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Hidden Tourist Places: घूमने की ऐसी जगहें,जिनके बारे में बहुत कम लोगों को है जानकारी, यहां की खूबसूरती में खो जाएंगे आप

Hidden Tourist Places, India: भारत में घूमने के लिए कई छिपे हुए स्थान हैं जो अपरिचित और आकर्षक हैं। आइये जानते है भारत के कुछ सुन्दर ओर छिपे हुए स्थानों के बारे में जहाँ आपको कम संख्या में पर्यटक नज़र आएंगे।

Vertika Sonakia
Published on: 28 Jun 2023 5:38 AM GMT
Hidden Tourist Places: घूमने की ऐसी जगहें,जिनके बारे में बहुत कम लोगों को है जानकारी, यहां की खूबसूरती में खो जाएंगे आप
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Hidden Tourist Places, India (Photo: Social Media)

Hidden Tourist Places, India: भारत में घूमने के लिए कई छिपे हुए स्थान हैं जो अपरिचित और आकर्षक हैं। ये स्थान आपको देश की रहस्यमयी और छिपी खूबसूरती का अनुभव करने का मौका देते हैं। इन छिपे हुए स्थानों में शांतिपूर्णता, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का आनंद लेने का अद्वितीय अनुभव होता है। आइये जानते है भारत के कुछ सुन्दर ओर छिपे हुए स्थानों के बारे में जहाँ आपको कम संख्या में पर्यटक नज़र आएंगे।

1) चेट्टिनाड पैलेस, तमिलनाडु: चेट्टीनाड पैलेस, जो कि तमिलनाडु, भारत में स्थित है, एक मशहूर और प्राचीन किले का नाम है। यह किला कराईकुडी नगर में स्थित है और चेट्टीनाड क्षेत्र के इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।
चेट्टीनाड पैलेस का निर्माण 19वीं सदी में चेट्टीनाड वंशवादी राजवंश के सदस्यों द्वारा हुआ था। इसका निर्माण स्थानीय चेट्टीनाड वास्तुकला शैली में किया गया है, जिसमें आधुनिकता और परम्परा का मेल मिलाप होता है।
चेट्टीनाड पैलेस के मुख्य भवन में अनेक साम्राज्यिक कक्ष, महलों, सभागृह और उद्यान हैं। इसके अलावा, इस किले में आभूषणों, कला के उत्कृष्ट आदान-प्रदान, और पुरातात्विक संग्रहालय भी हैं। यहां आप चेट्टीनाड वास्तुकला के शानदार उदाहरणों को देख सकते हैं जो इस क्षेत्र के मार्मिकता और विस्तार को दर्शाते हैं।

2) 13 आर्च ब्रिज, केरल: 13 आर्च ब्रिज, जो केरल, भारत में स्थित है, एक प्रसिद्ध पुल है जिसे त्रेणवेली नगर में स्थापित किया गया है। इसे 'पट्टारा ब्रिज' भी कहा जाता है, क्योंकि इसका निर्माण पट्टारा नदी पर हुआ है।
13 आर्च ब्रिज का निर्माण अंग्रेजों द्वारा कोलकाता रेलवे के लिए किया गया था और यह एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इस पुल का निर्माण वर्ष 1887 में पूरा हुआ था और यह भारतीय रेलवे इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल है।
यह पुल काष्ठ और इस्पात के आधार पर बना हुआ है और इसमें कुल में 13 आर्च हैं, जो इसे एक आश्चर्यजनक दृश्य बनाते हैं। इस पुल की ऊँचाई और अद्वितीय वास्तुकला उसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती है।
13 आर्च ब्रिज को देखने के लिए पर्यटक यहां आते हैं और इसे इस क्षेत्र की सबसे पहचाने जाने वाली यात्रा आवश्यकताओं में से एक माना जाता है। इस पुल से आप पट्टारा नदी के सुंदर और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते है।

