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Prayagraj Bamrauli Airport History: देश के पहले चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एक था प्रयागराज का बमरौली एयरपोर्ट, जहां से सीधे सात समंदर पार जाती थी उड़ानें
Bamrauli Airport In Prayagraj: आज प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से भले ही वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सुविधा नहीं है। लेकिन एक दौर वो भी था जब यहां से हवाईजहाज सीधे सात समंदर पार कर आते और जाते थे। आइए जानें इस हवाई अड्डे का इतिहास।
Bamrauli Airport Prayagraj: इतिहास के पन्ने पलटें तो प्रयागराज (Prayagraj) से जुड़े अनगिनत किस्से भरे मिलेंगे आपको। बात चाहे धर्म कर्म से जुड़ी हो या यहां के ऐतिहासिक विरासत (Prayagraj Historical Heritage) की, अंग्रेजों के जमाने से ही प्रयागराज सबसे ज्यादा उन्नत शहर माना जाता रहा है। इसी कड़ी में हवाई सेवा (Air Service) के मामले में भी प्रयागराज का अग्रणी योगदान रहा है। प्रयागराज में हवाई सेवा की बात करें तो यहां मौजूद ऐतिहासिक हवाई अड्डे को कैसे बिसराया जा सकता है।
आज प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट (Bamrauli Airport) से भले ही वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय उड़ान (International Flight) की सुविधा नहीं है। लेकिन एक दौर वो भी था जब यहां से हवाईजहाज सीधे सात समंदर पार कर आते और जाते थे। अंग्रेजी शासन काल में यहां से सैन्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानें (Military International Flights) थीं। यह वो हवाई अड्डा (Airport) है जहां से बिना रुके सीधी लंदन के लिए फ्लाइट की सुविधा मुहैय्या थी। एक बार फिर इस ऐतिहासिक विरासत से जुड़े हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की कोशिशें जारी हैं।
स्पीडबर्ड एयर लाइन संचालित करती थी बमरौली पर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं
1931 में प्रयागराज में हवाई अड्डा स्थापित किया गया और ब्रिटेन के हवाई अड्डे पर विशेष रूप से प्रशिक्षित एक भारतीय हवाई अड्डा अधिकारी की नियुक्ति के साथ हवाई यातायात नियंत्रण सेवाओं की नींव रखी गई। प्रयागराज स्थित इस बमरौली हवाई अड्डे से 1932 तक लंदन के लिए सीधी उड़ान जाती थी जिसको स्पीडबर्ड एयर लाइन संचालित करती थी। वहीं 1946 तक यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जारी थीं। प्रयागराज में सन् 1919 में बमरौली एयरपोर्ट का निर्माण हुआ। 1924 तक यहां एयरफील्ड को भी विस्तार दिया गया। उस समय देश में चार हवाई अड्डे ही ऐसे थे जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आया-जाया करती थीं, बमरौली का एयरपोर्ट भी इसमें से एक था।
एयर रेस के पांच अनिवार्य पड़ाव में से एक था बमरौली
बमरौली ना सिर्फ अपनी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के लिए चर्चित रहा बल्कि एयर रेस (Air Race) के लिए भी इसे प्रमुखता से जाना जाता है। एयर रेस के लिए पांच अनिवार्य पड़ाव में से एक बमरौली हवाई अड्डा (Bamrauli Airport) मैकराबर्टसन ट्राफी एयर रेस (MacRobertson Trophy Air Race) का 1934 तक का अहम हिस्सा रहा है। जहां रेस में शामिल फ्लाइट को स्टापेज दिया जाता था। यह रेस ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर की सौंवीं सालगिरह पर आयोजित की गई थी।
प्रयागराज में बमरौली हवाई अड्डा
1919 में निर्मित किया गया था। बमरौली हवाई अड्डा अब प्रयागराज एयरपोर्ट (Prayagraj Airport) के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यहां से देश के कई शहरों के लिए उड़ान हैं। लेकिन मौजूदा समय में यहां से अभी घरेलू उड़ान की सेवाएं ही दी जा रहीं हैं। अभी यहां का रनवे व एयर ट्रैफिक कंट्रोल एयर फोर्स के हवाले है जबकि टर्मिनल और एप्रन की जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के नियंत्रण में है।
