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Mirabai Temple Vrindavan: श्री कृष्ण की प्रेम में इस राजकुमारी ने त्याग दिया था राजसी वैभव, मथुरा में देखें ये भव्य मंदिर

History of Mirabai Temple Vrindavan: मथुरा वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण के कई सारे मंदिर हैं जहां भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। चलिए आज हम आपके यहां के प्रसिद्ध मीराबाई मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 29 Aug 2024 10:15 AM IST (Updated on: 29 Aug 2024 10:15 AM IST)
History of Mirabai Temple Vrindavan
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History of Mirabai Temple Vrindavan (Photos - Social Media)

History of Mirabai Temple Vrindavan : श्री कृष्ण के भक्त दुनिया भर में मिल जाते हैं और युगों युगों से ऐसे कई भक्त हुए हैं श्री कृष्ण के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। इन सब में मीराबाई का स्थान सबसे ऊंचा और अनूठा है। मीराबाई मंदिर मथुरा-वृंदावन के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है और यह वृंदावन में निधिवन के पास एक संकरी गली में सड़क से कुछ दूर स्थित हैI

प्रसिद्ध है मीराबाई का मंदिर (Mirabai's Temple Is Famous)

वृंदावन में निधिवन के पास मीराबाई का एक मंदिर मौजूद है। यह ब्रिज का वह पवित्र स्थान है जहां पर बचपन में श्री कृष्णा अपना अधिकतर समय व्यतीत किया करते थे। भगवान कृष्ण की लीला और मीराबाई की भक्ति का प्रतीक ये मंदिर काफी प्रसिद्ध है। मीराबाई राज परिवार से ताल्लुक रखती थी लेकिन उसके बावजूद भी भगवान कृष्ण की भक्ति में उन्होंने अपना राजसी वैभव त्याग दिया था। हजारों साल पुराना में मंदिर आज भी भक्तों को अपना और आकर्षित करने का काम करता है।

History of Mirabai Temple Vrindavan


ऐसी है मंदिर की बनावट (Structure Of The Temple)

हजारों साल पुरानी इस मंदिर की वास्तुकला में भारतीय शैली देखने को मिलती है। मंदिर की संरचना पवित्र संगमरमर से बनी हुई है। मंदिर का मुख्य हाल काफी बड़ा है जहां पर मीरा बाई की मूर्ति स्थापित है। यहां की दीवारों पर मीराबाई के जीवन की घटनाओं को चित्रित किया गया है। मंदिर परिसर में छोटा सा बगीचा भी बना हुआ है जो सुंदर है।

History of Mirabai Temple Vrindavan


मीराबाई मंदिर का इतिहास (History Of Mirabai Temple)

मीराबाई के मंदिर का निर्माण 1842 में बीकानेर राजघराने द्वारा करवाया गया था।। ऐसी मान्यता है कि 1524 से लेकर 1539 तक संत मीराबाई इसी स्थान पर रुकी थी। वास्तव में वह राजस्थान के मेड़ता घराने की राजकुमारी थी। उन्होंने बचपन से ही श्री कृष्ण को आराध्या मानना और उनकी भक्ति में लीन रही। जब मीराबाई वृंदावन के इस मंदिर में आए तो उन्हें भगवान कृष्ण के एकाकार होने का एहसास हुआ। उनकी भक्ति और प्रेम के कारण ही इस मंदिर को उनके नाम से पहचाना जाता है। गुजरते समय के साथ ही भक्तों के बीच प्रसिद्ध बनता चला गया। भक्ति कृष्ण और मीराबाई के प्रति भक्ति समर्पित करने के लिए यहां पहुंचते हैं।

मंदिर का समय और प्रवेश शुल्क (Temple Timings And Entry Fees)

मीराबाई मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और यह सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। शाम को मंदिर 4 बजे से रात 8.45 बजे तक खुला रहता है।

History of Mirabai Temple Vrindavan

कैसे पहुँचें मीराबाई मंदिर (How To Reach Mirabai Temple)

मीराबाई मंदिर मथुरा से लगभग 12 किलोमीटर दूर वृंदावन में स्थित है और मथुरा-वृंदावन में शीर्ष कार रेंटल कंपनियों से निजी टैक्सी किराए पर लेकर या ऑटो रिक्शा लेकर आसानी से पहुँचा जा सकता है। यदि आप वृंदावन में रह रहे हैं, तो मंदिर तक पहुँचने के लिए साइकिल-रिक्शा भी ले सकते हैं। निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली है जो मंदिर से लगभग 164 किमी दूर है और निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है जो मीराबाई मंदिर से लगभग 13 किमी दूर है।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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