Kanpur Famous Thaggu Ke Laddu: क्या आप भी है लड्डू खाने के शौकिन, तो जरुर चखें कानपुर में "ठग्गू के लड्डू" का स्वाद

Kanpur Famous Thaggu Ke Laddu: दुकान की स्थापना 1945 में राम अवतार पाण्डेय ने की थी। उन्होंने अपनी मिठाइयों को बिना किसी मिलावट के तैयार करने पर जोर दिया।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 11 Aug 2024 11:22 AM GMT
Kanpur Famous Thaggu Ke Laddu
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Kanpur Famous Thaggu Ke Laddu (Photos - Social Media)

Kanpur Famous Thaggu Ke Laddu : कानपुर का "ठग्गू के लड्डू" एक अनोखी और लोकप्रिय मिठाई की दुकान है, जिसका स्लोगन "ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं" न केवल ध्यान खींचता है, बल्कि इसकी मिठाइयों के स्वाद के साथ जुड़ा हुआ है। इस दुकान के लड्डू और अन्य मिठाइयाँ इतनी मशहूर हैं कि देश-विदेश के लोग इसे चखने आते हैं। दुकान की स्थापना 1945 में राम अवतार पाण्डेय ने की थी। उन्होंने अपनी मिठाइयों को बिना किसी मिलावट के तैयार करने पर जोर दिया और इसी गुणवत्ता की वजह से यह दुकान प्रसिद्ध हुई। यहां की मिठाइयों का स्वाद इतना लाजवाब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे कई प्रतिष्ठित व्यक्ति भी इसका आनंद ले चुके हैं।

"ठग्गू के लड्डू" की बहुत दिलचस्प है कहानी (Story is Very Interesting of Thaggu Ke Laddu)

"ठग्गू के लड्डू" की दुकान के नाम के पीछे की कहानी बहुत ही दिलचस्प और अनूठी है। दुकान के मालिक राजेश पांडे जी ने इस नामकरण के पीछे के किस्से को साझा करते हुए बताया कि उनके पिताजी राम अवतार पांडे गांधी जी की सभाओं में जाया करते थे। उन सभाओं में सफेद चीनी को "मीठा जहर" कहकर इसका उपयोग न करने की सलाह दी जाती थी। इस बात ने राम अवतार पांडे को सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे जो लड्डू बनाते हैं, वह भी इसी सफेद चीनी से बनता है, जिससे लोग मुंह तो मीठा करते हैं, लेकिन शायद उन्हें अनजाने में ठगा जा रहा है। इसी सोच ने उन्हें प्रेरित किया कि दुकान का नाम "ठग्गू के लड्डू" रखा जाए।

ठग्गू के लड्डू नाम बना पहचान (Thuggu Laddu Name Became Famous)

यही नाम और स्वाद आज इस दुकान को कानपुर और देशभर में एक पहचान दिला चुका है। दुकान छोटी जरूर है, लेकिन इसके लड्डू और मिठाइयों का स्वाद इतना अनमोल है कि कानपुर आने वाले लोग यहां आए बिना वापस नहीं जाते। कानपुर की "बदनाम कुल्फी" और "ठग्गू के लड्डू" की जोड़ी शहर की एक अनमोल धरोहर बन गई है। "बदनाम कुल्फी" का नाम जितना अनोखा है, उतना ही इसका स्वाद भी है। दुकान के मालिकों ने इसे "बदनाम" इसलिए कहा, क्योंकि यह चौराहे पर बिकती थी और आमतौर पर चौराहों पर मिलने वाली चीजें मशहूर होने के साथ-साथ कई बार बदनाम भी हो जाती हैं।

थग्गू के लड्डू किस चीज से बनता है?

राम अवतार पांडे ने खोया सूजी और रिफाइंड चीनी का इस्तेमाल करके थग्गू के लड्डू बनाए। असली थग्गू के लड्डू बनाना आसान नहीं है। हर मिठाई विक्रेता आपको इन लड्डुओं का असली स्वाद नहीं देगा।

फ़ेमस है टैगलाइन

‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं.’ ये टैगलाइन सुनते ही हमारे ज़हन में कानपुर वाले ‘ठग्गू के लड्डू’ (Thaggu ke Laddu) का नाम आ जाता है. लड्डुओं की 6 दशक पुरानी एक ऐसी दुकान, जो आम लोगों से लेकर बॉलीवुड सेलेब्स के बीच भी फ़ेमस हैI

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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