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ये हैं देश की रहस्यमयी जगह, जानें से पहले जान लें जरूरी बात

भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 23 Aug 2021 11:16 AM IST
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चांद बावड़ी और जागेश्वर धाम मंदिर की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खासकर आयुर्वेद और योग भारत की सभ्यता और संस्कृति की पहचान है। आपको बता दें कि प्राचीन काल से आधुनिक समय में भी भारत को शांति का दूत ही कहा जाता है। भारत में हर साल हजारों की संख्या में यहां पर्यटक की संस्कृति और सभ्यता के दर्शन करने के लिए आते हैं।

भारत में कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल है। वहीं भारत में कई रहस्यमयी जगह भी है। जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। अगर आप भी भारत के रहस्यमयी स्थानों से रुबरु होना चाहते हैं तो आपको इन जगहों की सैर जरूर करनी चाहिए। आज हम आपको इन जगहों के बारे में बताएंगे।

चांद बावड़ी गांव

राजस्थान राज्य के दौसा जिले में स्थित चांद बावड़ी गांव है। इस गांव का निर्माण 9वीं शताब्दी के तत्कालीन राजा मिहिर भोज ने करवाया था। राज मिहिर भोज को गांव के लोग प्यार से चांद कहकर पुकारते थे। यह कलाकृति आज भी उपस्थित है। जिसके बाद राज बावड़ी के नाम पर ही इसका नाम रखा गया है। इतिहास कारों की मानें तो चांद बावड़ी दुनिया की सबसे बड़ी गहरी बावड़ी है। इस बावड़ी की चौड़ाई 35 मीटर है।

इसका निर्माण बेहद ही आला दर्जे से किया गया है। उपर से तलसे लेकर कुएं के धरातल तक 3500 सीढ़ियां हैं। इस बावड़ी के ठीक सामने हर्षद माता की प्रतीमा मंदिर स्थापित है। जानकारी के मुताबित इस बावड़ी के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण भूत प्रेतों ने किया था। लेकिन बावड़ी की खूबसूरती को देखने लायक है। दुनिया भर के लोग राजस्थान के दौसा में आते हैं। तो आपको बावड़ी को देखने के लिए जाना चाहिए।

चांद बावड़ी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

देवों की भूमि उत्तराखंड

उत्तराखंड के देवों की भूमि कहा जाता है। यह हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड में आते हैं। इस राज्य में कई विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल है। इनमें एक जागेश्वर धाम मंदिर है। जागेश्वर धाम उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की दूरी मात्र 35 किलोमीटर है। सनातन धार्मिक ग्रंथों की माने तो भगवान शिवजी और सप्तऋषियों ने जागेश्वर धाम में तपस्या की है।

जागेश्वर मंदिर की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

इस मंदिर के बारे बताया जाता है कि बुरी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं। हालांकि अब आदि शंकराचार्य ने भगवान शिवजी की कृपा पाकर इस कुप्रथा पर रोक लगा दी है। उस समय से जागेश्वर धाम में केवल मंगलकारी मनोकामनाएं ही पूर्ण होती हैं। आप सभी भारत के लोग रहस्यमयी जगहों में से एक जागेश्वर धाम की धार्मिक यात्रा कर सकते हैं



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