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Jatinga Dima Hasao Assam: भारत की वो जगह जहां सुसाइड कर लेते हैं पक्षी, जानें यहां का रहस्य
Jatinga Dima Hasao Assam: असम भारत का एक बहुत ही खूबसूरत इलाका है। लेकिन यहां की जतिंगा घाटी एक ऐसी जगह है। जिसकी सच्चाई किसी को भी हैरान कर सकती है।
Jatinga Valley Assam : भारत एक ऐसा देश है जो अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। यह देश अपने रहस्य में स्थान की वजह से भी पूरे विश्व में पहचान रखता है। यहां पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई सारे महल पैलेस और गांव मौजूद है जो कहानियों की वजह से पहचाने जाते हैं। भारत का नॉर्थ ईस्ट इंडिया देश का एक ऐसा हिस्सा है जिसकी खूबसूरती को निहारने के लिए हजारों की संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। यहां की चर्चित जगह के बारे में तो सब लोग जानते हैं लेकिन यहां पर एक ऐसी जगह भी मौजूद है जिसे पक्षियों का सुसाइड स्थान के नाम से पहचाना जाता है। चलिए आज हम आपको इस जगह के बारे में बताते हैं।
जतिंगा वैली क्या है? (What is Jatinga Valley?)
असम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमान्त राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित है। असम के दिमा हासो जिले (Dima Haso) की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी (Jatinga Valley) को पक्षियों का सुसाइड पॉइंट कहा जाता है. हर साल सितंबर की शुरुआत के साथ ही आमतौर पर छिपा रहने वाला जतिंगा गांव पक्षियों की आत्महत्या के कारण चर्चा में आ जाता है|
जटिंगा के पीछे रहस्य क्या है? (What Is The Secret Behind Jatinga?)
जटिंगा की भयानक घटना में प्रवासी पक्षियों की रहस्यमय आत्महत्या शामिल है। निर्दिष्ट महीनों के दौरान, जब हवा धुंधली, धुंधली या बादल छाई होती है, तो टाइगर बिटर्न, किंगफिशर और लिटिल एग्रेट सहित पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां इस अस्पष्ट घटना से प्रभावित होती हैं। जतिंगा घाटी दिमासा हसाओ जिले का एक अनोखा गांव है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, आत्महत्या की इस दौड़ में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की लगभग 40 प्रजातियाँ शामिल हैं। इस वजह से, कई लोग जटिंगा को दुनिया के सबसे अशांत स्थानों में से एक मानते हैं।
यहां पक्षी करते हैं सुसाइड (Birds Commit Suicide Here)
नॉर्थ ईस्ट इंडिया की यह जगह ऐसी है जहां पर पक्षियों को झुंड में सुसाइड करते हुए देखा जाता है। इस जगह का नाम जतिंगा घटी है जो नॉर्थ ईस्ट के किसी अन्य राज्य में नहीं बल्कि असम में मौजूद है। जतिंगा घाटी एक तरफ तो अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए पहचानी जाती है लेकिन ठीक उसके विपरीत पक्षियों का सुसाइड स्थल के नाम से भी प्रसिद्ध है। सूरज डालने के बाद यहां की घाटी में कोई भी जाने की हिम्मत नहीं करता। बताया जाता है कि साल 1910 से यहां पर पक्षियों की आत्महत्या का सिलसिला चलता आ रहा है।
कब होती है घटना (When Does The Incident Happen)
जतिंगा घाटी में पक्षी सुसाइड क्यों करते हैं इसे लेकर आज तक किसी के पास कोई जवाब नहीं है। कहा जाता है कि सितंबर की शुरुआत में ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि न सिर्फ स्थानीय बल्कि प्रवासी पक्षी भी यहां पर खुदकुशी कर लेते हैं। अमूमन यह घटना शाम 7:00 से रात 10:00 के बीच होती है और सुबह सड़कों पर हजारों की संख्या में मृत पक्षी दिखाई देते हैं।
ऐसी है कहानी (The Story)
जतिंगा घाटी के पक्षियों का सुसाईडकरना आज भी कई लोगों के लिए रहस्यमयी कहानियों से कम नहीं है। इस अजीबों-गरीब घटना को लेकर एक कहानी है कि घाटी में कोहरे भरा मौसम रहता है और इस मौसम में जब पक्षियां तेजी से उड़ते हैं, तो पहाड़, पेड़, इमारत आदि से टकराने के बाद मर जाते हैं। जतिंगा घाटी को लेकर एक दूसरी रहस्यमयी कहानी भी है। स्थानीय और आसपास के लोगों के अनुसार जतिंगा की हवाओं में पारलौकिक शक्तियां हैं, जिसके कारण जब पक्षियां हवा में उड़ते हैं, तो अपने आप दम तोड़ देते हैं। एक अन्य कहानी यह भी है कि यहां की हवाओं को किसी साधू का श्राप मिला हुआ है, जिसके कारण पक्षियां सुसाईड कर लेते हैं।
कब जाएं (When To Go)
अगर आप जतिंगा घाटी घूमने जाना चाहते हैं तो इसे एक्सप्लोर करने के लिए आपको स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेना होगी। इस जगह के बारे में बताया जाता है कि प्राकृतिक कर्ण की वजह से जतिंगा गांव करीब 9 महीने तक बाहरी दुनिया से अलग रहता है इसके अलावा यहां घूमने प्रतिबंधित माना जाता है।