×

Birthplace of Jhansi Ki Rani: यहां हुआ था झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म

Birthplace Of Rani Laxmi Bai: रानी लक्ष्मी बाई की अमर गाथा आज सभी जानते हैं, लेकिन उनका जन्म कहा हुआ, उनका बचपन कहा और कैसा रहा यह बहुत कम ही लोग जानते हैं...

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 28 July 2024 12:01 PM IST
Rani Laxmi Bai Birthplace in Varanasi
X

Rani Laxmi Bai Birthplace in Varanasi(Pic Credit-Social Media)

Varanasi Famous Place: रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें झांसी की रानी के नाम से भी जाना जाता है, 1857 के भारतीय विद्रोह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अपनी वीरगाथा से जानी जाती है। उन्हें भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है। वह साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति थीं। वैसे तो उनका जन्म मराठा परिवार में हुआ था और वह अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण नाम थीं। लेकिन आपको पता है बनारस शहर झांसी की रानी से सम्बंधित है। वाराणसी नगरी कई कारणों से यात्रियों को आमंत्रित करता है; रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली होने का गौरव उन्हीं में से एक है।

काशी में झांसी की रानी स्मारक

वाराणसी भगवान शिव की नगरी होने के साथ ही आजादी के युद्ध में अपनी जान की आहुति देने वाली झांसी की रानी लक्ष्‍मीबाई की जन्मभूमि रही है। शहर का भदैनी क्षेत्र रानी लक्ष्‍मीबाई की जन्‍मभूमि आज भी उनकी स्‍मृतियों को सहेजे हुए है। वाराणसी के भदैनी क्षेत्र स्थित रानी लक्ष्‍मीबाई स्‍मारक झांसी की रानी को समर्पित हैं। यह केवल एक श्रद्धेय स्मारक ही नहीं, यह स्थान प्रत्येक भारतीय के लिए तीर्थ के समान महत्व रखता है। यह जगह भदैनी घाट के नजदीक है।



बनारस में यहां हुआ था जन्म

काशी का भदैनी क्षेत्र ही वह स्‍थान है, जहां पर रानी लक्ष्‍मीबाई का जन्म हुआ और उनका बचपन बीता है। उन्‍होंने यहां युद्धकौशल की बारीकियों को सीखा है। बनारस में उनका बचपन भदैनी की गलियों और हवेलियों में खेलते सीखते बिता है। उस दौर में वे यहां रहीं, जब रजवाड़ों और अंग्रेजों का दौर बनारस में था। झांसी की रानी बनने के बाद उनकी वीरगाथा आज जन - जन के जुबान पर दर्ज है, लेकिन काशी का यह भदैनी क्षेत्र बहुत ही कम लोगों की जानकारी में है, इस जगह को रानी लक्ष्‍मीबाई के जन्‍मस्‍थली के तौर पर जाना जाता है।


ऐसे बिता था रानी लक्ष्मी बाई का बचपन

रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी शहर में हुआ था। उनका नाम मणिकर्णिका तांबे और उपनाम मनु था। उनके पिता मोरोपंत तांबे और उनकी माँ भागीरथी सप्रे (भागीरथी बाई) थीं। वे आधुनिक महाराष्ट्र से थीं। चार साल की उम्र में उनकी माँ का निधन हो गया। उनके पिता बिठोर जिले के पेशवा बाजी राव द्वितीय के अधीन युद्ध के कमांडर थे। जिस कारण वे झांसी चले गए, रानी लक्ष्मीबाई की शिक्षा घर पर ही हुई। वे पढ़-लिख सकती थीं और बचपन में अपनी उम्र की अन्य लड़कियों की तुलना में ज्यादा स्वतंत्र थीं। उनकी पढ़ाई में निशानेबाजी, घुड़सवारी और तलवारबाजी शामिल थी, जो उस समय भारतीय समाज में महिलाओं के लिए सांस्कृतिक अपेक्षाओं के विपरीत थी।



ऐसे पड़ा था रानी लक्ष्मीबाई नाम

1842 में 14 वर्ष की आयु में उनका विवाह झांसी के महाराजा गंगाधर राव से हुआ। विवाह के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया था



Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

Next Story