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Jaipur Tourist Places: पिंक सिटी जयपुर में जमकर करें मौज, जानें घूमने, खाने और शॉपिंग के स्थानों तक सब कुछ
Jaipur Famous Tourist Places: चलिए जानते हैं जयपुर में घूमने वाली जगहों के बारे में।
Jaipur Famous Tourist Places: जयपुर 'द पिंक सिटी' के नाम से मशहूर भारत का एक ऐसा शहर है, जिसे नज़दीक से देखने की चाहत हर किसी की होती है। घुम्मकड़ लोगों की गुड लिस्ट में इस शहर का नाम न हो। ऐसा हो ही नहीं सकता। यूं तो यह शहर अपने महलों, किलों और विरासतों के लिए जाना जाता है। चलिए आज यहां के प्रसिद्ध स्थानों, फूड पॉइंट्स और शॉपिंग स्ट्रीट के बारे में जानते हैं। जयपुर राजस्थान की राजधानी है। यह शहर राजस्थान के पृथ्वीराज चौहान के बद्ध भाई जयपाल से नामकरण की गई थी और बाद में इसका नाम जयपुर रखा गया। यह शहर राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है और “रंगीला” और “रंगों का शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना 1727 ईसा में सवाई जय सिंह द्वारा किया गया था और यह भारत का पहला योजनाबद्ध शहर था। यहां आपको बहुत सारी ऐसी जगहें मिल जाएगी। जहां आप अपनी फैमिली के साथ वक्त बिता सकते हैं।
हवा महल (Hawa Mahal)
अगर आप जयपुर आ रहे हैं तो हवा महल (Hawa Mahal) जरूर घूमने जाए. भारत में स्थित एक प्रसिद्ध आर्किटेक्चर धरोहर है. यह जयपुर के भव्य नगरीय भवनों का एक हिस्सा है और राजपूत शासकों द्वारा बनवाया गया था. इस महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वितीय ने 1799 में शुरू किया था. इसे राजपूतों के महाराजा की विशाल भवनों की शृंगारी रास्ता के रूप में बनाया गया था ताकि महिलाएं शहर के विभिन्न भागों में अवसर और आयोजनों को देख सकें, बिना बाहर जाए.यह महल पांच मंजिलों पर बना है और इसमें 953 जालियां और छतरी हैं. हवा महल को भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है और विदेशी और देशी पर्यटकों को खींचता है।
जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)
जयगढ़ किला (Jaigarh Fort) जयपुर शहर के निकट स्थित एक महत्वपूर्ण इतिहासिक क़िला है. यह राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किले में से एक है और इसे विशेष रूप से शक्तिशाली रणनीतिकला, बड़े तोपों और खगोलीय अभियांत्रिकी के लिए जाना जाता है. जयगढ़ क़िला का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंग्ह द्वितीय द्वारा 18वीं सदी में किया गया था. यह क़िला मुख्य रूप से महाराजा जय सिंग्ह के राजसत्ता और साम्राज्य की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था. जयगढ़ क़िला भवन के रूप में नहीं, बल्कि एक विजयी युद्ध परीक्षा के रूप में जाना जाता है. यहां बड़े तोपों, महापाउडर मगज़ीनें, और खगोलीय अभियांत्रिकी इत्यादि के साथ संपूर्ण विद्युतीकरण बनाया गया था. जयगढ़ क़िला में सूरज मंदिर भी है, जो आरामदायक ध्यान के लिए जाना जाता है. यहां से आप आमेर फोर्ट, में तालाब, जल महल, और पिंटू खाड़ी का खूबसूरत परिदृश्य देख सकते है।
जंतर मंतर (Jantar Mantar)
जयपुर में जंतर मंतर दर्शनीय पर्यटन स्थल है, क्योंकि इसमें 27 मीटर की ऊंचाई के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर धूपघड़ी यानी सनडायल (विराट सम्राट यंत्र) है। इस स्थान का निर्माण पुराने समय में खगोलीय अतिथियों को देखने के लिए और सभी तरह की खगोलीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया गया था। पुराने समय में जब घड़ियां और कंपास नहीं होते थे उस समय पर जंतर मंतर में बने यह यंत्र बहुत ज्यादा उपयोग में लाए जाते थे। जयपुर के स्थित ऐतिहासिक स्थल का महत्व और ज्यादा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह हमें अपने पुराने समय में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक और उनके काम करने के बारे में बहुत कुछ दिखाता है. जंतर मंतर एक ऐसी ऐतिहासिक इमारत है जो सीधे तौर पर यह बताती है कि पुराने समय में भी जयपुर बहुत ज्यादा विकसित नगर था.महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1734 में निर्मित जंतर मंतर, एक खगोलीय वेधशाला है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है.
