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Kanpur Central Station: यूपी का ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन, जहां दौड़ती हैं 360 ट्रेनें
Kanpur Central Railway Station History: कानपुर सेंट्रल सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं है, यह अपने आप में ऐतिहासिक होने के साथ विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
Kanpur Central Railway Station History: कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे द्वारा अच्छी तरह से व्यवस्थित रखा गया रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन का बाहरी लुक वाकई बहुत खूबसूरत है, जो मुगलों के किसी पुराने महल जैसा लगता है। यह स्टेशन नई दिल्ली, बिहार और यूपी के लिए अलग-अलग ट्रेनें प्रदान करता है। कानपुर सेंट्रल देश के 5 सेंट्रल स्टेशनों में से एक है। दिल्ली से अधिकांश महत्वपूर्ण ट्रेनें जैसे राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत आदि का मार्ग इसी स्टेशन से होकर गुजरता है। प्लेटफार्म क्रमानुसार पंक्तिबद्ध है, प्लेटफार्म 1 कैंट की तरफ है और प्लेटफार्म 9 शहर की तरफ है। इस स्टेशन का नाम, इतिहास, विकास और वास्तुकला समृद्ध है। यदि आप भी इस स्टेशन के सभी जानकारियों से परिचित होना चाहते है तो आपके लिए ये आर्टिकल खास हो सकता है।
लोकेशन: सेंट्रल स्टेशन, जयपुरिया रोड, रेल बाजार, हैरिस गंज, मीरपुर, कानपुर, उत्तर प्रदेश
ऐसे पड़ा था नाम
कानपुर सेंट्रल, जिसे पहले कानपुर नॉर्थ बैरक के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर के केंद्र में स्थित एक व्यस्त रेलवे स्टेशन है। स्टेशन कोड 'CNB' के साथ, यह भारतीय रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण जंक्शन के रूप में खड़ा है। स्टेशन कोड 'CNB' का मतलब है 'कानपुर नॉर्थ बैरक', यह नाम ब्रिटिश राज के दौरान स्टेशन की उत्पत्ति से जुड़ा है। शहर का केंद्रीय केंद्र होने के कारण रेलवे स्टेशन ने 'कानपुर सेंट्रल' नाम अपनाया। यह नाम न केवल इसकी भौगोलिक स्थिति को दर्शाता है बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में इसकी केंद्रीय भूमिका को भी दर्शाता है।
स्टेशन का इतिहास ब्रिटिश काल से है जुड़ा
कानपुर सेंट्रल 165 वर्ष प्राचीन है, मूल रूप से कानपुर नॉर्थ बैरक के नाम से जाना जाने वाला यह स्टेशन 1859 में कानपुर-इलाहाबाद लाइन पर एक छोटे स्टेशन के रूप में शुरू हुआ था। हालांकि, जैसे-जैसे कानपुर एक प्रमुख वाणिज्यिक और सैन्य केंद्र के रूप में विकसित हुआ, एक बड़े, अधिक सुसज्जित स्टेशन की आवश्यकता स्पष्ट हो गई। इसके कारण वर्तमान कानपुर सेंट्रल का जन्म हुआ, जिसने पूर्व कानपुर जंक्शन की जगह ली, जिसे कानपुर पुराना भी कहा जाता है।
रेलवे स्टेशन का वास्तुकला
यह स्टेशन अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें औपनिवेशिक और मुगल शैलियों का मिश्रण है जो शहर के समृद्ध इतिहास को दर्शाता है। जटिल नक्काशी और गुंबदों से सुसज्जित इसका भव्य अग्रभाग इसके ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य सौंदर्य का प्रमाण है। कुल मिलाकर, कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन सिर्फ़ एक रेलवे स्टेशन नहीं है; यह कानपुर की जीवंत संस्कृति, विरासत और कनेक्टिविटी का प्रतीक है, जो भारत के विविध परिदृश्यों और संस्कृतियों के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
360 से ज्यादा ट्रेनें दौड़ती हैं यहां
भारत के सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक है। उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के केंद्र में स्थित, यह उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत के बीच यात्रा करने वाली ट्रेनों के लिए एक प्रमुख जंक्शन के रूप में कार्य करता है। उत्तर मध्य रेलवे में सर्वश्रेष्ठ, 9 प्लेटफार्म हैं, लगभग 360 से ज्यादा ट्रेनें प्रतिदिन आती हैं।भारत के हर बड़े शहर के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं, दिल्ली और लखनऊ के लिए कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है।
विश्व में बना चुका है रिकॉर्ड
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के महानगर कानपुर में स्थित भारतीय रेलवे की उत्तरी मध्य रेलवे शाखा के प्रभावित होने वाला रेलवे स्टेशन है। इसके नाम विश्व की सबसे बड़ी इंटरलॉकिंग रूट प्रणाली का रिकार्ड भी है। इस स्टेशन से गुजरने वाली सभी ट्रेनें यहां रुकती हैं, जिनमें प्रीमियम ट्रेनें, सुपरफास्ट, मेल और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। यह स्टेशन क्षेत्र का एक प्रमुख इंटरसिटी रेल और कम्यूटर रेल स्टेशन है। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन गतिविधियों का एक चहल-पहल भरा केंद्र है। स्टेशन अच्छी तरह से व्यवस्थित है, जिससे पहली बार आने वाले लोगों के लिए भी नेविगेशन आसान हो जाता है।
कानपुर सेंट्रल में मिलने वाली सुविधाएं
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर साफ सुथरा रहता है। एक प्लेट फार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने के लिए फ़्लाइओवर बना हुआ है, और भूमिगत रास्ता भी बना हुआ है, ढलान वाले रास्ते से ट्राली बैग, व्हील चेयर आदि आसानी से जा सकता है। एस्केलेटर की भी सुविधा है| प्लेट फॉर्म एक पर जाने से पहले जांच की सुविधा है, जिसमें सामान की जांच करके आप अंदर जा सकते हैं। बिना टिकट वाले सावधान रहें क्योंकि यहां टिकट लेकर ही आएं, नहीं तो बचना मुश्किल है साथ में आपका रील भी होगा। डस्टबिन की सुविधा है, आपको अच्छा नाश्ता दोपहर का भोजन रात का खाना भी मिल सकता है। एक्सप्रेस फास्ट फूड प्लाजा की सुविधा मिलती है। गीता प्रेस की दुकान भी है, सर्वोदय साहित्य स्टेशन भी मिल सकता है। प्लेटफार्म से सीधा बाहर जाने के लिए भी आप लिफ्ट व इसकेलेटर का प्रयोग कर सकते है। स्टेशन से बाहर निकलकर मेन रोड पर जा सकते हैं।यह सिर्फ़ एक रेलवे स्टेशन नहीं है; यह कानपुर शहर का एक छोटा सा रूप है।