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Jaipur Shiv Mandir: मंदिर जयपुर में, वास्तुकला दक्षिण भारतीय और नाम झारखंड महादेव

Jharkhand Mahadev Mandir: राजस्थान का जयपुर शहर अपवे राजस्थानी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। जहां राजशाही कल्चर का विस्तार देखने को मिलेगा, लेकिन इसके अतिरिक्त यहां पर आपको कई भव्य मंदिर देखने को मिलेगा।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 20 April 2024 2:30 PM IST (Updated on: 20 April 2024 2:30 PM IST)
Jaipur Shiv Mandir: मंदिर जयपुर में, वास्तुकला दक्षिण भारतीय और नाम झारखंड महादेव
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Jharkhand Mahadev Mandir Jaipur: राजस्थान के जयपुर में भगवन शिव का एक ऐसा मंदिर है। जिसक महिमा आश्चर्य करने वाली है। यह मंदिर स्थापित है जयपर में और इस मंदिर की वास्तुकला है पूरी दक्षिण भारतीय, लेकिन इस दिव्य मंदिर का नाम है झारखंड महादेव। यह मंदिर भक्तों के बीच कापी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में सावन के पावन महिने में दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

नाम- झारखंड महादेव

पता – झारखंड महादेव मंदिर, चपवा पिंपारा, जयपुर राजस्थान



धार्मिक जगह में यह मंदिर है खास

राजस्थान की राजधानी जयपुर में अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं। यहां के कईं मंदिरों की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। इनमें गोविंद देवजी मंदिर, शीतला माता मंदिर, चूलगिरी स्थित बौद्ध मंदिर, चांदी की टकसाल स्थित हनुमान मंदिर, गढ़ गणेश मंदिर इत्यादि शामिल हैं। इन्हीं में एक मंदिर है झारखंड महादेव मंदिर।



ऐसे पड़ा था नाम

झारखंड महादेव के नाम से आश्चर्य में मत पड़िए। क्योंकि ऐसा यहां अक्सर होता है जब लोगों को लगता है कि, किसी शिवालय का नाम झाड़खंड कैसे हो सकता है। दरअसल, जयपुर स्थित वैशाली नगर के पास जिस गांव में यह मंदिर स्थित है, उसका नाम प्रेमपुरा है। एक समय में यहां बड़ी संख्या में झाड़ियां ही झाड़ियां हुआ करती थी। तो झाड़ियों से झाड़ और खंड अर्थात क्षेत्र को मिलाकर इस मंदिर का नाम झारखंड महादेव मंदिर रखा गया था।



ऐसे बना जयपुर में दक्षिण भारतीय मंदिर

भगवान शिव को समर्पित अपने तरह का यह एक अनोखा मंदिर है। क्योंकि इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है। दरअसल, वर्ष 1918 तक यह मंदिर बहुत छोटा हुआ करता था। यहां शिवलिंग की सुरक्षा के लिए एक कमरानुमा शिवालय बना हुआ था। फिर आज से करीब 18 साल पहले जब इसका जीर्णोद्धार किया गया तो इसका निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया। जिससे यह मंदिर बाहर से दक्षिण भारतीय शैली में हुआ।



मंदिर के गर्भगृह में भी दिखेंगे खास पौधे

आपको जानकर हैरानी होगी कि, मंदिर का केवल मुख्य द्वार ही दक्षिण भारतीय मंदिरों जैसा है। अंदर गर्भगृह उत्तर भारतीय मंदिरों से ही प्रेरित होकर बनाया गया है। लेकिन ये कुछ अगल जरुर है। क्योंकि गर्भगृह के निर्माण के समय शिवालय में स्वत: उग आए पेड़ को काटा नहीं गया। बल्कि पेड़ के साथ ही इसका निर्माण कर दिया गया। सावन में बड़ी संख्या में भक्त झाड़खंड महादेव मंदिर में पहुंचते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां शिवलिंग का अभिषेक करनेवाले श्रद्धालुओं की कतारें लगती हैं। अगर आप सावन में जयपुर जाएं तो झाड़खंड महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन करना न भूलें।



जयपुर के इस अनोखे 100 साल पुराने महादेव मंदिर में भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। ऐसा माना जाता हैं कि जो भी यहाँ शिवलिंग के दर्शन करता है और शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाता है भगवान शिव हमेशा उसकी रक्षा करते है। अगली बार जयपुर जाए तो, इस मंदिर में दर्शन करना बिल्कुल न भूले।



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Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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