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Kanpur Bhuteshwar Temple: भूतों ने किया था इस मंदिर का निर्माण, यह हर मनोकामना पूरी करते हैं महादेव
Bhuteshwar Temple Of Kanpur: भूतों ने किया था इस मंदिर का निर्माण, यह हर मनोकामना पूरी करते हैं महादेव
Bhuteshwar Temple Of Kanpur (Photos - Social Media)
Bhuteshwar Temple Of Kanpur : उत्तर प्रदेश भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है और कानपुर यहां का प्रसिद्ध शहर कहा जाता है। कानपुर में घूमने के लिए कैसा रहेगा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद है जो पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। यहां पर भूतेश्वर महादेव का एक मंदिर भी मौजूद है। इस मंदिर को लेकर कहां जाता है कि यहां मौजूद महादेव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस मंदिर का संबंध भगवान श्री राम से भी बताया जाता है। यह कहा जाता है कि रातों-रात इस मंदिर का निर्माण भूतों ने किया था। इस सृष्टि में अब तक ऐसा कोई कालचक्र नहीं रहा जिसमें भगवान शिव का योगदान ना रहा हो। हर समय उनकी पूजा उपासना और आराधना की जाती रही है। सतयुग से लेकर कलयुग तक भगवान शिव की महिमा का वर्णन देखने को मिलता है।
भूतों ने बनवाया था मंदिर
कानपुर के हसनपुर इलाके में भगवान शिव का एक बहुत पुराना मंदिर मौजूद है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव के प्रिय भूतों ने रातों-रात इसका निर्माण किया था। यही कारण है कि इसे भूतेश्वर महादेव के नाम से पहचान चाहता है।
माता सीता से संबंध
यह भी बताया जाता है कि जब सालों पहले भगवान श्री राम ने माता सीता का त्याग किया था। जब वह अपने बेटे लव और कुश के साथ बिठूर में रहा करती थे और यहां पर जल अर्पित करने के लिए आया करती थी।
Bhuteshwar Temple Of Kanpur
औरंगजेब का हमला
इस मंदिर पर मुगल शासक तौरंगज़ेब के हमले के प्रमाण में मिलते हैं। क्योंकि आज भी यहां पर कई खंडित मूर्तियां मौजूद है। भूतेश्वर महादेव मंदिर में दो सुरंग हुआ करती थी जिसमें से एक बिठूर और दूसरी रावतपुर क्षेत्र में खुलती थी। रावतपुर की रानी रौतेला अन्य सुरंग से भूतेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए आते थी। बताया जाता था की रानी बहुत सुंदर थी और उन्हें कोई देखने नहीं इसलिए राजा ने इन सुरंगों का निर्माण करवाया था। इसके अवशेष आज भी यहां देखने को मिलते हैं।
भक्तों का विश्वास
भूतेश्वर महादेव मंदिर को लेकर लोगों के मन में अटूट विश्वास और श्रद्धा देखने को मिलती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि भूतेश्वर महादेव मांगी गई हर मुराद को पूरी करते हैं।। जब हाथों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह यहां पर पीतल के घंटे चढ़ाते हैं। रोजाना 5:00 बजे मंदिर में आरती होती है जिसमें सैकड़ो भक्त शामिल होते हैं।