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India First Rail Museum: भारत का नेशनल रेल म्यूजियम, जानें सभी डिटेल्स
First Rail Museum in India: भारत में रेलवे का नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क के तौर पर जाना जाता है, इसके विकास को दिखाने में भारतीय रेल म्यूजियम की भूमिका अहम रही है..
Rail Museum In India: भारतीय रेल नेटवर्क पूरे भारत को कवर करता है, जिसमे कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ बॉर्डर से अरुणाचल प्रदेश तक रेलवे लाइन का जाल बिछा हुआ है। लेकिन क्या आपको पता है भारत में रेलवे का क्या इतिहास हैं, कितने तरह के इंजन भारत में चलते थे, पहले किस तरह के रेल के डिब्बे चलते थे? हो सकता है आपने घर के बड़ों से सुना होगा, लेकिन आप वास्तव में भी ये सब देख सकते है। कहा चलिए हम आपको बताते है भारतीय रेल म्यूजियम में आपको भारत के सभी तरह के प्राचीन रेल इंजन, डिब्बे पटरिया व यातायात के कई दूसरे उपकरण देखने को मिलते है। हम बात कर रहे हैं, दिल्ली के प्रसिद्ध रेल म्यूजियम की।
भारत की विरासत और इतिहास को जानने यहां आइए
चाणक्यपुरी के आसपास स्थित रेल संग्रहालय का उद्देश्य भारत की 163 साल पुरानी रेलवे विरासत को संरक्षित करना है। राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय के नाम से मशहूर यह संग्रहालय 10 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और इसमें रेलवे से जुड़ी कुछ शानदार यादगार चीज़ें रखी गई हैं। 1 फरवरी, 1977 को स्थापित रेल संग्रहालय में भारतीय रेलवे के लगभग 100 वास्तविक आकार के प्रदर्शन, प्राचीन वस्तुएँ, फर्नीचर और इसी तरह की अन्य चीज़ें मौजूद हैं। कुछ डमी नमूने भी वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए सवारी की पेशकश करते हैं। विशाल आउटडोर के अलावा जिसमें बहुत प्रसिद्ध 'फेयरी क्वीन' है - सबसे पुराना चालू भाप इंजन, अब संग्रहालय में 3डी वर्चुअल ट्रेन राइड, स्टीम लोको स्टिम्युलेटर और एक इनडोर गैलरी की सुविधा भी है।
नाम: राष्ट्रीय रेल म्यूजियम (National Rail Museum)
स्थान: सर्विस रोड, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली
समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (शाम 4:30 बजे के बाद प्रवेश बंद हो जाता है। सोमवार को म्यूजियम बंद रहता है।
आवश्यक समय : 2 - 3 घंटे
कैसे पहुंचे यहां (How To Reach Here)
रेल संग्रहालय के सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन जोर बाग मेट्रो है, जो पीली लाइन पर स्थित है। संग्रहालय मेट्रो से सिर्फ़ 2 किलोमीटर की दूरी पर है; आप या तो लोकल या बैटरी से चलने वाला रिक्शा किराए पर ले सकते हैं। आप ज़्यादा आरामदायक यात्रा के लिए टैक्सी कैब भी बुक कर सकते हैं।
क्या है म्यूजियम में?(India First Rail Museum)
हरे-भरे बगीचों के बीच फैला यह संग्रहालय भारतीय रेलवे की समृद्ध प्राचीन विरासत का दावा करता है। प्रदर्शनी के ठीक बगल में सूचनात्मक टैब्लेट है जो यात्रा को और भी सार्थक बनाता है। संग्रहालय के बगल में एक इमारत है जिसमें रेल के इतिहास के सुनहरे दिनों की कुछ खूबसूरत तस्वीरें हैं। बगल में कुछ छोटे मॉडल हैं; जिनमें से किसी की भी तस्वीर लेना प्रतिबंधित है। इसमें 200 लोगों की बैठने की क्षमता वाला एक सभागार भी है, जहाँ कभी-कभी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं और वृत्तचित्र दिखाए जाते हैं। इसके अलावा, संग्रहालय में एक इन-हाउस स्मारिका दुकान भी है जहाँ से आप वापस आते समय छोटे-छोटे स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।
कब और कैसे बना रेल म्यूजियम (When And How It made)
रेल संग्रहालय का इतिहास 1962 से शुरू होता है, जब यह सिर्फ़ एक विचार था। 1970 में रेल उत्साही माइकल ग्राहम की सलाह पर इस विचार ने आकार लिया। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वीवी गिरि ने चाणक्यपुरी में भवन की आधारशिला रखी, जिसे रेलवे परिवहन संग्रहालय (RTM) कहा गया और इसका उद्देश्य रेलवे के अलावा सड़क, वायुमार्ग, जलमार्ग के इतिहास को शामिल करना था। 1977 में, इसका उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री- कमलापति त्रिपाठी ने किया था। हालाँकि, 1995 तक, इसे एक पूर्ण रेलवे संग्रहालय के रूप में स्थापित किया गया और इसे राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय कहा जाने लगा।