×

Mangoes City: भारत की इन जगहों पर मिलते है सबसे स्वादिष्ट आम, दुनियाभर में हैं प्रसिद्ध

Indian Cities Famous For Mangoes: भारत में शायद ही कोई हो जिसे आम न पसंद हों। यहां गर्मी के मौसम में आम का सेवन कई तरह से किया जाता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 May 2024 11:15 AM IST (Updated on: 19 May 2024 11:16 AM IST)
Indian Cities Famous For Mangoes
X

Indian Cities Famous For Mangoes (Photos - Social Media)

Indian Cities Famous For Mangoes : गर्मी का मौसम आते ही सभी के दिमाग में आम खाने का विचार आने लगता है। आम एक ऐसा फल जिसे फलों का राजा कहा जाता है, क्योंकि इस स्वाद अन्य फलों से काफी अलग होता है। भारत में लगभग हजार से भी अधिक वैरायटी की आम उगाई जाती है, लेकिन कुछ आम ऐसे होते हैं जो नाम के साथ-साथ स्वाद के लिए भी काफी फेमस होते हैं। इसलिए भारतीय आम भी दुनिया भर में फेमस है। अगर आप भी मीठा आम खाने का शौक रखते हैं तो फिर इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे शहरों के नाम बताने जा रहे हैं जो मीठे आमों के लिए दुनिया भर में फेमस हैं। आइए जानते हैं।

उत्तरप्रदेश

भारत के लोग दशहरी आम से वाकिफ न हो ऐसा बहुत कम ही देखा जाता है। यह एक ऐसा आम है जिसे हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों में काफी पसंद किया जाता है। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में इसकी खेती सबसे अधिक होती है। दिल्ली में भी इस आम को काफी पसंद किया जाता है।

Mangoes


आंध्रप्रदेश

बंगनपल्ली आम गूदे से भरा और बिना रेशे का होता है। इसका नाम आंध्र के बंगनपल्ले शहर पर रखा गया है, जहां इसे सबसे ज्यादा उगाया जाता है। यह दक्षिण भारत का सबसे मशहूर आम है।

गुजरात

गुजरात का केसर आम अमरस बनाने के लिए बहुत जाना जाता है। यह अपने मीठे स्वाद, रस भरे गूदे और केसरी सुगंध के लिए पसंद किया जाता है। अमरस गर्मी के मौसम में खाया जाने वाला एक पॉपुलर मील है।

Mangoes


हिमाचल प्रदेश

उत्तर भारत में सबसे ज्यादा मीठा आम अगर कोई है, तो वह चौंसा है। चौंसा अपने मीठे गूदे और चमकदार पीले रंग के लिए जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान में उगाया जाता है लेकिन हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कुछ अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में भी उत्पादित होता है।

पश्चिम बंगाल

किशन भोग आम का आकार गोल होता है और स्वाद में मीठा होता है। पश्चिम बंगाल में किशन भोग आम खूब बिकता है। यह सबसे ज्यादा पश्चिन बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मशहूर है। हिसागर वहीं, मिठाइयों और ड्रिंक्स में खूब इस्तेमाल होता है।

Mangoes


बनारस

लंगड़ा आम, आम की एक किस्म है जिसे बनारसी लंगड़ा के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती सबसे पहले 250 से 300 साल पहले उत्तर प्रदेश के बनारस में की गई थी. लंगड़ा आम को दुनिया भर में काफ़ी पसंद किया जाता है और भारत से इसका बड़े पैमाने पर निर्यात होता है. भारत में हर साल लाखों टन लंगड़ा आम का उत्पादन होता है. लंगड़ा आम की खासियतें:

यह अंडाकार आकार का होता है

यह नीचे से हल्का नुकीला होता है

यह पकने के बाद भी हरे रंग का ही रहता है

इसकी गुठली चौड़ी और पतली होती है

कर्नाटक

बादामी आम, आम की एक लोकप्रिय किस्म है. यह कर्नाटक में पैदा हुआ आम है और इसे अल्फ़ांसो का भाई भी कहा जाता है. बादामी आम का आकार अंडाकार होता है और इसका छिलका पीले-नारंगी रंग का होता है जो पकने के बाद लाल हो जाता है. इसका गूदा मलाईदार, चिकना, मीठा, और रसीला होता है और इसका स्वाद खूबानी और आड़ू जैसा होता है. अक्षय तृतीया के दिन पूजा में बादामी आम को प्रसाद के रूप में रखा जाता है और इसका रस भी बनाया जाता है. बादामी आम के रस में बहुत कम शक्कर डालने की ज़रूरत होती है और यह मीठा, स्वादिष्ट, सुपाच्य, और 24 घंटे तक खराब नहीं होता

Mangoes


बस्तर

हाथीझूल आम यह आम समान्य आमों से लगभग पांच से छह गुना बड़ा था। आयोजक में से जवाहर खन्ना ने बताया कि इस आम को बड़े आकार के कारण हाथीझूल के नाम से जाना जाता है। हाथीझूल आम का उत्पादन ज्यादातर बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में होता है। एक आम पांच से छह किग्रा तक का होता है।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story