×

Beautiful Toy Train Scene: भारत में देखना है वियतनाम जैसा नजारा तो आ जाइए यहां

India’s Beautiful View: दार्जिलिंग की खूबसूरती देखते नहीं बनती है, यहां रहकर आपको विदेश में रहने जैसा अनुभव होता है। दार्जिलिंग की यात्रा से जुड़ी खास जानकारी यहां जानें....

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 16 May 2024 6:31 PM IST
Darjeeling Beautiful view, Darjeeling toy train
X
Darjeeling Beautiful view(Pic Credit - Social Media)

Darjeeling Famous View Point: दार्जिलिंग भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में हिमालय की तलहटी में स्थित एक शहर है। दार्जिलिंग अपनी नैरो गेज टॉय ट्रेन के लिए सबसे प्रसिद्ध है, जिसे औपचारिक रूप से दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के रूप में जाना जाता है, और निश्चित रूप से यहां उगाई जाने वाली विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग चाय के लिए भी जाना जाता है। दार्जिलिंग पर्यटन के लिए विश्व विख्यात है। लोग दूर दूर से यहां पर चाय के खूबसूरत बागानों को देखने आते है। साथ ही यहां की यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में से एक टॉय ट्रेन की यात्रा का आनंद लेने आते है। जहां जाकर आपको लगेगा ही नहीं की आप भारत की यात्रा कर रहे है। आपक लिए दार्जिलिंग की यात्रा से जुड़ी एक बहुत ही खास जानकारी लेकर आए है।

दार्जिलिंग का ये नजारा विदेश से कम नहीं

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को प्यार से "टॉय ट्रेन" कहा जाता है। दार्जिलिंग की यह टॉय ट्रेन की सवारी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है। यह लोकप्रिय सवारी दार्जिलिंग को सिलीगुड़ी से जोड़ती है। इस यात्रा के दौरान बीच में कई निवास क्षेत्र भी पड़ते है जहां पर बहुत ही खूबसूरत कैफे और रेस्टोरेंट है। जो आउटर व्यू के साथ खाना एंजॉय करने का मौका देता है। यह मौका आपके लिए जिंदगी भर याद रहने वाला हो सकता है। तो एक बार टॉय ट्रेन से ट्रैवल करने के बाद किसी ऐसे जगह कैफे या रेस्टोरेंट में जरूर बैठकर खाए जहां से आप इस ट्रेन की सवारी को बाहर से भी पहाड़ों के बीच होता हुआ देख सके। जितना ही सुकून भरा इससे यात्रा करना है उतना ही इसकी खूबसूरती को बैठकर निहारना है। यह एक अनोखा अनुभव होता है।

टॉय ट्रेन से जुड़ी खास बातें

टॉय ट्रेन प्रसिद्ध नैरो 2 फीट गेज ट्रेनों में से एक है। यह अद्भुत टॉय ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलती है। यह ट्रेन यात्रा दुनिया के सबसे ऊंचे स्टेशनों में से एक घूम(Ghoom)से भी गुजरती है। यह स्टेशन 2258 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और प्राकृतिक आनंद से भरी एक शानदार आभा प्रदान करता है।

दार्जिलिंग टॉय ट्रेन इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है जो वास्तव में कुछ खतरनाक पहाड़ियों को कवर करने की क्षमता रखती है। निचले मैदानों और पहाड़ियों के बीच संपर्क का काम करती है। दार्जिलिंग की इस टॉय ट्रेन में अभी भी कुछ ऐसे इंजन हैं जो भाप आधारित हैं उसी से चलते है। टॉय ट्रेन वास्तव में धीमी गति से चलती है ताकि कोई भी लुभावनी वातावरण को अवशोषित कर सके। एक आनंददायक दृश्य का अनुभव कर सके। यह ट्रेन औपनिवेशिक काल से विरासत का एक सच्चा प्रतीक है। हिमालय के आकर्षण में खो जाने का सबसे अच्छा संभव तरीका प्रदान करती है।

टॉय ट्रेन में यात्रा की कीमत

स्टीम इंजन टॉय ट्रेन: 1300/- भारतीय रूपए

डीजल इंजन टॉय ट्रेन: 800/- भारतीय रूपए

टिकट बुकिंग के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान

  • 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए ट्रेन टिकट की आवश्यकता नहीं है, लेकिन वे आईडी प्रूफ मांग सकते हैं
  • वरिष्ठ नागरिकों, 5 वर्ष या उससे अधिक के बच्चों आदि को कोई रियायत नहीं दी जाती है
  • भाप इंजन का किराया अधिक होता है क्योंकि वे अद्वितीय अनुभव के साथ विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें बनाए रखने की लागत भी डीजल इंजन की तुलना में अधिक होती है।
  • दार्जिलिंग टॉय ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में 17 लोग बैठ सकते हैं और इनमें आरामदायक रिक्लाइनर सीटें हैं
  • आप पेटीएम जैसे भुगतान ऐप के माध्यम से पीएनआर का उपयोग करके पीएनआर स्थिति की जांच कर सकते हैं और डिजिटल टिकट भी बना सकते हैं।


Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story