India's First Craft Village: भारत का पहला क्राफ्ट विलेज, जहां सारी खूबसूरती है देखने लायक

First Craft Village: पुरी के इस शहर में एक ऐसा शिल्प ग्राम है जो संभवतः ज़्यादातर ओडिया घरों में पाया जाता है। यहां आपको हस्तशिल्प के असल मालिकों से भी मिलने का मौका मिलता है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 10 Jun 2024 11:56 AM GMT
Indias First Craft Village
X

India's First Craft Village (Pic Credit-Social Media)

India's First Craft Village: ओडिशा पूर्वी भारत का एक खूबसूरत राज्य है। जो अपने अनोखे हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। वहाँ क्राफ्ट वर्क के लिए दो गाँव लोकप्रिय हैं जहाँ आप जा सकते हैं। जहाँ रहने वाले सभी निवासी हस्तशिल्प के कारीगर हैं। जो अपने पेशे में लगे हुए है। यह गाँव अभी भी कारीगरों को एक साथ समायोजित कर क्राफ्ट की महत्वत्ता को आम लोगों के बीच प्रदर्शित करता है। यह जगह टूरिस्ट के लिए भी आकर्षण का जगह है। प्रदर्शन देखने और निश्चित रूप से उनके सुंदर हस्तशिल्प खरीदने के लिए यहां पर्यटक आगे हैं।

पुरी के इस शहर में एक ऐसा शिल्प ग्राम है जो संभवतः ज़्यादातर ओडिया घरों में पाया जाता है। चंदुआ, जिसे ज़्यादातर लोग पिपिली चंदुआ के नाम से जानते हैं, वहीं, दूसरा है रघुराजपुर, ओडिशा में हर जगह इन दो जगहों की खूबसूरती आपको आसानी से देखी जा सकती है।

कैसे पहुंचे ओडिशा के क्राफ्ट विलेज

राजधानी भुवनेश्वर और पुरी के बीच यात्रा करते समय पिपिली सबसे अच्छी जगह है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 203 के पास, दोनों शहरों के बीच में स्थित है। भुवनेश्वर से 26 किलोमीटर और पुरी से 36 किलोमीटर दूर है। रघुराजपुर पूरी से 10 किलोमीटर दूर है। आप यहां प्राइवेट टैक्सी या फिर शेयरिंग कैब करके पहुंच सकते है।



क्राफ्ट कारीगरों को यहां किया गया एक साथ

अगर आप चमकीले रंग के चंदुआ एप्लिक और पैचवर्क में रुचि रखते हैं, तो पिपिली आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। इस गांव का इतिहास 12वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। जब इसे वार्षिक जगन्नाथ मंदिर रथ यात्रा उत्सव के लिए एप्लिक छतरियां और इसे बनाने वाले कारीगरों को समायोजित करने के लिए स्थापित किया गया था। उन दिनों, एप्लिक कारीगर मुख्य रूप से मंदिरों और राजाओं की ज़रूरतों को पूरा करते थे।



अब हैंडीक्राफ्ट की ये चीजे है उपलब्ध

आपको पिपिली में हैंडबैग, कठपुतलियाँ, पर्स, वॉल हैंगिंग, बेडस्प्रेड, कुशन कवर, पिलो कवर, लैंपशेड, लालटेन ( दिवाली त्यौहार की सजावट के रूप में लोकप्रिय) और टेबलक्लॉथ सहित कई तरह की एप्लिक वस्तुएँ बनाई जाती है, विशाल छतरियाँ भी उपलब्ध हैं। आकर्षक मुख्य सड़क हस्तशिल्प बेचने वाली दुकानों से भरी हुई है।



रघुराजपुर भी हस्तशिल्प के लिए है प्रसिद्ध

आपको पिपिली की तुलना में रघुराजपुर में जाना अधिक पसंद आएगा। बिना पूछे ही आपको एहसास हो जाएगा कि आप कलाकारों के एक गांव में आ चुके हैं, जहां सभी घर भी आपको ये चीज बताते हैं। यह छोटा और कम व्यावसायिक है, और कारीगर अपने सुंदर रंगे हुए घरों के सामने बैठकर अपने शिल्प को रूप देते हैं।



इस गांव में लगभग 100 से ज़्यादा घर हैं, जो पुरी के पास भार्गवी नदी के बगल में उष्णकटिबंधीय पेड़ों के बीच एक सुरम्य स्थान है। इनके हस्तशिल्प में कपड़े पर पट्टचित्र पेंटिंग, जिसमें मुख्य रूप से हिंदू पौराणिक कथाओं की कहानियों को दर्शाने वाले भित्ति चित्र शामिल हैं। कारीगर कई तरह की अन्य वस्तुएँ भी बनाते हैं, जिनमें ताड़ के पत्ते पर नक्काशी, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की नक्काशी और लकड़ी के खिलौने शामिल हैं। कई ने अपने काम के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story