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Haunted Story of Jaisalmer: एक ऐसा गाँव जो रातों रात ख़ाली हो गया
Haunted Story of Jaisalmer: कुलधरा गाँव के बारे में काफ़ी अलग अलग क़िस्से सुनने को मिलते हैं। कुलधरा गांव मूल रूप से पाली से आए ब्राह्मणों द्वारा 1200 की सदी में बसाया गया था।
Haunted Story of Jaisalmer: राजस्थान को अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। साथ ही यहाँ का खाना विदेशों तक फ़ेमस है।राजस्थान इन सब के आलावा भूतिया जगहों के लिए भी जाना जाता है। भानगढ़ क़िले का नाम भारत के लगभग सभी लोग जानते ही होंगें। पर यहाँ एक ऐसा गाँव है जो पूरा का पूरा भूतिया है। इस भूतिया गाँव का नाम कुलधरा है। कुलधरा गाँव जैसलमेर शहर से करीब 34 किलोमीटर की दूरी पर है। आप जैसलमैर से कैब लेकर कुलधरा गाँव पहुँच सकते हैं।
कुलधरा गाँव के बारे में काफ़ी अलग अलग क़िस्से सुनने को मिलते हैं। कुलधरा गांव मूल रूप से पाली से आए ब्राह्मणों द्वारा 1200 की सदी में बसाया गया था। इस गांव की पुस्तकों और साहित्यिक वृत्तांतों में कहा जाता है कि पाली के एक ब्राह्मण कधान ने सबसे पहले इस जगह पर अपना घर बनाया था और साथ में एक तालाब भी खोदा था, जिसका नाम उसने उधनसर रखा था। पाली ब्राह्मणों को पालीवाल कहा जाता है। कुलधरा गाँव में कई ऐसे शिलालेख और नक्काशी पाए गए, जिसमें से कई ने कुलधरा का ब्राह्मण जाति के निवास के रूप में उल्लेख किया है। आज वीरान दिखता हुआ पूरा गाँव पहले बहुत सुंदर हुआ करता था। ये गांव हर सुख सुविधा से संपन्न था। जिसकी कल्पना यहाँ की बडी-बडी हवेली और घरों की संरचनाओं को देखकर अभी भी लगाया जा सकता है।
पहला क़िस्सा
कहा जाता है कि इस रियासत का दीवान सलीम सिंह हुआ करता था जो कर वसूली करता था। उसकी नज़र इस गाँव के मुखिया की बेटी शक्ति मैया पर पड़ी। सलीम सिंह उससे शादी करना चाहता था जो मुखिया को ना मंज़ूर था। जिसके बाद सलीम सिंह ने कहा कि यदि वे उसकी शादी शक्ति मैया से नहीं कराते तो गाँव को नष्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद गाँव के मुखिया ने सरपंचों से बात की और यह निर्णय लिया कि वे अपनी गाँव की बेटी की इज्जत बचाने के लिए पूरे गाँव को ही ख़ाली कर देंगें। जिसके बाद पालीवाल ब्राह्मण रातों रात पूरा गाँव छोड़ कर चले जाते हैं और जाते जाते यह श्राप देते हैं कि इस गाँव में दोबारा कोई भी नहीं बस पाएगा।
दूसरा क़िस्सा
ऐसा भी कहा जाता है कि यहाँ का दीवान सलीम सिंह गाँव के लोगों से ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से कर वसूलता था और कर ना चुकाने पर दंड भी देता था। एक दिन सभी गाँव वालों ने इस कर से मुक्ति के लिए पूरा का पूरा गाँव छोड़ दिया।
तीसरा क़िस्सा
एक कहानी यह भी है कि इस गाँव के दीवान की गंदी नज़र गाँव की मुखिया की पुत्री पर थी। उसने उससे दरिंदगी की। जिसके बाद उसकी मौत हो गयी। गाँव वालों ने उसका विरोध किया, तो सलीम सिंह ने कर और बढ़ा दिया। उसने दूसरी लड़कियों के ऊपर भी गंदी नज़र रखना जारी रखा। इसके बाद अपने गांव की बेटियों की इज्जत बचाने और जालिम मंत्री की ज्यादतियों से बचने के लिए पूरा का पूरा गांव ही ख़ाली कर दिया।
चौथा क़िस्सा
यह क़िस्सा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह गाँव किसी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकम्प , आकाल के चलते नष्ट हो गया होगा। ऐसा कहा भी जाता है कि जब किसी क्षेत्र में मनुष्य नहीं होते हैं तो वहाँ अनचाही आत्माओं का वास हो जाता है। वे आत्माएँ उन्हें ही अपना घर बना लेती हैं। वे किसी मनुष्य को अपने क्षेत्र में घुसने की अनुमति नहीं देती है।
फ़िलहाल यह गाँव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई के अधीन है। इसे संरक्षित स्थल घोषित किया गया है। कुलधरा गाँव एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें लगभग 85 छोटे-छोटे आवास शामिल हैं।फ़िलहाल यहाँ गांव के ज्यादातर घर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कुछ तो रेतों में दब चुके हैं। यहाँ खंडरों के बीच एक मंदिर हैं। कई सड़कें इन बस्तियों से होकर गुजरती हैं। जो यह बताती है कि यह गाँव कितना समृद्ध रहा होगा।
यहाँ के कुछ घर अब भी अच्छी स्तिथि में हैं। यहां देशी और विदेशी पर्यटक भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। हालांकि, शाम होते ही इस गांव के आसपास कोई भी नहीं भटकता है। शाम 06 बजे के बाद यहाँ पर प्रवेश वर्जित है। यहाँ कुछ लोग ने बसने की कोशिश की है पर उन्हें अप्रिय घटनाओं का अनुभव हुआ जिसके बाद कोई भी यहाँ नहीं बस सका है। आसपास के क्षेत्र के लोगों से आप यहाँ की कहानियाँ सुन सकते हैं। यह जगह फ़िल्म शूटिंग, फ़ोटो ग्राफ़ी के लिहाज़ से अच्छी है। यहाँ कई फ़िल्म और सीरीयल्ज़ की शूटिंग हो चुकी है। इस क्षेत्र के आसपास कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं है।