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Jhansi History: बहुत सुंदर है झांसी का इतिहास, यहां इन जगहों का जरूर करें दीदार
Jhansi History in Hindi: झांसी को रानी लक्ष्मी बाई की वजह से सबसे ज्यादा पहचाना जाता है। चलिए आज इस जगह के इतिहास के बारे में जानते हैं।
Jhansi History: हमारे देश में ऐसे बहुत से स्थान है जो अपनी विरासत संस्कृति और रहस्यों के लिए जाना जाता है। जिनमें यूपी का झांसी शहर भी शामिल है या देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अलग पहचान बनाए हुए हैं। दरअसल पूरे विश्व के लोग यहां के इतिहास को नमन करती है। दरअसल भारत के स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई झांसी में ही लड़ी गई थी। यहां की महिला ने अंग्रेजों को धूल चटा दिए थे, जिसका अंदाजा उन्हें बिल्कुल भी नहीं था। आईए जानते हैं कितना दिलचस्प है झांसी का इतिहास।
झांसी का इतिहास
इतिहासकारों की माने तो झांसी शहर नाम पढ़ने के पीछे बहुत सारी कहानी जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि राजा वीर सिंह जूदेव ने यहां पर बहुत सारे किले बनवाए थे। इस दौरान उन्होंने बलवंत नगर में किला बनवाया तब इस शहर का पूरा नाम बलवंत नगर था। तभी उनके एक मित्र यहां आए और उन्होंने उनसे यह पूछा कि जो नया किला बनवा रहे हैं वह कहां है तब वीर सिंह ने ओरछा के किले से खड़े होकर अपने मित्र को वह जगह दिखाते हुए कहा कि यह झांसी दिखाई दे रही जगह पर ही नहीं किला का निर्माण करवाया गया है जिसका अर्थ परछाई होता है। तब से ही लोगों ने इसे झांसी बोलना शुरू कर दिया।
झांसी का पर्यटक स्थल
झांसी फोर्ट
वहीं यदि आप झांसी शहर का दीदार करना चाहते हैं तो आप झांसी फोर्ट जा सकते हैं। जिससे 17वीं शताब्दी में राजा वीर सिंह देव द्वारा बनवाया गया था। इसके लिए के अंदर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा यहां पर एक म्यूजियम भी है जहां आप बहुत सी चीज हो को देख सकते हैं। यहां पर शहीदों को समर्पित एक युद्ध स्मारक भी बनाया गया है इसके लिए को आप सुबह 8:00 से शाम 6:00 के बीच घूम सकते हैं जिसकी
एंट्री फीस ₹5 है।
रानी महल
इसके अलावा आप झांसी में स्थित रानी महल जा सकते हैं। जो की रानी लक्ष्मी बाई का शाही महल है। इसे 18वीं शताब्दी में बनाया गया था जिसका एक बड़ा हिस्सा विद्रोह के दौरान नष्ट हो गया है। हालांकि इसे पूरा पुनर्निमित करवाया गया है यह 6 हॉल वाली दो मंजिला इमारत है। जिसमें दरबार हॉल भी शामिल है यह महल 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुलता है।
झांसी म्यूजियम
वही आप झांसी म्यूजियम भी जा सकते हैं। यहां आपको विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां देखने को मिलेगी। आप झांसी के राजा गंगाधर राव का स्मारक भी जा सकते हैं। उनकी मृत्यु के बाद रानी लक्ष्मीबाई द्वारा स्मारक को 1853 में बनवाया गया था। इसके बगल में ही लक्ष्मी झील स्थित है जो की बिल्कुल महालक्ष्मी मंदिर के पास है।