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Bhuteshwar Mahadev Temple: इंदौर में श्मशान में विराजे हैं महादेव, यहां मृत आत्माओं को मिलती है मुक्ति
Bhuteshwar Mahadev Temple In Indore : भूतेश्वर महादेव का यह मंदिर पंचकुइया स्थित 300 साल पुराने भूतेश्वर महादेव मंदिर शमशान की भूमि पर है, भूतेश्वर महादेव के सामने अंतिम संस्कार होने पर मुक्ति मिलती है।
Bhuteshwar Mahadev Temple In Indore : भगवान शिव श्रृष्टि के पालनहर्ता है, देवों के देव महादेव के जितने नाम हैं उतने ही उनके स्वरूप भी हैं। भोलेनाथ के हर रूप की उपासना से नया वरदान मिलता है। इंदौर में कई चमत्कारी मंदिर है, इसमें अंतिम चौराहे पंचकुइया पर स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण होलकर वंश के राजाओं ने करवाया था,300 साल पुराने इस मंदिर के अदभुत रहस्य और चमत्कारों के किस्से हर किसी ने सुने है।
300 साल पुराना है भूतेश्वर महादेव मंदिर (Bhuteshwar Mahadev Temple is 300 Years Old)
शहर के प्राचीन मंदिरों में 300 साल पुराना पंचकुईया स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर शामिल है। भूतेश्वर महादेव श्मशान भूमि पर विराजित हैं। वर्तमान में मंदिर श्मशान घाट के सामने स्थित है। कहा जाता है कि महादेव के सामने अंतिम संस्कार से मृतआत्मा को मुक्ति मिलती है। इसके चलते मंदिर में भगवान के सामने एक बड़ी खिड़की और मुक्तिधाम की दीवार के सामने एक खिड़की बनाई गई है। यहां शहर के हर क्षेत्र से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
शिवलिंग पर पड़ता था चिता का प्रतिबिंब (The Reflection Of The Chita Fell On Shivalinga)
कहा जाता है कि जब पहले मंदिर और शमशान के बीच रास्ता नहीं था तब चिता का प्रतिबिंब शिवलिंग पर पड़ता था। बाद में नगर निगम ने कई बार मुक्तिधाम की दीवार बनाने की कोशिश की, लेकिन बार-बार गिर जाती थी। जानकारों के बताने के बाद मुक्तिधाम की दीवार में बड़ी खिड़की और मंदिर के गर्भगृह में भोलेनाथ के सामने भी खिड़की बनाई गई उसके बाद ही दीवार पूरी हो पाई।
मंदिर में 64 योगिनिया है विराजमान (There Are 64 Yoginiyas Present In The Temple)
जानकारी के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह के पास एक बावड़ी हुआ करती थी, यहीं से पानी खींचकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता था। यहां शिव का पूरा दरबार है, मंदिर परिसर में 64 योगिनिया है लेकिन उसे कोई गिन नहीं पाता है,अगर कोई प्रयास करता है, तो वो ज्यादा हो जाती है। वैसे इन्हे गिनना अशुभ माना जाता है।
मृत आत्मा को मिलती है मुक्ति (Dead Soul Gets Salvation)
जानकारों के कहने पर बाद में मुक्तिधाम की दीवार में बड़ी खिडक़ी और मंदिर के गर्भगृह में भोलेनाथ के सामने भी खिडक़ी बनाई गई उसके बाद ही दीवार पूरी हो पाई। कहा जाता है कि महादेव के सामने अंतिम संस्कार से मृत आत्मा को मुक्ति मिलती है।