक जगह में शामिल हुआ है। मान्यताओं के मुताबिक यह ना सिर्फ भक्तों को आकर्षित करती है बल्कि कला प्रेमियों के लिए भी यह पसंदीदा जगह है। यह मंदिर लखनऊ के द्वारकाधीश चौक पर मौजूद है जिसका नाम इसी मंदिर के नाम पर रखा गया है। यहां आने के लिए आपको चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो या टैक्सी करनी होगी।

श्री वेंकटेश्वर मंदिर

लखनऊ के द्वारकाधीश मंदिर के साथ यहां का श्री वेंकटेश्वर मंदिर भी बहुत फेमस है। जब आप इस मंदिर में जायेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि आप साउथ इंडिया के किसी मंदिर में आ गए हैं। यह मंदिर बालाजी को समर्पित किया गया है जो पूरी तरह से दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला के हिसाब से बनाया गया है। यहां की नक्काशी दक्षिण भारत के मंदिरों की तरह ही दिखाई देती है। यहां पर भगवान बालाजी के साथ देवी पद्मावती और नवग्रह की मूर्तियां विराजित है। गर्मियों के दिनों में सुबह 6:00 से 11:00 बजे और शाम 5:00 बजे से 8:00 बजे तक खुलता है। सर्दियों में इसके खुलने का समय सुबह 7:00 से दोपहर 12:00 तक और शाम 4:00 बजे से 7:00 तक खुला रहता है। इसके दर्शन करने के लिए आपको बंथरा सिकंदरपुर लखनऊ जाना होगा। आप आसानी से टैक्सी और ऑटो के जरिए यहां जा सकते हैं।





Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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