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Tourism Video: भारत की इन जगहों पर भारतीयों को जाने की नहीं है अनुमति

Places Where Indians Ban: आज हम आपको भारत की ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जहां पर भारतीय को जाने की ही अनुमति नहीं है और ये जगहें सिर्फ विदेशियों और मेहमानों के लिए खुली है।

Akshita Pidiha
Published on: 30 April 2023 1:43 PM IST (Updated on: 1 May 2023 5:57 PM IST)

Places Where Indians Ban: शायद ही कोई ऐसा देश होगा जिसने अपने ही लोगों को कुछ जगह पर जाने की अनुमति नहीं दी होगी। पर भारत में ही कुछ ऐसी जगह है, जहां पर भारतीयों को जाने की अनुमति नहीं हैं। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन जगहों के मालिक भारतीय ही हैं और ये जगह सिर्फ विदेशियों और मेहमानों के लिए खुली है। उन जगहों पर भी भारत सरकार का ही कानून चलता है। लेकिन फिर भी वहां, यहां के नागरिकों को जाने की मनाही है। उन जगहों पर सिर्फ विदेशी जा सकते हैं। ये हैरानी की बात है कि भारत की धरती पर मौजूद उन हिस्सों में विदेशी जा सकते हैं लेकिन भारतीय नहीं। कई मौकों पर इसको लेकर विवाद भी हुए हैं। लेकिन भारतीयों को जाने की मनाही वहां अब भी जारी है। आज कुछ ऐसी ही जगह के बारे में जानते हैं-

इन जगहों पर नहीं जा सकते भारतीय

1. फ्री कासोल कैफे, हिमाचल प्रदेश

यह कैफे कुल्लू जिले के हिमाचल के कसोल गांव (Kasol Village) में है। हिमाचल प्रदेश का कसोल गांव एक पर्यटक स्थल है। यहां बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक आते हैं और लंबे समय तक रहते हैं। इस इलाके में ज्यादातर आपको इजरायली सैलानी ही दिखेंगे। इसी वजह से कसोल को मिनी इजरायल (Mini Israel) भी कहा जाता है। हशीश जैसा नशा यहां आसानी से मिल जाता है। कहा जाता है कि नशे के लिए ही इजरायली यहां आकर रहते हैं। यहां आपको हर जगह हिब्रू भाषा में लिखे बैनर-पोस्टर दिख जाएंगे। यहां इजरायलियों का पसंदीदा खाना मिल जाएगा। 2015 में ये कैफे उस वक्त चर्चा में आ गया, जब एक भारतीय महिला को कैफे ने सर्व करने से मना कर दिया। बताया गया कि इस कैफे के भीतर पासपोर्ट देखकर ही जाने दिया जाता है।

इस कैफे में अपने साथ हुई घटना की कहानी महिला ने फेसबुक पर साझा की। जिसके बाद यह कहानी वायरल हो गई। इस कैफे को लेकर लंबे-लंबे लेख लिखे गए। बताया गया कि कसोल की एक महिला ने इस जगह को एक इजरायली को लीज पर दे रखा है। उसने सिर्फ इजरायलियों को ध्यान में रखकर यहां की व्यवस्था कर रखी है। इसलिए स्थानीय लोग यहां जाना पसंद भी नहीं करते हैं।

2. गोवा में सिर्फ विदेशियों के लिए बीच

गोवा में मौजूद कुछ बीच को फोरेनर ओन्ली बीच (Foreigner Only Beach) कहा जाता है। यहां पर भारतीयों का जाना मना है। इन बीच पर फोरेनर ओन्ली (Foreigner Only) लिखा होता है। इन बीचों पर विदेशी सैलानी बिकिनी और शॉर्ट्स पहनकर घूमते रहते हैं। कहा जाता है कि भारतीय पुरुषों से बचाने के लिए उन्हें इन जगहों पर जाने की इजाजत नहीं दी जाती। गोवा के कई बीचों पर ऐसा होता है। अंजुना बीच एक ऐसा ही बीच है, जहां भारतीय नहीं देखे जाते। इन बीचों की रखवाली गोवा के स्थानीय लोग ही करते हैं। वहां देशी पर्यटकों को जाने नहीं दिया जाता है। कई जगहों पर स्थानीय गुंडों की मदद से वहां लोकल सैलानियों को जाने से रोका जाता है। गोवा में विदेशी पर्यटकों के ज्यादा से ज्यादा आने को प्रेरित करने और उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने के लिहाज से ऐसे कदम उठाए जाते हैं।

3. पॉन्डिचेरी में सिर्फ विदेशियों के लिए बीच

पॉन्डिचेरी (Puducherry) में भी कुछ बीच ऐसे हैं, जिन्हें फोरेनर ओन्ली बीच (Foreigner Only Beach) कहा जाता है। यहां भारतीय सैलानियों को जाने से रोका जाता है। पॉन्डिचेरी में फ्रेंच और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है। लेकिन गोवा की तरह ही यहां के कुछ इलाकों में भारतीयों को जाने नहीं दिया जाता है। इन इलाकों के रेस्टोरेंट मालिक और स्थानीय लोग भी देशी सैलानियों को वहां जाने से रोकते हैं।