3) ताड़ा वॉटरफॉल: ताड़ा वॉटरफॉल, जिसे आंध्र प्रदेश, भारत में स्थित है, एक प्रसिद्ध प्राकृतिक जलप्रपात है। यह जलप्रपात चित्तूर जिले के ताड़ा ग्राम में स्थित है और देवारकोंडा अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पूर्वी तट के निकट स्थित है।
ताड़ा जलप्रपात आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता के साथ विख्यात है। इसे "उड़यगिरि" भी कहा जाता है क्योंकि यह अपनी ऊँचाई के कारण पर्यटनकारों को आकर्षित करता है।
ताड़ा वॉटरफॉल को पहुंचने के लिए आपको एक क्षेत्रीय यात्रा करनी होगी। इसमें पहाड़ों की चढ़ाई, रेगिस्तानी भूमि, वन्य जीवन और प्राकृतिक नदी जीवन का आनंद लेने का मौका मिलता है। ताड़ा जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 100 फीट है और इसके आसपास का वातावरण शांतिपूर्ण और प्राकृतिक है।
ताड़ा वॉटरफॉल आंध्र प्रदेश में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। इसे प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से एक अनोखा स्थान माना जाता है।

4) झटिंगरी, हिमाचल प्रदेश: झटिंगरी, हिमाचल प्रदेश में स्थित एक पर्वतीय इलाका है। यह स्थान सोलन जिले में स्थित है और पर्यटन के लिए बहुतप्रसिद्ध है।
झटिंगरी घाटी वन्य जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक माहौल के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटक प्राकृतिक नदियों, धुंधल जलप्रपातों, घाटी में घूमने के लिए रास्तों, आरामदायक विश्राम केंद्रों और पर्वतीय तीर्थस्थलों का आनंद ले सकते हैं।
यहां आप घने जंगल, हरे मैदान, चरागाहों और वन्यजीवों की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं। यहां कई प्रकार के पक्षी, जंगली जानवर और फूल पाए जाते हैं।
झटिंगरी इलाका भी आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पर्यटक धार्मिक आराधना के लिए आध्यात्मिक आश्रम, मंदिर और विश्राम केंद्रों का दौरा कर सकते हैं। झटिंगरी में आपको शांति, स्वयंसेवा, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलेगा।

5) दूधपत्री, कश्मीर: दूधपत्री, कश्मीर में स्थित एक प्राकृतिक सुंदरता स्थल है। यह स्थान जम्मू और कश्मीर के बादगाम जिले में स्थित है और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है।
दूधपत्री को उसके चारों ओर के वृक्षों और धाराओं के लिए जाना जाता है जो इसे आदर्श एवं प्राकृतिक एक जगह बनाते हैं। इसका नाम दूधपत्री उसके चारों ओर घास के मैदानों के कारण प्राप्त हुआ है, जो बहुत ही हरे-भरे होते हैं और आपको एक शानदार दृश्य प्रदान करते हैं।
दूधपत्री में पेड़ों की छाया, धुंधल जलप्रपात, शांत नदियों, फूलों की सुंदरता और प्राकृतिक बागीचे का आनंद लिया जा सकता है। यहां पर्यटक घुटने या हाइकिंग करके इस सुंदर इलाके का आनंद ले सकते हैं।
दूधपत्री कश्मीर में पर्यटन का एक मशहूर स्थान माना जाता है। इसे प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से एक अनोखा स्थान माना जाता है और यहां पर्यटक शांति और प्रकृति का आनंद लेते हैं।

6) इडुक्की,केरल : इडुक्की, केरल में स्थित एक जिला है जो दक्षिण भारत में स्थित है। यह जिला घाटीय प्रदेश में स्थित होने के कारण पर्यटन के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
इडुक्की की विशेषता उच्च पहाड़ों, प्राकृतिक झरनों, नदियों, धाराओं, घाटियों, जंगलों और प्राकृतिक सौंदर्य में है। इसे एक पर्यटन उद्यान के रूप में मान्यता प्राप्त है और यहां पर्यटकों को अन्योन्य संवाद, ट्रेकिंग, वन्यजीव देखभाल केंद्र, नैचरल साइट्स, आरामदायक रिजॉर्ट्स, पहाड़ी यात्राओं और प्राकृतिक जलप्रपातों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
इडुक्की का प्रमुख पर्यटन स्थल मेजोरी प्रकृतिक जलप्रपात है, जिसे केसरी जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का सबसे ऊँचा आध्यात्मिक जलप्रपात है और एक बड़ा पर्यटन आकर्षण है। इसके अलावा, इडुक्की में मटचिप्पारा जलप्रपात, कुरुवा द्वीप, पीरुमेडु जलप्रपात, आनायिरंगला वन्यजीव अभयारण्य आदि दर्शनीय स्थल है।

