Karnataka Famous Place: बेंगलुरू से दूर यहां हुआ था हनुमान जी का जन्म, कर्नाटक जाए तो यहां जरूर जाएं घूमने

Hanuman Ji Janam Bhoomi: ऐसे कई स्थान हैं जिन्हें उनका जन्मस्थान माना जाता है। हालांकि, भगवान हनुमान के जन्म से जुड़े दो सबसे लोकप्रिय स्थान महाराष्ट्र में अंजनेरी और कर्नाटक के हम्पी में अंजनाद्रि पर्वत हैं।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 12 May 2024 5:45 PM GMT (Updated on: 12 May 2024 7:30 PM GMT)
Hanuman Birth Place
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Hanuman Birth Place (Pic Credit-Social Media)

Karnataka Famous Hanuman Mandir: श्री राम जन्म भूमि पर अलौकिक और भव्य मंदिर निर्माण के बाद रामायण के दूसरे प्रमुख प्रतिभाग हनुमान की जन्मभूमि भी आजकल चर्चा का विषय बन गई है। भगवान हनुमान का वास्तविक जन्मस्थान बहस का विषय है। ऐसे कई स्थान हैं जिन्हें उनका जन्मस्थान माना जाता है। हालांकि, भगवान हनुमान के जन्म से जुड़े दो सबसे लोकप्रिय स्थान महाराष्ट्र में अंजनेरी और कर्नाटक के हम्पी में अंजनाद्रि पर्वत हैं। जिसपर अलग - अलग धर्मावलंबियों द्वारा साक्ष्य और प्रमाण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अभी भी यह साबित नहीं हो पाया है कि दोनों में कौन सी जगह वास्तविक में रामभक्त हनुमान की जन्मभूमि है।

अंजनेरी और अंजनाद्री के अलावा भारत में कई दूसरे अन्य स्थान भी हैं, जो भगवान हनुमान का जन्मस्थान होने का दावा करते हैं। जिसमें आंध्र प्रदेश का तिरुमाला शहर भी शामिल है। हालांकि, भगवान हनुमान के सटीक जन्मस्थान को साबित करने के लिए कोई निर्णायक साक्ष्य नहीं है। ऐसे में ऊपर बताए दोनों जगहों के बारे में जानते है जिन्हें मूलरूप से हनुमान ke जन्म स्थान से जोड़कर देखा जाता है।

किष्किंधा का अंजनाद्री पर्वत(Anjanadri Hills)

भगवान हनुमान का जन्म किष्किंधा साम्राज्य में हुआ था, जो वर्तमान में हम्पी यानी उत्तरी कर्नाटक में है। यदि आप हम्पी जाते हैं, तो आप अंजनेय मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह एक पहाड़ी की चोटी पर है और यही वह स्थान है जहाँ भगवान हनुमान के जन्म की मान्यता है। इस स्थान को उनके जन्मस्थान के रूप में चिह्नित करने के लिए पहाड़ी की चोटी पर हनुमान जी का एक मंदिर भी मौजूद है।



रामायण में भी है हम्पी का जिक्र

रामायण में, वाल्मिकी पम्पा या पम्पे नामक गाँव के बारे में बताते हैं। राम की मुलाकात शबरी से पंपा सरोवर के पास हुई, जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह एक झील थी। यह स्थान अनेगुंडी में भी मौजूद है। गांव के नाम पर वापस आते हैं जिसे किष्किंधा के करीब स्थित बताया गया है यानी पम्पा या पम्पे। विभिन्न भारतीय भाषाओं में पा और हा का सममित संबंध है। उदाहरण के लिए, कन्नड़ में हल्ली तेलुगु में पल्ली है। दोनों का एक ही अर्थ है अर्थात गाँव। तो, पम्पे या पम्पा हम्पे या हम्पा है। यदि पंपा हम्पी है, तो किष्किंधा वास्तव में अनेगुंडी थी।




नासिक में यहां भी है हनुमान जन्मस्थान के साक्ष्य

अंजनेरी नासिक-त्र्यंबकेश्वर की पर्वत श्रृंखला में स्थित किलों में से एक है। इस पहाड़ी को अंजनेरी नाम से स्थान दिया जीटी है, क्योंकि माता अंजनी के पुत्र भगवान हनुमान का जन्म यहीं हुआ था। यह एक लोकप्रिय धारणा है कि हनुमान का जन्म यहीं हुआ था, और अन्य कारण जो इसे दर्शाता है, वह है, इस पर्वत के बहुत करीब स्थित शिव के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की उपस्थिति का होना। यहां भगवान हनुमान की मां अंजनी को समर्पित एक मंदिर भी स्थित है। यह मंदिर नासिक से 20 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस मंदिर से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर माता सीता गुम्हपा या गुफा है। यह वह स्थान है, जहां सीता मां ने अपने निर्वासन के दौरान भगवान शिव की पूजा की थी।



ऐसे हुआ था हनुमान जी का जन्म

हनुमान जी की माता अंजनी और पिता वानर राज केसरी ने महान तप किया था। जिससे प्रसन्न होकर वायु देव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। जिससे हनुमान जी का जन्म हुआ था। स्कंदपुराण और भविष्य पुराण यानी ब्रह्माण्ड पुराण में यह भी कहा गया है कि वायु ने हनुमान को असुर केसरी की बेटी अंजनी को दिया था। हनुमान जी भोलेनाथ के आशीर्वाद से जन्मे ग्यारहवें रुद्र हैं। जिन्हें विष्णु भगवान के अवतरण प्रभु श्री राम के अन्नय भक्त होने का वरदान मिला था।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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