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Hindi Language as Official Language: भारत के अलावा इस देश में हिंदी भाषा को मिला है राजभाषा का दर्जा, हर कोई बोलता है इसे
Hindi Language as Official Language: क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा यहाँ हिंदी को मिला है राजभाषा का दर्जा आइये जानते हैं कौन सा है ये देश और क्यों हिंदी यहाँ इतनी पॉपुलर है।
Is Desh Mein Bhi Hindi Bhasha Hai Rajya Bhasha: भारत में जहाँ हर कोई हिंदी भाषा बोलता है और इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला हुआ है वैसे ही दुनिया में एक और देश है जहाँ हिंदी को राजभाषा माना जाता है। आइये जानते हैं कौन सा है ये देश।
भारत के अलावा इस देश में भी हिंदी भाषा को माना जाता है राजभाषा
भारत में हिंदी भाषा को काफी महत्व दिया जाता है वहीँ दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहाँ भारत की ही तरह ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाता है। आपको बता दें कि ये देश है फिजी। जहाँ के लोग हिंदी भाषा ही बोलते हैं। यहाँ की भाषा को फिजियन हिंदी कहते हैं।
इस देश में हिंदी भाषा को रोमन लिपि के अलावा देवनागरी दोनों ही लिपि में लिखा जाता है। इसके साथ ही फिजी में बोली जाने वाली हिंदी भोजपुरी और अवधि से मिलकर बोली जातीं हैं। यहाँ बोली जाने वाली भाषा में अंग्रेजी के शब्दों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस भाषा में अंग्रेजी भाषा के शब्द यहाँ आये अंग्रेज़ों के गिरमिटिया श्रम प्रणाली के कारण आई।
साल 1997 में हिंदी को हिंदुस्तानी कहा जाता था वहीँ बाद में साल 2013 में इसको हिंदी नाम से जाना जाने लगा। ऐसे में हिंदी भाषा को फिजी में राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया।
यूँ तो भारत का पूरी दुनिया में बोलबाला है और हिंदी भाषा भी लोगों के बीच धीरे-धीरे काफी पॉपुलर होती गयी है। हर देश में आपको भारतीयों का दबदबा मिलेगा। यही वजह है कि हिंदी भाषा को लोग काफी जगह बोलते हैं। आपको बता दें कि भारत के बाहर लगभग 8 करोड़ से ज़्यादा लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। वहीँ फिजी में हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है। बहुत कम लोग जानते हैं कि दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलोनेशिया में स्थित फिजी देश में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाया गया है।
दरअसल अंग्रेजी शासन के दौरान फिजी भी उनके अधीन रहा था साथ ही भारतीय लोग गन्ने की खेती में सबसे निपुण माने गए थे। ऐसे में अंग्रेज़ फिजी के खेतों में काम करने के लिए भारत से मज़दूरों को ले जाया जाता था। जिसकी शुरुआत 1879 से हुई थी। कुछ ही सालों के बीच करीब 60 हज़ार से ज़्यादा मज़दूरों को फिजी पहुंचाया गया। इसके साथ-साथ साल 1920 से 1930 के समय के बीच हज़ारों भारतीय फिजी पहुँचें। जिसकी वजह से वहां भारतीयों की संख्या काफी ज़्यादा है।