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इस देश में सड़क के किनारे सुला दिए जाते हैं बच्चे, पेरेंट्स रोमांटिक डेट को करते हैं एंजॉय, बहुत खास है वजह
Children Are Made To Sleep on The Roadside : कोई भी माता-पिता कभी भी अपने बच्चों को कहीं भी अकेला नहीं छोड़ते हैं। लेकिन एक ऐसा देश है जहां पर माता-पिता अपने बच्चों को सड़क के किनारे सोता हुआ छोड़कर रोमांटिक डेट पर चले जाते हैं।
Denmark Baby Are Made To Sleep on The Roadside : बॉलीवुड की फिल्मों में हमने अस्पताल से बच्चा चोरी होने कुंभ के मेले में भाइयों के बिछड़ जाने या फिर बहुत सी कहानी देखी है। यही कारण है कि नवजात शिशुओं को लेकर परिवार हमेशा सतर्क रहता है। हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि बच्चों को अकेला ना छोड़ा जाए। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा देश के बारे में बताते हैं जो हम माता-पिता अपने बच्चों को खुले आसमान के नीचे सुला देते हैं। ऐसा वह तब करते हैं जो बच्चे बिल्कुल अकेले होते हैं वहां पर उन्हें देखने वाला वह दादी नानी मौसी कोई नहीं होता। इस देश में बच्चे अपने स्टोलर में आराम से सो जाते हैं। अगर आपको यहां पर पार्क में या सड़क के किनारे किसी छोटे बच्चों की गाड़ी नजर आए तो यह मत सोचेगा कि वह लावारिस है बल्कि यह सड़क पर पार्क होती इन सोते हुए बच्चों की गाड़ियां हैं। दरअसल यह यहां का एक रिवाज है।
डेनमार्क में होता है ऐसा (This Happens in Denmark)
हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वह यूरोप का देश डेनमार्क है जहां बच्चों को खुले आकाश के नीचे सुलाया जाता है। डेनमार्क में आपको सड़कों के किनारे ऐसे कई सारी बच्चों की गाड़ियां मिल जाएंगे जिनमें बच्चे सोते हुए दिखाई देंगे। इस देश की अनोखी परंपरा लोगों को हैरान कर देती हैं क्योंकि बच्चों को ऐसा अकेले छोड़ने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं कूपन है गण में जीरो या माइनस डिग्री टेंपरेचर में भी बच्चों को इस तरह सुला दिया जाताहै।
दिलचस्प होता है नजारा (The View is Interesting)
बाहर से आने वाले लोगों के लिए यह नजारा बहुत दिलचस्प होता है क्योंकि इन बच्चों के मम्मी पापा इस समय का इस्तेमाल रोमांटिक डेट के तौर पर करते हैं। इन बच्चों की मम्मी पापा आपको किसी कैसे में या फिर कॉफी हाथ में पड़कर एंजॉय करते हुए दिखाई देंगे।
क्यों छोड़े जाते हैं बच्चे (Why are Children Abandoned?)
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार बच्चों को सोने के लिए बाहर क्यों छोड़ दिया जाता है। सबसे पहले तो जान लीजिए कि वहां पर यह कलर बहुत आम है। यहां पर 3 साल तक के बच्चों को खुली हवा में सुलाने की पुरानीपरंपरा है। ऐसा कहा जो आता है की ताजी खुली हवा बहुत जरूरी है और ऐसा करने से कई सारे इन्फेक्शन नहीं होते हैं। मिडवाइज और बच्चे नर्स भी बच्चों के लिए इसे सजेस्ट करती हैं। बच्चों को सुलाने के लिए उनकी गाड़ियों में कंबल रखे जाते हैं ताकि उन्हें ठंड लगे। यह परंपरा है इसलिए बच्चों की चोरी होने या किडनैप होने का डर बिल्कुल भी नहीं रहता। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से माता-पिता गाड़ियों में बेबी मॉनिटर लगा कर रखते हैं।