Himachal Fampus Mandir: एक ही पहाड़ की चट्टान को काटकर बना है यह हिंदू मंदिर, यहां चढ़ावा चढ़ाना है मना

Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal : भारत में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल मौजूद है जो अपने इतिहास और खासियत की वजह से पहचाने जाते हैं। चलिए आज आपको पहाड़ की चट्टान को काटकर बनाएंगे मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 23 July 2024 2:48 PM GMT
Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal
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Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal (Photos - Social Media)

Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal : भारत में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल मौजूद है जो अपने इतिहास और खासियत की वजह से पहचाने जाते हैं। चलिए आज आपको पहाड़ की चट्टान को काटकर बनाएंगे मंदिर के बारे में बताते हैं। देशभर में एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल और धार्मिक स्थान मौजूद है जहां अक्सर पर्यटकपहुंचते हैं। हिमाचल प्रदेश एक ऐसी जगह है जो अपने बर्फ से ढके हुए पहाड़ों और खूबसूरत नजारों के लिए पहचानी जाती है। हिमाचल प्रदेश में कहीं प्राचीन मंदिर भी मौजूद है जिनका हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो मंदिरों से जुड़े इतिहास में रुचि रखते हैं तो आपको मसरूर रॉक कट टेंपल के बारे में जरूर जानना चाहिए। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है और पहाड़ के एक पत्थर को तराश कर इसे बनाया गया है। जब आप इसे देखेंगे तो सच में पड़ जाएंगे कि बिना किसी टेक्नालॉजी के पुराने समय में आखिरकार किस तरह से मंदिर का निर्माण किया गया था। चल जानते हैं कि यहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है और इसकी खासियत क्या है।

मंदिर में लगती है टिकट (Tickets Are Issued in The Temple)

अगर आप इस मंदिर का दीदार करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको टिकट लेना होगी जिसे आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या फिर यहां पहुंच कर भी टिकट लिया जा सकता है। इंडियन एडल्ट के लिए यहां ₹20 टिकट लगती है। समुद्र तल से यह 2535 फीट की ऊंचाई पर मौजूदहै। इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ था और इसे बनाने में किसी भी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया।

Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal


मंदिर के सामने है झील (There Is a Lake In Front Of The Temple)

यह मंदिर बहुत ही दिलचस्प है और काफी खूबसूरत भी है। यहां आपको कहीं सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे। मंदिर के ठीक सामने एक सुंदर झील है जो इस जगह की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करतीहै। थोड़ी ही दूरी पर एक सुंदर व्यू प्वाइंट मौजूद है जहां प्रकृति के अद्भुत नजारे दिखाई देते हैं।

120 साल पहले आया था मंदिर में भूकंप (There Was An Earthquake In The Temple 120 Years Ago)

यह मंदिर वैसे तो बहुत खूबसूरत है लेकिन लगभग 120 साल पहले यानी की 1905 में एक भयंकर भूकंप आया था जिस वजह से इसकी दीवारें डैमेज हो गई थी। हालांकि भूकंप मंदिर का ज्यादा नुकसान नहीं कर पाया पर आज भी यहां पर भगवान शिव विष्णु की प्राचीन मूर्तियां मौजूद है।

Rock-Cut Temples Of Masrur Himachal


पैसे चढ़ाने की नही है अनुमति (Donation of Money is Not Allowed)

हम जब भी मंदिरों में जाते हैं तो वहां पर दान पत्र होता है जिसमें हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार कुछ ना कुछ डालता है। लेकिन इस मंदिर में पैसे चढ़ाने की अनुमति नहीं है। यहां पर आपको राम जी लक्ष्मण जी और सीता जी की मूर्ति देखने को मिलेगी। यह मंदिर क्लोज कल सर्वे आफ इंडिया के अंदर आता है इसलिए यहां पर पैसे चढ़ाने की मनाही है। यहां पर आपको माता दुर्गा, भगवान विष्णु, ब्रह्मा सूर्य और कई भगवानों की मूर्तियां खूबसूरत नक्काशी के रूप में देखने को मिलेगी।

कैसे पहुंचे मसरूर रॉक टेंपल (How To Reach Masroor Rock Temple)

अगर आप मसरूर रॉक टेंपल का दीदार करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हिमाचल के कांगड़ जिले में जाना होगा। मंदिर तक पहुंचने के लिए हवाई, सड़क और रेल मार्ग का उपयोग किया जा सकता है। दिल्ली से यह 460 किलोमीटर दूर मौजूद है और धर्मशाला से इसकी दूरी 45 किलोमीटर पड़ती है। यहां का निकटतम एयरपोर्ट कांगड़ है जो मंदिर से 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। नजदीकी रेलवे स्टेशन नगरोटा सूरियां पड़ता है।

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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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