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Maharashtra Torna Fort History: मराठा साम्राज्य का पहला किला 'तोरणा' का क्या है इतिहास, आइये जानते हैं

Maharashtra Torna Fort History: तोरणा किला महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। इस किले का ऐतिहासिक महत्त्व अधिक है। आइए जानते हैं इस किले के इतिहास के बारे में।

Shivani Jawanjal
Written By Shivani Jawanjal
Published on: 22 Jan 2025 12:11 PM IST
Torna Ka Kila: मराठा साम्राज्य का पहला किला तोरणा का क्या है इतिहास, आइये जानते हैं
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Torna Ka Kila (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Torna Fort History: तोरणा किला (Torna Fort), जिसे प्रचंडगढ़ (Prachandagarh) भी कहा जाता है, महाराष्ट्र (Maharashtra) के इतिहास का अभिन्न हिस्सा है । यह किला महाराष्ट्र राज्य के पुणे (Pune) जिले में स्थित एक विशाल किला है। यह वही स्थान है जिस पर 1646 में केवल 16 वर्ष की आयु में शिवाजी महाराज ने नियंत्रण हासिल किया था, उनके द्वारा जीता गया यह पहला किला था। इसीलिए इस किले का ऐतिहासिक महत्त्व अधिक है। यह किला समुद्रतल से 1,403 मीटर (4,603 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जिससे यह जिले का सबसे ऊंचा किलेनुमा पहाड़ बन जाता है। आइये जानते हैं इसके इतिहास के बारे में।

तोरणा किले का इतिहास (Torna Kila Ka Itihas)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

• निर्माण और प्रारंभिक इतिहास:- इस किले का निर्माण 13वीं शताब्दी में शिवा पंथ द्वारा करवाया गया माना जाता है। किले के प्रवेश द्वार के पास मेघाई देवी का मंदिर है, जिसे तोरणाजी मंदिर (Tornaji Temple) भी कहा जाता है।

• बहमनी शासकों का कब्जा:- 1470 के दशक के अंत में बहमनी शासक मलिक अहमद ने इस किले पर कब्जा किया। यह घटना अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में हुई।

• शिवाजी महाराज का अधिकार (1646):- शिवाजी ने 1646 में मात्र 16 वर्ष की आयु में इस किले पर कब्जा किया।

• यह मराठा साम्राज्य का पहला किला (First fort of Maratha Empire) बना। शिवाजी ने इस किले का नाम बदलकर 'प्रचंडगढ़' (प्रचंड का अर्थ विशाल और गढ़ का अर्थ किला) रखा। इसके अंदर कई स्मारक और मीनारें बनवाईं।

• मुगल साम्राज्य का अधिकार:- 18वीं शताब्दी में शिवाजी के पुत्र संभाजी राजे की हत्या के बाद मुगलों ने इस किले पर कब्जा कर लिया। मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने किले का नाम बदलकर 'फतहुलगैब' रखा।

• मराठा संघ को वापसी:- 1670 में पुरंदर की संधि के तहत यह किला वापस मराठा संघ को सौंप दिया गया। लंबे समय तक मराठा साम्राज्य का केंद्र बना रहा।

तोरणा किले की वास्तुकला (Architecture of Torna Fort)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

• स्थान और लोकप्रियता:- तोरणा किला महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है और हाल के वर्षों में ट्रेकर्स के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। यह ऐतिहासिक किला पर्यटन सीजन के दौरान इतिहास प्रेमियों से भरा रहता है।

• ऊंचाई और स्थिति:- यह किला समुद्र तल से लगभग 1,400 मीटर की ऊंचाई पर, पश्चिमी घाट (सह्याद्री पर्वत श्रृंखला) की एक पहाड़ी पर स्थित है।

• रचना और संरचना:- किला विशाल पत्थर की प्राचीर से घिरा हुआ है। किले तक पहुंचने के लिए सात दरवाजों से होकर गुजरना पड़ता है। जिसमे बिन्नी दरवाजा और कोठी दरवाजा का समावेश है ।बिन्नी दरवाजा आधार के पास पहला प्रवेश द्वार है तो वही कोठी दरवाजा मुख्य और अंतिम प्रवेश द्वार है ।

• अन्य विशेषताएं:- किले के अंदर एक संकरी गली दोनों तरफ ऊंची दीवारों के बीच से गुजरती है, जो विभिन्न संरचनाओं और गढ़ के अन्य हिस्सों तक जाती है।किले में अन्न भंडार, गार्ड रूम और विश्राम क्षेत्र जैसे खंडहर देखने को मिलते हैं। किले के आसपास कई पानी के टैंक और प्राचीन मंदिर स्थित हैं।

तोरणा किले का ऐतिहासिक, राजनीतिक और पर्यटन महत्त्व

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

• ऐतिहासिक महत्व:- इसके निर्माण से लेकर यह किला कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी बना। जिसमे 1646 में, छत्रपति शिवाजी महाराज का किले पर कब्जा यह एक महत्वपूर्ण घटना है, जो इस किले को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनता है ।

• राजनीतिक महत्व:- यह किला मराठा साम्राज्य के विस्तार का पहला कदम था। शिवाजी ने इस किले से ही अपने साम्राज्य की नींव रखी।

• पर्यटन महत्व:- यह किला साहसिक पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है। किले तक पहुँचने का ट्रेक पश्चिमी घाट की सुंदरता और रोमांच का अनुभव प्रदान करता है। किले के भीतर मेघाई देवी मंदिर और ऐतिहासिक स्मारक आकर्षण का केंद्र हैं। मानसून के दौरान किले का सौंदर्य और भी बढ़ जाता है, जब आसपास की हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है। तोरणा किला ट्रेकिंग के शौकीनों के बीच काफी लोकप्रिय है, खासकर दक्षिण-पश्चिम मानसून के बाद सितंबर से दिसंबर के महीनों में। जिला कलेक्टर के आदेश के अनुसार, किले पर रुकने की अनुमति नहीं है।सभी पर्यटकों को शाम 5:00 बजे तक किला छोड़ने के लिए कहा जाता है।

तोरणा किले से कई अन्य किले जैसे रायगढ़, लिंगाणा, राजगढ़, पुरंदर किला और सिंहगढ़ को देखा जा सकता है। इसके अलावा, किले से दिखने वाले अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में बुढ़ला माची, जूंगर माची, कोठी दरवाजा, कोंकण दरवाजा, मेघाई देवी का मंदिर, बिनी दरवाजा, सदर और तोरणजी देवी का मंदिर शामिल हैं।

तोरणा किला ऐतिहासिक धरोहर होने के साथ-साथ महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

कहां स्थित है तोरणा किला

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

तोरणा किला पुणे से पाबे घाट के रास्ते पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित है, जो सह्याद्री पर्वत श्रृंखला के पश्चिमी घाटों में आता है। इसका आधारगाँव वेल्हे है। पुणे से सतारा रोड होकर नसरापुर गांव तक पहुंचा जा सकता है, जहाँ से दाहिनी ओर मुड़कर किले तक पहुँचा जा सकता है। यह कुल दूरी करीब 65 किमी होती है। यह किला पुणे जिले का सबसे ऊँचा किला माना जाता है।



Shreya

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