TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Himachal Famous Shiv Mandir: हिमालय में एक ऐसा शिव मंदिर जो पूरे 8 महीने में रहता है गायब

Famous Shiv Mandir: बाथू की लड़ी एक आकर्षक पर्यटन स्थल है, हरे-भरे हरियाली से घिरा, यह प्रकृति प्रेमियों और साहसिक चाहने वालों के लिए एक शांत स्थान प्रदान करता है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 3 May 2024 3:50 PM IST
Bathu ki Ladi Mandir
X

Himachal Pradesh Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Bathu Ki Ladi Mandir: हिमाचल प्रदेश में एक खुबसूरत मंदिर है हालांकि यह मंदिर 8 महीना गायब रहता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। बाथू की लड़ी एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। हरे-भरे हरियाली से घिरा, यह प्रकृति प्रेमियों और साहसिक चाहने वालों के लिए एक शांत स्थान प्रदान करता है। बाथू की लड़ी का मुख्य आकर्षण इसकी सुरम्य झील है, जो अपने क्रिस्टल-साफ़ पानी और शांत वातावरण के लिए जानी जाती है। पर्यटक झील पर नौकायन का आनंद ले सकते हैं और पानी से घिरे मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

बाथू मंदिर या लोकप्रिय रूप से "बाथु की लड़ी" के नाम से जाना जाता है। लाडी का अर्थ है एक श्रृंखला है, क्योंकि मंदिरों को एक श्रृंखला प्रारूप में रखा गया है। वहीं, "बाथू" नामक एक विशेष पत्थर से बने हैं,यह पोंग बांध के भीतर कांगड़ा जिले में स्थित है। यह धमेटा, जवाली और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।

लोकेशन: कांगड़ा, जगनोली, हिमाचल प्रदेश

समय: 24 घंटे



इस महीने में कर सकते है दर्शन

इस मंदिर के दौरे के लिए आप अप्रैल से जून तक में भी कभी भी जा सकते हैं। इस दौरान मंदिर में दर्शन हो सकते है। क्योंकि पानी कम हो जाता हैं।मंदिर निस्संदेह उत्कृष्ट वास्तुकला का चमत्कार हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन्हें पांडवों के समय में बनाया गया था। माना जाता है कि स्वर्ग तक ले जाने वाली सीढ़ियाँ अभी भी यहां पर मौजूद हैं, हालांकि इसका कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है।



घूमने के लिए एक सुखद अनुभव

ये मंदिर के पास पानी होता है, जिसने हर साल 8 महीने तक बांध में डूबे रहने के बाद भी मंदिर को लगभग सही स्थिति में रखा है। यदि आपको यात्रा के दौरान थोड़ा पानी दिखे तो मंदिर तक पहुंचने के लिए छोटी नावों की मदद ली जा सकती है। मंदिर सुंदर हैं और प्राचीन स्थिति में हैं। कुछ थोड़े क्षतिग्रस्त हैं लेकिन यात्रा का पूरा अनुभव लेने के लिए यह सब कवर कर सकते है। आपको नींबू सोडा और आइसक्रीम बेचने वाली एक या दो दुकानें भी मिल जाएंगी, क्योंकि यहां काफी गर्मी होती है और कभी-कभी गर्म हवा भी चलती है।



नाव से कर सकते है सवारी

नाव आपको किनारे से मंदिर तक ले जाएगी और वापस उसी स्थान पर ले आएगी। नाव की सवारी का शुल्क ₹100/- प्रति व्यक्ति है। आप अपने साथ एक छाता ले जाएं, क्योंकि वहां सूरज बहुत गर्म है जिससे तेज़ धूप रहती हैं, नावों पर कोई छाया या छत नहीं है।



इस तरह डूबा है मंदिर

बाथू मंदिर, जिसे स्थानीय तौर पर बाथू की लड़ी के नाम से जाना जाता है। भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मंदिरों का एक समूह है, जिसमें मुख्य मंदिर देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। ये मंदिर 1970 के दशक की शुरुआत में पोंग बांध द्वारा बनाए गए जलाशय से महाराणा प्रताप सागर में डूब गए थे। तब से, इन मंदिरों तक केवल मई से जून तक ही पहुंचा जा सकता है जब जल स्तर कम हो जाता है। मंदिरों तक धमेटा और नगरोटा सूरियां से नाव द्वारा और जवाली से सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। मंदिर स्थल के पास कई छोटे-छोटे गाँव हैं, जिनमें गुगलारा, सुगनारा, हरसर, जरोट, बजेरा, कटनोर, खाबल, लुड्रेट और भियाल शामिल हैं।



मंदिर में जुड़ी है रहस्यमयी घटना

यह मंदिर हर साल 8 महीनों के लिए गायब हो जाता है, ये शिव मंदिर हिमाचल के कांगड़ा मे स्थित है। ये रहस्यमयी 'बाथू की लड़ी' मंदिर है। ये मंदिर महाराणा प्रताप झील पर बना है, जो 4 महीनों के लिए भक्तो को दर्शन देने के लिए ही प्रकट हो जाता है फिर अपने आप पानी में समा जाता है। 8 महीने पानी मे डूबने के बाद भी ये मंदिर पहले जैसा ही रहता है। इस मंदिर मे स्वर्ग की ओर जाने वाली 40 सीढ़ियां मौजूद है जिसे पांडवो ने सिर्फ एक रात मे बनाया था। यहा पर भीम द्वारा फेका गया एक पत्थर है जिसपर आज भी कोई कंकर मारे तो उससे खुन निकलता है यह मंदिर जुलाई से फरबरी तक पानी मे डूबा रहता है।



\
Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story