अपने आरंभिक दौर में ये एयरपोर्ट एयर फोर्स के एकाधिकार में था जबकि अब एयरफोर्स और एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित किया जाता है। हालांकि इस हवाई अड्डे से हवाई यात्राओं के नियमित संचालन के लिए 2018 में मिलने वाली आपरेशनल व स्ट्रक्चरल सुविधाओं में इजाफा किया गया है, जिसमें इंस्ट्रूमेंट लैडिंग सिस्टम की सुविधा के साथ कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
2019 में इस एयरपोर्ट को नये टर्मिनल की सुविधा मिलने के बाद से देश के विभिन्न शहरों के लिए यहां से यात्रियों को हवाई सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं। प्रयागराज में मौजूद इस हवाई अड्डे से वर्तमान समय में पटना, अहमदाबाद, बंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, दिल्ली, रायपुर, गोरखपुर, मुंबई, पुणे के लिए फ्लाइट की सुविधा मिलती हैं।
कुंभ को ध्यान में रखते हुए इस हवाई अड्डे में हुए हैं कई बड़े सुधार
कुंभ 2019 को ध्यान में रखते हुए, 2018 में एक नए सिविल टर्मिनल एक्सटेंशन के साथ हवाई अड्डे को अपग्रेड किए जाने की शुरुआत की गई थी, जिसका 2025 महाकुंभ तक पूरी तरह कायाकल्प कर दिया गया है।
274 करोड़ की लागत से बन रहा प्रयागराज एयरपोर्ट
महाकुंभ में दूसरे देशों से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सहूलियत को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट (Prayagraj Airport) को निर्मित किया गया है। एयरपोर्ट के निदेशक फर्रूख अहसन (Farrukh Ahsan) के मुताबिक, महाकुंभ में आने वाले यात्रियों की व्यवस्था को देखते हुए 274.38 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट का पुनर्विकास किया गया है। प्रयागराज एयरपोर्ट में अभी एक टर्मिनल बिल्डिंग है, जिसका क्षेत्रफल 6700 वर्ग मीटर है। इसमें दो तरह से बढ़ोत्तरी की गई है। एक तरफ जहां नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया गया है, तो वहीं पुराने टर्मिनल को नया स्वरूप मिला है।
महाकुंभ 2025 के प्रथम स्नान से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट को मिली नई सौगातें
महाकुंभ 2025 के पहले स्नान से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट को नई सौगातें मिल गईं। अब प्रयागराज एयरपोर्ट से रात की विमान सेवा शुरू हो गई। इस कड़ी में पहली बार इंदौर से उड़ान भरकर विमान प्रयागराज एयरपोर्ट पर लैंड भी कर चुका है। अब प्रयागराज एयरपोर्ट से 24 घंटे विमान सेवा शुरू रहेगी। रात में विमान सेवा शुरू होने के साथ ही प्रयागराज एयरपोर्ट पर कैट टू लाइट की शुरुआत हो गई है। साथ ही महाकुंभ को देखते हुए 25 शहरों के लिए विमानों की बुकिंग शुरू हो गई है।
इसके लिए दो टैक्सी बढ़ाए गए। प्रयागराज से इंदौर के लिए हर सोमवार को शाम 7.40 बजे विमान प्रस्थान करेगा और रात 9.40 बजे इंदौर पहुंचेगा। 15 जनवरी से नया टर्मिनल शुरू होने के बाद सुविधा और बढ़ जाएगी। अब यहां एक साथ 15 विमान खड़े हो सकते हैं। ऐसे में रात में विमानों के पार्किंग की भी समस्या नहीं आएगी। महाकुंभ के पहले सेना ने दिन-रात विमानों के संचालन की अनुमति दे दी। इसके बाद ही विमानन कंपनियों ने अपनी समय सारिणी में रात्रिकालीन विमानों के संचालन के लिए जगह भी दे दी है।
प्रयागराज से ये होंगी रात्रि उड़ानें
प्रयागराज से कनेक्टेड रात में यात्री उड़ानों में दिल्ली के लिए एक विमान रात 7.35 बजे उड़ान भरकर रात 9.25 बजे दिल्ली पहुंचेगा। जयपुर से एक उड़ान शुक्रवार को शाम पांच बजे रवाना होगी और शाम 6.50 बजे यहां आएगी। जबकि रविवार को प्रयागराज से जयपुर के लिए फ्लाइट शाम 6.45 बजे मिलेगी। भुवनेश्वर से प्रयागराज की फ्लाइट रात रात 11.05 बजे प्रत्येक बुधवार को आएगी और यहां से हर शुक्रवार को शाम साढ़े सात बजे भुवनेश्वर के लिए उड़ान भरेगी।
गुवाहाटी की फ्लाइट शुक्रवार को शाम 7.10 बजे आएगी, जबकि यहां से रविवार को रात 9.15 बजे प्रस्थान करेगी। कोलकाता से विमान मंगलवार, गुरुवार को रात 9.40 बजे यहां आएगा और यहां से मंगलवार, गुरुवार को रात 10.05 बजे कोलकाता के लिए उड़ान भरेगा। इसके अतिरिक्त कोलकाता की ओर से एक अन्य यात्री हवाई जहाज शाम 7.05 बजे प्रयागराज में लैंड करेगा, जबकि कोलकाता के लिए ये विमान प्रयागराज से हर शुक्रवार को शाम 7.35 बजे उड़ान भरेगा।