गलताजी मंदिर (Galtaji Temple)
सूर्य देव, हनुमान और बालाजी को समर्पित गलताजी मंदिर जयपुर में एक हिंदू तीर्थ स्थल है। विशाल मंदिर परिसर में शामिल हैं तीर्थस्थल, पवित्र तालाब, मंडप और प्राकृतिक झरने। नक्काशी से डिजाइन की गयी दीवारों पर सजी कलात्मक पेंटिंग्स मंदिर को भव्य हवेली जैसा रूप देती हैं। वैसे गलताजी मंदिर एक बड़े मंदिर परिसर, जिसमे अनेकों अन्य मंदिर भी हैं, का हिस्सा है। अरावली पहाड़ियों में यह मंदिर एक संकरे पहाड़ के भीतर बना है। दीवारों और छतों को भित्तिचित्रों से सजाया गया है। छतरियो का जटिल डिज़ाइन जालियां इसकी खूबसूरती बढ़ाती हैं। परिसर में बड़ी संख्या में आने वाले बंदरों की वजह से मंदिर को ‘बंदर मंदिर’ भी कहा जाता है. इसे स्थानीय तौर पर ‘गलवार बाग’ गलताजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसे सूर्य देव के मंदिर के रूप में जाना जाता है|
बिड़ला मंदिर (Birla Mandir)
बिड़ला मंदिर, जिसे लक्ष्मी नारायणन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, सफेद संगमरमर से बनाया गया है। इस भव्य मंदिर में भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की सुंदर रूप से गढ़ी गई मूर्तियां हैं जो नक्काशी का अनूठा नमूना हैं। गीता और उपनिषदों के प्राचीन उद्धरण इसकी दीवारों को सुशोभित करते हैं। यह आकर्षक मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी के तल पर एक ऊंचे मैदान पर स्थित है।
नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort)
1734 में सवाई राजा जयसिंह द्वारा यह बहुत ही खूबसूरत और बेहतरीन किला बनाया गया। इस किले के निर्माण के मुख्य उद्देश्य के बारे में बात की जाए तो वह आमेर की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। आज भी पर्यटक जब यहां पर आते हैं तो किले में इस्तेमाल की गई वास्तुकला उन्हें बहुत ज्यादा आकर्षित करती हैं। नाहरगढ़ किले के ऐतिहासिक खंड के भीतर स्थित, नाहरगढ़ जैविक उद्यान बच्चों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक जरूरी जगह है। 2016 में, राम निवास जयपुर चिड़ियाघर को नाहरगढ़ जैविक पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीव सफारी के दौरान विभिन्न प्रकार के जानवरों को देखा जा सकता है। सबसे अधिक देखी जाने वाली प्रजातियों में रॉयल बंगाल टाइगर, लकड़बग्घा, तेंदुआ, मगरमच्छ, सुस्त भालू, हिमालयी काला भालू और पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां शामिल हैं। एक बड़े स्थान में फैला यह पार्क ग्रेनाइट चट्टानों, पत्थर की चट्टानों और शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से बना है।
यहां करें शॉपिंग (Do Shopping Here)
जोहरी बाजार (Johri Bazaar)
यह बाजार जयपुर का प्रसिद्ध गहनों का बाजार है जिसमें मुख्य रूप से सोने, चांदी, पत्थरों, ज़र्कॉन और गुलाबी पत्थरों से बने आभूषण मिलते हैं। यहां विभिन्न शॉप्स और ज़र्वर्स की विशालता आपको महज़ूरी खरीदने का मौका देती है. यहां बाड़ी चौपड़ शहर है। यह मुख्य व्यापारिक और जारी इलाका है। यहां आप प्राचीन राजस्थानी कला, वस्त्र, पर्दे, जूते, अलंकारी उत्पाद, पुतले और अन्य स्थानीय आभूषण खरीद सकते हैं। इसके अलावा बापू बाजार है। स्थानीय राजस्थानी कपड़ों के लिए यह प्रसिद्ध है। यहां आप कढ़ाई वाले वस्त्र, लहरिया, बांधनी, साड़ी, सूट और अन्य राजस्थानी ड्रेस खरीद सकते हैं।
जयपुर शिल्प ग्राम (Jaipur Shilp Gram)