4.रेड लॉलीपॉप हॉस्टल

यह चेन्नई में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉस्टल है जहां अपने मुल्क के ही लोगों को जाने की इजाजत नहीं है। इनके वेबसाइट को आप चेक करेंगे तो आपको लिखा मिलेगा कि ये भारत में अपने तरह का इकलौता हॉस्टल है, जो सिर्फ भारत आने वाले अप्रवासियों के लिए बनाया गया है। यहां पासपोर्ट के आधार पर रहने की अनुमति मिलती है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के इन हॉस्टल और लॉज में भारतीय सैलानियों को प्रवेश निषेध रखा गया है। चेन्नई में एक ऐसा लॉज है जो केवल विदेशी पासपोर्ट वाले ग्राहकों को ही अपनी सेवाएं प्रदान करता है। इस लॉज का छद्म नाम ‘‘हाइलैंड” है। ‘डेक्कन हेराल्ड’ अखबार में ‘नो इंडियन पॉलिसी’ नाम से छपे आलेख के अनुसार इस लॉज में केवल वही भारतीय रूक सकते हैं जिनके पास किसी दूसरे देश का पासपोर्ट होता है।

5. हिमाचल प्रदेश का मलाना गांव

मलाना एक प्राचीन भारतीय गाँव (Malana Village) है। जिसे अलेक्जेंडर महान द्वारा 326 ईसा पूर्व में बसाया गया था। उस समय के कुछ घायल सैनिक जो यहां रूक गए थे, उन्हें ही मलाना के लोग अपना पूर्वज मानते हैं। इन ग्रामीणों को ‘मुझे मत छुओ’ उपनाम से भी जाना जाता है क्योंकि इनके सामान को छूने की अनुमति किसी को नहीं है। यहाँ तक कि लोगों को इस गांव की सीमाओं को पार करने की भी अनुमति नहीं है। इस गाँव की भाषा ‘कंशी’ है, जो पवित्र मानी जाती है और बाहरी लोग इस भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा बाहरी व्यक्तियों को वे अपने मंदिरों में प्रवेश की अनुमति भी नहीं देते हैं क्योंकि ग्रामीण बाहरी व्यक्तियों को अछूत मानते हैं। मलाना जलविद्युत स्टेशन नामक एक बांध परियोजना इस गाँव को बाकी दुनिया के करीब लाया है और यह परियोजना इस क्षेत्र में राजस्व प्राप्ति का एकमात्र स्रोत है।

6.सेंटिनल द्वीप, अंडमान

बंगाल की खाड़ी में मौजूद सेंटिनल (Sentinel Island) अंडमान द्वीप का हिस्सा है। सेंटिनल द्वीप घने जंगलो से भरा है। यहां बहुत थोड़े से सेंटिनल आदिवासी रहते हैं। सेंटिनल आदिवासी बाहरी दुनिया के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहते। वो बरसों से इस इलाके में अकेले रह रहे हैं। मिलने-जुलने को लेकर वो इतने प्रतिरोधी हैं कि कई बार बाहरी दुनिया के लोगों को देखकर उन्होंने हमला कर दिया। 2018 में इस इलाके में कदम रखने की वजह से एक अमेरिकी नागरिक जॉन ऐलेन को जान से हाथ धोना पड़ा। उसके बाद सेंटिनल आइलैंड जबरदस्त सुर्खियों में आ गया। 30 हजार साल से भी पुराने सेंटिनल आदिवासियों के साथ कुछ मौकों पर बाहरी दुनिया का कॉनटैक्ट हुआ है।लेकिन उनके प्रतिरोध की वजह से ही भारत सरकार ने भी इस इलाके में किसी के जाने पर पाबंदी लगा दी। कहा जाता है कि सेंटिनल लोग इतने खतरनाक होते हैं कि वहां जाने वाले लोगों को मारकर खा जाते हैं।

7. यूनो-इन होटल, बेंगलुरु

आपको यह जानकर खुशी होगी कि यह होटल अब बंद हो चुका है। नस्लीय भेदभाव के आरोपों के चलते इस होटल को दो साल पहले बंद कर दिया गया था। इस होटल में भी भारतीय लोगों के जाने पर रोक थी। होटल में केवल जापान के लोग ही जा सकते थे। इसे साल 2012 में बनाया गया था।

8. नोरबुलिंका कैफे, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश की वादियों के बीच ही नोरबुलिंका नाम का कैफे है। इस कैफे में भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं है। इस जगह पर सिर्फ विदेशी और कुछ खास लोग ही आ जा सकते हैं।



Akshita Pidiha

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