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Jhansi Hanuman Mandir: झांसी में स्थित सखी के हनुमान मंदिर, 500 वर्ष पूराना है इतिहास

Jhansi Famous Hanuman Mandir: झांसी में स्थित सखी के हनुमान मंदिर.सखी के हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह 500 वर्ष से भी पुराना मंदिर है|

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 24 May 2024 10:34 AM GMT
Jhansi Famous Manuman Mandir
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Jhansi Famous Manuman Mandir (Photos - Social Media)

Jhansi Famous Manuman Mandir : झांसी भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि 1857 की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी बहादुरी और साहस से अमर गर्व के साथ लड़ा। झांसी की रानी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महान नायिका के रूप में स्मृति में बनाए रखा गया है। झांसी ऐतिहासिक रूप से भी धरोहर और संस्कृति का केंद्र रहा है। यहां पर कई प्राचीन मंदिर, किले और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो इस शहर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं। झांसी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय का वीर और साहसी इतिहास अपने आप में संजो रखा है। वहीं, यहां एक सिद्ध मंदिर है झांसी में स्थित सखी के हनुमान मंदिर.सखी के हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह 500 वर्ष से भी पुराना मंदिर है.

हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir)

दरअसल, हम सखी के हनुमान मंदिर की बात कर रहे हैं, जो झांसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यह 500 वर्ष से भी पुराना माना जाता है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। सखी के हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति स्थापित है। मंदिर के पास एक छोटा सा कुंड है, जिसमें अग्निकुंड यानी अग्नि का कुंड है, जिसे पूजा-अर्चना के लिए उपयोग में लाया जाता है। झांसी-कानपुर हाईवे पर स्थित सखी के हनुमान मंदिर में हर रोज बहुत सारे श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। खासकर हनुमान जयंती, श्री राम नवमी पर यहां भीड़ बढ़ जाती है। इन अवसरों पर लाखों श्रद्धालु मंदिर में आकर भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।


मंदिर की मान्यता (Recognition Of Temple)

सखी के हनुमान मंदिर में बजरंग बली को स्त्री रूप में विराजमान किया गया है। बजरंग बली के स्त्री रूप के विराजन का संदेश गहरा है और धार्मिक मान्यताओं के साथ संबंधित है। बजरंग बली का स्त्री रूप लेना वो क्षण है, जब वे माता सीता की सेवा करने के लिए लंका में पहुँचे थे। उन्होंने माता सीता को उसके पति, भगवान राम की खबर दी और उसे आश्वस्त किया कि राम उन्हें छुड़ाने के लिए जल्दी ही आएंगे। बजरंग बली का यह अवतार भक्ति में माना जाता है क्योंकि वे माता सीता की सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर रहे थे।

मंदिर का इतिहास (Temple History)

इस मंदिर के इतिहास में सखी बाबा नामक संत के साथ जुड़ी है। यह कथा करीब 500 साल पहले के ओरछा में घटित हुई थी। मान्यताओं के अनुसार, सखी बाबा के सपने में एक स्थान पर हनुमानजी की सखी वेश में प्रतिमा दिखाई दी। उन्हें सपने में यह भी आदेश मिला कि इस प्रतिमा को ओरछा के पास ही स्थापित किया जाए। लेकिन बाबा के आदेश के बावजूद, उन्होंने प्रतिमा को झांसी के पास ही स्थापित कर दिया।


भंडारा का आयोजन (Bhandara Organized)

हनुमान जयंती के अवसर पर सखी के हनुमान मंदिर में एक दो दिन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दौरान, देशभर से श्रद्धालु यहाँ आकर भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके विशेष श्रृंगार का आनंद लेते हैं। इस अवसर पर बजरंगबली की मूर्ति को विशेष रूप से सजाया जाता है और उन्हें विभिन्न प्रकार के फूल, वस्त्र और आभूषणों से अलंकृत किया जाता है। 24 घंटे भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है ताकि भक्तगण हनुमानजी की भक्ति और आस्था में लिप्त हो सकें। साथ ही, भगवान हनुमान के प्रति भक्ति और आस्था को दिखाने के लिए भंडारा का आयोजन भी किया जाता है|

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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