Kannauj Famous Shiv Mandir: 1000 साल पुराने शिव मंदिर का इतिहास चौंका देगा आपको

Kannauj Famous Shiv Mandir: अगर आप भोलेनाथ के भक्त हैं तो आपको एक बार कन्नौज के इस शिव मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए। यहां पूरा शिव परिवार विराजित है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 25 Feb 2024 11:53 AM GMT
Kannauj Famous Shiv Mandir
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Kannauj Famous Shiv Mandir (Photos - Social Media)

Kannauj Famous Shiv Mandir: भारत अपनी बेहतरीन संस्कृति, परंपरा, मान्यता और इतिहास के लिए दुनिया भर में पहचाना जाता है। यहां पर कई सारे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद है जिन से गहरा इतिहास और मान्यताएं जुड़ी हुई है। पर्यटन के लिहाज से भी हमारा देश काफी प्रसिद्ध है। यहां पर कई सारे धार्मिक स्थल है जो पर्यटकों की आस्था का केंद्र है। जब भी घूमने फिरने की बारी आती है तो हर किसी की अपनी पसंद होती है। किसी को धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर जाना पसंद होता है तो कोई एडवेंचर ट्रिप का प्लान बनाता है।आप कहीं घूमने जाना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि किसी धार्मिक स्थल का दीदार कर लिया जाए। तो आज हम आपको कन्नौज के एक प्राचीन शिव मंदिर की जानकारी देते हैं।

प्रसिद्ध है सिद्धिपीठ बाबा गौरी शंकर

सिद्ध पीठ बाबा गौरी शंकर छठवीं सदी में बनाया गया एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण तब हुआ था जब कन्नौज को कान्यकुब्ज के नाम से पहचाना जाता था। यहां जो शिवलिंग है वह जमीन से निकला था और राजा हर्षवर्धन ने पूजन अर्चन के लिए यहां 1000 पुजारी रखे थे। उस समय मंदिर के मुख्य द्वार से गंगा बहती थी। बताया जाता है कि मां गंगा शिवलिंग का अभिषेक करने स्वयं आती थी। यहां पर शिवलिंग के साथ माता गौरी और सूर्य की प्रतिमा विराजमान है। ये प्रतिमा सातवीं और नौवीं शताब्दी में विराजमान की गई थी। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

Kannauj Famous Shiv Mandir

सावन में विशेष पूजन

ऐसा बताया जाता है कि राजा हर्षवर्धन के बाद राजा जयचंद भी यहां पर पूजा अर्चन किया करते थे। सावन मास में इस मंदिर का महत्व बढ़ जाता है। गंगा और काली नदी के अदभुत मिलन के पास बना हुआ यह मंदिर कल्याणकारी माना जाता है। पहले श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं और फिर वहीं से चल भर कर बाबा गौरीशंकर को अर्पित करते हैं। यहां सावन के महीने में आसपास के जिलों से श्रद्धालु कावड़ भरकर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं। गौरी शंकर मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग में श्रद्धालु पूरे शिव परिवार के दर्शन कर सकते हैं। शिवलिंग के बाएं तरफ भगवान गणेश और दाएं तरफ माता सती का कुंडल और मुख दिखाई देता है। पुराणों में कन्नौज के इस शिवलिंग का जिक्र किया गया है।

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गिरा था माता का कुंडल

पुराणों में दी गई जानकारी के मुताबिक कन्नौज में माता सती का कुंडल गिरा था इस वजह से इसका नाम कान्यकुब्ज पड़ा था। यहां मौजूद मंदिर हजारों साल पुराना है। यहां स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है जिसमें शिव परिवार के दर्शन होते हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मान्यताओं के मुताबिक जो यहां सच्चे मन से पूजन अर्चन करता है उसे शिव परिवार की कृपा मिलती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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