जयपुर शिल्प ग्राम एक संगठित हस्तकला बाजार है जो राजस्थान की लोकसंस्कृति, कला और शिल्पों को प्रदर्शित करता है। यह बाजार जयपुर के सिंहों की चौराही के निकट स्थित है और जयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। शिल्प ग्राम में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आये हुए शिल्पकारों और कलाकारों द्वारा निर्मित राजस्थानी हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन होता है। यहां आपको पांचों मुख्य कला विभागों के उत्पाद, जैसे कि प्राचीन राजस्थानी बंधनी, पट्टी, मोज़ड़ी, संगठनी और विभिन्न प्रकार के शिल्प उत्पाद मिलते हैं। शिल्प ग्राम में विभिन्न वस्तुएं, जूते, पर्दे, रुमाल, गुलाबी चादर, पुष्कर की विभिन्न आभूषण, विरासत बांधनी साड़ी, चांदी और जरकन जैसे आकर्षक उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। इस संगठित हस्तकला बाजार में शिल्पकार अपने प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन करते हैं और यहां पर बेहद कला से संबंधित उत्पाद मिलते हैं जिन्हें आप अपने घर को सजाने और उपहार के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
बापू बाज़ार (Baapu Bazaar)
यह जयपुर की फैशन स्ट्रीट है। स्कर्ट, लेहरिया स्टोल और खास जयपुरी ऊनी कपड़ों और शॉल के शानदार कलेक्शन के साथ, यह वह जगह है जहाँ आपको सबसे खूबसूरत चीज़ों पर सबसे बढ़िया डील मिल सकती है। बापू बाज़ार में लाख के आभूषण बेचने वाली कई दुकानें भी हैं- राजस्थान से ज़रूर खरीदें।
नेहरू बाज़ार (Nehru Bazaar)
जयपुर में एक और महत्वपूर्ण शॉपिंग डेस्टिनेशन नेहरू बाज़ार है। अगर आप खूबसूरत राजस्थानी मोजरी खरीदना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए सबसे अच्छी है। यहाँ अलग-अलग रंगों और स्टाइल की मोजरी मिलती हैं और आपके पास चुनने के लिए बहुत सारे विकल्प होंगे। नेहरू बाज़ार में हाथ से प्रिंट किए गए ड्रेस मटीरियल और बांधनी दुपट्टे भी किफ़ायती दामों पर मिलते हैं।
यहां मिलेंगे स्वादिष्ट व्यंजन (Best Food Of Jaipur You Will Get Here)
दाल बाटी चूरमा, विरासत रेस्तंरा (Dal Bati Churma, Heritage Restaurant)
दाल-बाटी-चूरमा के बिना राजस्थान की यात्रा अधूरी मानी जाती है। बाटी को आटे के प्रयोग से तैयार कर घी में डुबाकर परोसा जाता है। चूरमा एक मीठा व्यंजन है, जो आटे, चीनी इत्यादि के उपयोग से बनाया जाता है। वहीं दाल करी या सूप की तरह होती है। यह डिश आपको जयपुर के किसी भी कोने में आसानी से मिल जाएगी। फिर भी किसी ख़ास जगह की बात की जाए, तो विरासत रेस्तंरा एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
रावत मिष्ठान भंडार (Rawat Mishthan Bhandar)
प्याज़ कचौरी राजस्थान की ख़ास चीज़ों में से एक है। बड़ी दुकानों से लेकर सड़क किनारे मौजूद छोटे-छोटे स्टॉल्स में ये हर जगह आपको मिल जाएंगी। जयपुर का रावत मिष्ठान भंडार इसके लिए ख़ासा लोकप्रिय है। यूं तो यह एक मिठाई की दुकान है, जहां 50 से अधिक किस्म की मिठाइयां मौजूद हैं। मगर यहां की प्याज़ कचौरी की बात ही कुछ और है।
घेवर, लक्ष्मी मिष्ठान भंडार (Ghewar Laxmi Mishthaan Bhandar)
घेवर जयपुर की पसंदीदा मिठाईयों में से एक है। पारंपरिक रूप से इसे तीज महोत्सव के समय तैयार किया जाता है। यह डिस्क के आकार का होता है, जिसे तेल, आटे और चीनी के सिरप से बनाया जाता है। जयपुर के बाहर भी यह ख़ासा प्रसिद्ध है।
चावला और नंद के गोलगप्पे (Chawal Aur Nand Ke golgappas)
गोलगप्पा, नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाए। जयपुर में इनके लिए आप नंद और चावला को चुन सकते हैं। फ़ैशन स्ट्रीट पर मौजूद ये दोनों स्टॉल कई तरह के मसालेदार, मीठे और चटपटे गोलगप्पों के लिए जाने जाते हैं। वैसे दोनों में ज़्यादा अच्छा कौन है। इसकी पुष्टि के लिए दोनों स्टाल्स पर गोलगप्पों को आज़माएं. फिर तय करें।
मसाला चाय, गुलाब जी चायवाला (Masala Tea)
यदि आप हमेशा एक शानदार चाय की खोज में रहते हैं, तो जयपुर के गणपति प्लाज़ा के सामने मौजूद गुलाब जी चायवाला पर जाकर आपकी खोज पूरी हो सकती है। यहां की मसाला चाय का दूर-दूर तक कोई सानी नहीं है। यहां चाय की चुस्कियों के साथ आप लोगों को दिन का आनंद लेते हुए देख सकते हैं। अगर आप इस शहर में हैं, तो यह जगह आपका दिन बना सकती है।