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Jaipur Hawa Mahal History: बहुत प्रसिद्ध है जयपुर का हवा महल, जानें कैसे पड़ा इस जगह का नाम

Jaipur Hawa Mahal History: जयपुर राजस्थान का एक बहुत ही खूबसूरत शहर है, जो अपने ऐतिहासिक स्थानों के लिए पहचाना जाता है। चलिए आज हम आपके यहां के हवा महल के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 16 Jun 2024 5:48 PM IST
Jaipur Hawa Mahal History
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Jaipur Hawa Mahal History (Photos - Social Media)  

Jaipur Hawa Mahal History : भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इन चीजों के अलावा इसे अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए भी पहचाना जाताहै। भारत में एक नहीं बल्कि कहीं सारी ऐतिहासिक इमारतें मौजूद है जो हमारे समृद्ध और गौरवमय इतिहास को दर्शाने का काम करती है। राजस्थान एक ऐसा राज्य है जो अपनी पहनते बोली और खानपान के अलावा ऐतिहासिक इमारत की वजह से पहचाना जाता है। यहां की पिंक सिटी जयपुर में आपको कहीं सारे किले और महल देखने को मिल जाएंगे जो इस शहर की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करते हैं। जयपुर के किले और महलों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर पहुंचते हैं। हवा महल एक ऐसी ही जगह है जो अपनी अनोखी बनावट की वजह से लोगों का आकर्षित करता है। चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

कैसा है हवा महल (How is Hawa Mahal?)

यह भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा स्थापित, जयपुर अपनी समृद्ध संस्कृति, भव्य वास्तुकला, रंगीन बाजारों और स्वादिष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है। गुलाबी रंग की इमारतें, जो चूने और गुड़ के मिश्रण से रंगी गई हैं, शहर को एक अनोखा और आकर्षक रूप प्रदान करती हैं। जयपुर हवा महल, जंतर मंतर, आमेर का किला, सिटी पैलेस, जयगढ़ किला, नाहागढ़ किला जैसे कई ऐतिहासिक स्मारकों का घर है।


कैसे पड़ा जयपुर के ‘हवा महल’ का नाम? (How did Jaipur's 'Hawa Mahal' get its name?)

जयपुर में स्थित हवा महल, अपनी अनूठी वास्तुकला और भव्यता के लिए जाना जाता है। 1799 में निर्मित यह पांच मंजिला महल, मधुमक्खी के छत्ते जैसा दिखता है, जिसमें 953 छोटी-छोटी खिड़कियां और झरोखे बने हुए हैं। इन खिड़कियों और झरोखों से होकर आने वाली हवा, महल के अंदर एक प्राकृतिक एयर कंडीशनिंग सिस्टम का काम करती है, जिसके कारण इसे “हवा महल” नाम दिया गया। यह महल, राजस्थानी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। गुलाबी बलुआ पत्थर से बना यह महल, शहर के रॉयल पैलेस के पास स्थित है और जयपुर की पहचान बन गया है। हवा महल, पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय आकर्षण है, जहाँ से जयपुर शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।


क्यों बनाया गया था हवा महल (Why was Hawa Mahal built?)

महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा 1799 में निर्मित यह पांच मंजिला महल, शाही परिवार और दरबार की महिलाओं को जौहरी बाजार की चहल-पहल को देखने की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया था। उस समय, समाज में महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा प्रचलित थी, जिसके कारण उन्हें बाहर निकलकर बाजार जैसी सार्वजनिक जगहों पर जाना उचित नहीं माना जाता था। हवा महल की छोटी-छोटी खिड़कियां और झरोखे, महिलाओं को पर्दे के पीछे से ही बाहर की दुनिया को देखने की सुविधा प्रदान करते थे। वे इन झरोखों से बाजार की गतिविधियों, उत्सवों और जुलूसों को बिना किसी की नजर में आए देख सकती थीं। इस प्रकार, हवा महल न केवल एक शानदार वास्तुशिल्प कृति है, बल्कि यह उस समय की सामाजिक रीति-रिवाजों और महिलाओं के जीवन पर भी प्रकाश डालता है। यह दर्शाता है कि कैसे रचनात्मक सोच और वास्तुकला का उपयोग सामाजिक प्रतिबंधों के बावजूद महिलाओं को कुछ स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए किया जा सकता था।




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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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