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Shiv Khori Temple History: बहुत खास है जम्मू कश्मीर में बसा शिव खोड़ी मंदिर, यहां डमरू आकार की है गुफा
Shiv Khori Temple History: जम्मू कश्मीर की हसीन वादियों में कई सारे हिंदू तीर्थ स्थल बसे हुए हैं। इनमें से एक शिव खोड़ी है।
Shiv Khori Temple Katra : भारत एक बहुत खूबसूरत और आध्यात्मिक देश है और यहां पर घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद है। पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक यहां पर कई सारे गांव और शहर हैं जो अपने पवित्र स्थान की वजह से पहचाने जाते हैं। जम्मू कश्मीर की हसीन वादियों में एक पवित्र और ऐतिहासिक मंदिर मौजूद है जिसे सभी वैष्णो देवी के नाम से पहचानतेहैं। यहां पर अमरनाथ और शंकराचार्य मंदिर के साथ मार्तंड सूर्य मंदिर भी मौजूद है। इन सभी मंदिरों के साथ-साथ यहां पर शिवखोड़ी मंदिर भी मौजूद है जो बहुत ही प्राचीन है और भक्तों के बीच काफी प्रसिद्धहै। हाल ही में जब इस मंदिर से दर्शन कर रहे भक्तों की बस लौट रही थी उसे पर आतंकी हमला किया गया जिसमें 10 लोगों की जान चलीगई। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं।
प्रसिद्ध है शिव खोड़ी मंदिर (Famous Shiv Khodi Temple)
शिवखोड़ी मंदिर जम्मू कश्मीर में रियासी जिले में मौजूदहै। यह एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थल है जो एक गुफा में बसा हुआ है और भगवान शिव को समर्पित है। वैष्णो देवी से यह 80 किलोमीटर कटरा से 80 किलोमीटर जम्मू से 100 किलोमीटर पर राजधानी श्रीनगर से 300 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी के बाद इसे दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल माना गया है।
शिव खोड़ी मंदिर पौराणिक कथा (Shiv Khodi Temple Story)
मान्यताओं के अनुसार भस्मासुर नामक एक दानव ने तप कर भगवान शिव से वरदान मांगा कि वह जिस किसी पर भी अपना हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। वरदान प्राप्त कर भस्मासुर भगवान शिव को ही भस्म करने की इच्छा ले बैठा। भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव इस गुफा में छुप गए थे। भगवान शिव की मदद करने के लिए भगवान विष्णु मोहिनी के अवतार में भस्मासुर के सामने प्रकट हुए और अपने जाल में फंसाकर, उसे उसके ही हाथों से भस्म करवा दिया। सालों पहले एक चरवाहे को शिव खोरी के दर्शन हुए जब वह अपनी खोई हुई भेड़ को ढूंढते हुए यहां तक आ पहुंचा।
ऐसी है शिव खोड़ी गुफा (Shiv Khodi Cave is Like This)
खोरी अर्थात "गुफा", यहाँ शिव खोरी से तात्पर्य है भगवान शिव की गुफा। भगवान शिव की यह गुफा डमरू के आकार की बनी है, जो दो छोरों से चौड़ी व बीच से संकरी है। कुछ हिस्सों पर श्रद्धालुओं को झुककर प्रवेश करना होता है। शिव खोरी का प्रमुख आकर्षण स्वयं अवतरित शिवलिंग तो है ही, साथ ही यहाँ 33 करोड़ देवी देवताओं की पिंडी स्वरुप आकृतियाँ हैं जिन्हें ध्यानपूर्वक देखने पर पहचाना जा सकता है। शिवलिंग पर चट्टानों से गिरता दूधिया द्रव्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है। गुफा में माँ पार्वती, भगवान कार्तिकेय, पञ्चमुखी भगवान गणेश, राम दरबार, कामधेनु, माँ काली, माँ सरस्वती और अन्य देवी देवताओं सहित पांडवों की भी पिंडियाँ मौजूद हैं। गुफा की छत पर ओम, त्रिशूल और छह मुखी शेषनाग के चित्रों को देखा जा सकता है। भगवान शिव की अमरनाथ गुफा की तरह इस गुफा में भी सदैव दो कबूतर रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी दर्शन करता है उसकी मनोकामना पूरी होती है।