7)अदालज, गुजरात: अदालज, गुजरात में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह गुजरात के गांधीनगर जिले में स्थित है और अहमदाबाद से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अदालज का प्रमुख आकर्षण है "अदालज वाव" जो एक प्राचीन बावड़ी (वेल) है। इसे मुग़ल वाव के नाम से भी जाना जाता है। यह वाव गुजराती स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
अदालज वाव का निर्माण वर्ष 1499 में महमूद बेगड़ा द्वारा किया गया था। यह वाव अद्वितीय वास्तुकला और सुंदर संरचना के लिए प्रसिद्ध है। इसकी मुख्यता पर्यावरण और जलसंरक्षण के लिए बनाई गई विशेषताएं हैं। इसकी दीवारों पर अद्वितीय नक्काशी की गई है जो इसे चमकदार और आकर्षक बनाती है।
अदालज वाव में प्रवेश करने पर आप उसकी सुंदरता, स्थापत्य कला और मुग़ल संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।

8) मैथन, झारखंड: मैथन, झारखंड में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह झारखंड के ढानबाद जिले में स्थित है और दामोदर नदी पर स्थित है।
मैथन डैम मैथन प्रकरण में बना है और यह झारखंड का सबसे बड़ा जलाशय है। इसे भी जलश्रोत बिंदु के रूप में जाना जाता है। मैथन डैम की ऊचाई 165 फीट है और यह दामोदर नदी को रोककर मैथन झील का निर्माण करता है।
मैथन झील पानी का उचित आपूर्ति करने के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहां पर्यटक वाटर स्पोर्ट्स, जैसे कि बोटिंग, जेट स्कीइंग, केनोइंग और मछली पकड़ने का आनंद ले सकते हैं।
मैथन झील के आसपास आप पर्यटन के लिए आरामदायक रिजॉर्ट्स भी पाएंगे। यहां पर्यटक शांतिपूर्ण और प्राकृतिक माहौल में आराम कर सकते हैं और दामोदर नदी के प्रशान्त मंजर का आनंद ले सकते हैं। मैथन झारखंड में आपको प्रकृति, जलवायु, जलाशय, और पर्यटन के आनंद का एक अद्वितीय स्थान है।

9) डॉ. सलीम अली बर्ड सेंचुरी, गोवा: डॉ. सलीम अली बर्ड सेंचुरी, गोवा में स्थित है और यह एक महत्वपूर्ण पक्षी संरक्षण क्षेत्र है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित है और पश्चिमी घाटी क्षेत्र में स्थित है।
डॉ. सलीम अली बर्ड सेंचुरी को डॉ. सलीम अली के नाम पर समर्पित किया गया है, जो भारत के प्रमुख पक्षी वैज्ञानिकों में से एक थे। यह पक्षी अभयारण्य अनेक प्रजातियों के पक्षियों के लिए घर है और पक्षी दर्शन करने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है।
यहां पर्यटक पक्षियों की अद्वितीय जातियों को देखने का आनंद ले सकते हैं। इस अभयारण्य में प्रमुख पक्षी जैसे कि किंगफिशर, इग्रेट, हेरन, पेलिकन, अपार्टन, और गालिन्या जैसी पक्षियाँ देखी जा सकती हैं। यहां आपको पक्षी समृद्धि के साथ-साथ अद्वितीय पक्षी फोटोग्राफी का भी मौका मिलेगा। डॉ. सलीम अली पक्षी अभयारण्य में गाइड के साथ पक्षी देखने का व्यवस्था है।

10) चिखलधारा, महाराष्ट्र: चिखलधारा, महाराष्ट्र में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बुलढाणा जिले में स्थित है और सातपुड़ा पर्वत श्रृंग क्षेत्र में स्थित है।
चिखलधारा उच्चतम पर्वत श्रृंगों में से एक है और यह नाग्जिरी पहाड़ी रेंज में स्थित है। यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, जैसे कि घने वन, छोटे झरने, वन्य जीव, और पहाड़ी दृश्य।
चिखलधारा में वन्य जीवन भी विशेष आकर्षण है। यहां आपको वन्य जानवरों जैसे कि बाघ, सियार, चीतल, नीलगाय, और अन्य प्रजातियों को देखने का अवसर मिलता है।
चिखलधारा का मौसम शानदार होता है, जिसे पर्यटक शीतकालीन पर्यटन के लिए भी पसंद करते हैं। यहां पर्यटक हाइकिंग, ट्रेकिंग, पिकनिक करने का आनंद ले सकते हैं और पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं, जैसे कि जामघाट नदी, धोटरा जलप्रपात, कोंसार वन्यजीव अभयारण्य, बीर खानपुर जलप्रपात, और गाविलगड किला।

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