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Jabalpur Famous Mandir: जबलपुर के इन मंदिरों के जरूर करें दर्शन, अध्यात्म और इतिहास दोनों से है गहरा संबंध
Must Visit Temples Of Jabalpur : ऋषि मुनियों की तपोभूमि जबलपुर शताब्दियों से धर्म-कर्म कि नगरी रही है, यहां पर विभिन्न देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर स्थापित हैं।
Must Visit Temples Of Jabalpur : ऋषि मुनियों की तपोभूमि जबलपुर शताब्दियों से धर्म-कर्म कि नगरी रही है, यहां पर विभिन्न देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर स्थापित हैं। ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों में नाम आता है शनिदेव और भैरव बाबा के तंत्र-मंत्र विद्या और कठिन साधना से जुड़े मंदिरों का। आइए जानते हैं उन मंदिरों के बारे में। जबलपुर में कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जो जन-आस्था के केंद्र हैं। चौसठ योगिनी का मंदिर उन्हीं में से एक है। इसके मध्य में गौरीशंकर नंदी पर विराजमान हैं। मान्यता है कि शंकर की दृष्टि गौरी की तरफ है। इसके पीछे आक्रांताओं का आख्यान चर्चित है। जैसे ही मंदिर पर प्रहार हुआ, शंकर ने गौरी की तरफ देखा और आक्रांताओं को वापस लौटना पड़ा। इस मंदिर के परकोटे में देवी मूर्तियां भग्न रूप में हैं, इससे साफ है कि आक्रांता बाहर हमला कर लौट गए थे।
त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Tripura Sundari Temple)
इस मंदिर के बारे में जनश्रुति है कि राजा कर्ण यहां के उपासक थे। उनकी भक्ति से माता प्रसन्न थीं। वे उनकी कुलदेवी थीं। उनके आशीर्वाद से राज्य फला-फूला। आज भी यह मंदिर देवी-भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां नवरात्र में भक्त उमड़ते हैं। वर्ष भर कोई न कोई आयोजन होता रहता है। यहां मां बगलामुखी का मंदिर भी विशेष हैं। पुरातत्व विभाग की टीम यहां समय-समय पर खोज करती आई है। कई पुरानी चीजें प्राप्त हुई हैं, जो मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करती हैं।
पाटबाबा मंदिर (Patababa Temple)
जीसीएफ पहाड़ी पर हनुमान मंदिर को पाटबाबा के नाम से जाना जाता है। यहां कई सिद्ध संत साधना कर चुके हैं। इस बारे में आख्यान प्रसिद्ध हैं। गोसलपुर के दद्दा यहां अक्सर दर्शन करने आते थे। महर्षि महेश योगी की आस्था भी इस मंदिर के प्रति चर्चित रही है। घमापुर में हनुमान टोरिया में भी महर्षि साधना करते थे।
बादशाह हलवाई मंदिर (Badshah Halwai Mandir)
नर्मदा रोड, ग्वारीघाट में बादशाह हलवाई का प्रसिद्ध मंदिर है। इसके स्तंभों में देवी-देवताओं की मूर्तियां उत्कीर्ण हैं। पंचमुखी शिव अनूठे हैं। शिवलिंग भी विशेष है। यहां नृत्य-मुद्रा के गणेश रिदि्ध-सिदि्ध के साथ सुशोभित हैं।
अखंड रामचरित मानस मंदिर (Akhand Ramcharit Manas Temple)
सूपाताल में अखंड रामचरित मानस मंदिर है। भूतनाथ व अचलनाथ की टेकरी के बीच यह सुरम्य स्थल आकर्षित करता है। यहां भक्त रामचरित मानस अनवरत करते हैं। नागाबाबा वीरेंद्र पुरी ने इस स्थान का विकास किया था। उनकी प्रेरणा से राम नाम जप अनवरत रहता आया है।