Karwar: खूबसूरत और आकर्षक समुद्री तटों का शहर

Karwar: कारवार 18वीं शताब्दी के दौरान मराठा साम्राज्य का एक हिस्सा था, तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद ब्रिटिश शासकों के अधीन हो गया।

Sarojini Sriharsha
Published on: 7 July 2024 7:33 AM GMT
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Karwar: भारत देश के कर्नाटक राज्य का कारवार जिला जहां जंगल, समुद्र तट और ऐतिहासिक इमारतें पर्यटकों को एक ही जगह देखने को मिल जाती हैं। इस शहर की सीमा पश्चिमी तट पर गोवा के साथ सटी होने के कारण सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है।यहां आप बेहद खूबसूरत और आकर्षक समुद्री तटों का लुत्फ उठाने, वन्यजीव अभयारण्यों में विचरण करने से लेकर प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने तक का सफर यादगार बना सकते हैं।

कारवार 18वीं शताब्दी के दौरान मराठा साम्राज्य का एक हिस्सा था। तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की हार के बाद ब्रिटिश शासकों के अधीन हो गया। सन् 1950 तक कारवार बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा रहा। प्राचीन काल में इस शहर का उपयोग समुद्री व्यापार के लिए किया जाता था। किसी जमाने में यह जगह काली मिर्च के व्यापार का ख़ास केंद्र थी। यह शहर मलमल के उत्पादन के लिए मशहूर है। मलमल एक सूती कपड़ा होता है। ऐसा कहा जाता है की इसका उत्पादन 1638 में सर विलियम काउंटेन द्वारा शुरू किया गया था। यहां के स्थानीय कारीगरों की चंदन के वस्तुओं पर की गई नक्काशी भी सराहनीय है।


कारवार में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें प्रमुख हैं-

रविंद्रनाथ टैगोर बीच

कारवार में रविंद्रनाथ टैगोर बीच या समुद्री तट अपने सुंदरता के साथ-साथ यहां बने पार्क, म्यूजिकल फाउंटेन, टॉय ट्रेन और फिश हाउस के लिए लोकप्रिय है। यह बीच गोवा की सीमा से सटा है और घने और खूबसूरत पेड़ों के लिए जाना जाता है। यहां सैलानी वॉटर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं।


तिलमति बीच

इस बीच के किनारे काली रेत होने के कारण यह ब्लैक सैंड बीच के नाम से भी जाना जाता है। यहां अधिकतर पर्यटक पिकनिक के लिए आते हैं। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का आकर्षक नज़ारा देखने को मिलता है। यहां पर्यटक वॉटर स्पोर्ट्स के अलावा रॉक क्लाइंबिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।


मजाली बीच

मजाली बीच एक रोमांटिक जगह है जहां ठहरने के लिए समुद्र के सामने कई कॉटेज हैं। इस समुद्र तट पर गोवा से पर्यटक शांति और एकांत स्थान के लिए आते हैं। क्योंकि यह जगह दक्षिण गोवा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। इस बीच पर कई वाटर स्पोर्ट्स का भी पर्यटक आनंद ले सकते हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समुद्र के सामने आवास सुविधाओं के कारण यह जगह कारवार में पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।


कुड़ी बाग बीच

सफेद रेत और क्रिस्टल साफ पानी वाले इस समुद्री तट पर पर्यटक तैरने और धूप सेंकने का आनंद ले सकते हैं।कारवार में आराम करने के लिए यह समुद्र तट सबसे सही जगह है। यह समुद्री तट शहर के निकट ही स्थित है और कार या बस द्वारा आसानी से पहुंच जा सकता है।


कुरुमगढ़ द्वीप

कुरुमगढ़ द्वीप अपने एकांत स्थान , साफ पानी और आकर्षक समुद्र तटों के लिए मशहूर है। इस द्वीप तक पहुंचने के लिए नाव ले सकते हैं। यहां आप समुद्र तट पर आराम करने के अलावा तैरने का भी आनंद ले सकते हैं।


सदाशिवगढ़ किला

यह किला काली नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। इस किले से सूर्यास्त का खूबसूरत नज़ारा देख सकते हैं। इस किले का ज्यादातर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है। किले को अंग्रेजों ने नष्ट कर दिया था। कहा जाता है की इस किले में शिवाजी ने स्थानीय पूजा के लिए मंदिर में दुर्गा माता की स्थापना की थी।


गुडल्ली पीक/ शिखर

कारवार शहर में यह शिखर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह शहर से करीब चार किमी की दूरी पर स्थित है। इस जगह पर टैक्सी, ऑटो या पैदल चलकर भी जा सकते हैं। इस स्थान से शहर का मनोरम दृश्य देख सकते हैं।


ऑयस्टर रॉक- द्वीप

कारवार तट पर स्थित इस खूबसूरत द्वीप पर नाव द्वारा जा सकते हैं। पर्यटकों के घूमने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। इस द्वीप पर विभिन्न प्रकार के सीपों का घर है। यहां सैलानी समुद्र में तैरने, धूप सेंकने और गुफाओं की खोज करने जैसे कई गतिविधि का आनंद ले सकते हैं।


वेंकटरमण मंदिर

भगवान वेंकटरमण को समर्पित यह मंदिर कारवार शहर में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर शहर के बीच में स्थित है। यहां बस या टैक्सी द्वारा पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर के दर्शन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक कर सकते हैं।


नागनाथ मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह नागनाथ मंदिर कारवार में एक प्रसिद्ध स्थल है। इस मंदिर में हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दर्शाती और द्रविड़ वास्तुकला का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती कई मूर्तियां और नक्काशी हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इस मंदिर से पर्यटक शहर के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का नज़ारा भी देख सकते हैं।


युद्धपोत संग्रहालय

पर्यटकों के बीच कारवार का यह संग्रहालय सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। समुद्र के किनारे स्थित इस संग्रहालय में युद्धपोत मॉडल और कलाकृतियों का संग्रह है। बस या टैक्सी द्वारा इस संग्रहालय तक पहुंच सकते हैं। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 4.30 बजे से शाम 6 बजे तक इस संग्रहालय में प्रवेश टिकट लेकर कर सकते हैं।


नरसिंह मंदिर

भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में पारंपरिक द्रविड़ वास्तुकला का एक खूबसूरत नमूना देखने को मिलता है। शहर के बीच में स्थित इस मंदिर परिसर में प्राचीन कलाकृतियों का एक संग्रहालय भी है। पर्यटक इस मंदिर में भगवान के दर्शन के साथ इसका भी आनंद उठा सकते हैं।


कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से कारवार पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा गोवा स्थित दाबोलिम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देश के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस एयरपोर्ट से कारवार की दूरी करीब 98 किमी है। बस या टैक्सी के माध्यम से कारवार आसानी से पहुंचा जा सकता है। रेल मार्ग से यहां पहुंचने के लिए कारवार रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है।सड़क मार्ग से कारवार कर्नाटक के सभी प्रमुख शहरों से आसानी से जुड़ा हुआ है। कारवार गोकर्ण से 59 किमी की दूरी , कुमटा से 70 किमी, पंजिम से 108 किमी, मुरुदेश्वर से 114 किमी, हुबली से 167 किमी और बैंगलोर से 517 किमी दूरी पर स्थित है। कारवार घूमने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से फरवरी तक है। मॉनसून के मौसम में भी इस जगह का आनंद लिया जा सकता है।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

Shalini singh

Shalini singh

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