Kashi Vishwanath Mandir Aarti: बाबा के आरती में होना है शामिल, तो पहले जान ले आरती का सही समय

Kashi Vishwanath Mandir Aarti: हम आपको मंदिर में होने वाले सभी आरती के सही समय के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही मंदिर में होने वाले बाबा के सभी आरती का अर्थ भी बताएंगे।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 8 March 2024 5:21 AM GMT
Varanasi Kashi Vishwanath Mandir
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Varanasi Kashi Vishwanath Mandir Aarti (Pic Credit-Social Media)

Kashi Vishwanath Mandir Aarti: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में हर रोज लाखों लोग घूमने दर्शन करने जाते हैं। लेकिन उनके से कुछ ही श्रद्धालु ऐसे है जिन्हें बाबा के आरती में शामिल होने का मौका मिलता है। आरती के समय का सही ज्ञान न होने से कई भक्तगण इस हृदय स्पर्शी पल से वंचित रह जाते है। हम आपको यहां मंदिर में होने वाले सभी आरती के सही समय के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही मंदिर में होने वाले बाबा के सभी आरती का अर्थ भी बताएंगे।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती बहुत ही भव्य तरीके से की जाती है और इसमें शामिल होना आनंददायक होता है। यह न केवल आपको उस समय शांति और आनंद प्रदान करता है, बल्कि भगवान का आशीर्वाद पाने में भी सहायता करता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती का समय दिन में कई बार होता है। यहां काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रमुख आरतियां हैं जो दिनभर किए जाते हैं। जिसमे कुल 5 बार आरती किया जाता है।

लेकिन ये तीन आरती बहुत प्रमुख माने जाते है।

माङलिक आरती (भोर आरती): सुबह की पहली आरती है जो सुबह 4:00 बजे होती है। यह आरती भगवान शिव को समर्पित होती है। मंदिर की प्रातःकालिक पूजा का हिस्सा है।

सांय प्रदीप आरती: शाम को सायंकालीन 7:00 बजे होती है। यह आरती विश्वनाथ मंदिर के प्रातःकालिक पूजा का हिस्सा है।

रात्रि शयन आरती: रात को भी विश्वनाथ मंदिर में आरती होती है। जो रात्रि 10:30 बजे होती है। यह आरती रात्रि की पूजा का हिस्सा है और भक्तों के बीच प्रिय है।

काशी विश्वनाथ धाम में 5 प्रकार की आरती एवं उसके अर्थ :

मंगला आरती का समय:(Mangala Aarti)

सुबह 3:00 बजे से 4:00 बजे तक और टिकट की कीमत: 500/– रुपये

मंगला आरती महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुबह की पहली आरती है। शास्त्र "ब्रह्म मुहूर्त" घंटे की बात करते हैं। इसका अर्थ है सूर्य निकलने से डेढ़ घंटा पहले। यह समय बहुत शुभ है क्योंकि सूर्य पृथ्वी की सारी ऊर्जाओं को सुप्त अवस्था से जागृत अवस्था की ओर धकेल रहा है। इसी प्रकार यह मन, बुद्धि और सभी जीवों के शरीरों को सुप्त अवस्था से जागृति की उच्च अवस्था की ओर धकेल रहा है।

भोग आरती(Bhog Aarti)

समय: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और टिकट की कीमत: 300/–रुपये।

काशी विश्वनाथ मंदिर में हर दोपहर भोग आरती की जाती है। मंगला आरती के बाद यह दूसरी आरती है। भोग आरती भगवान को भोजन अर्पित करना है जो हमें यह भोजन देते हैं। भोग लगाने के बाद भोजन को प्रसाद के रूप में सभी उपस्थित भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।

सप्त ऋषि आरती का समय(Sapt Rishi Aarti)

शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक और टिकट की कीमत: 300/- रुपये।

सप्त ऋषि आरती 750 वर्ष से भी अधिक पुराना एक प्राचीन अनुष्ठान है। अलग-अलग गोत्र के सातों शास्त्री/पंडित/पुरोहित एक साथ आरती करते हैं। ऐसा माना जाता है कि हर शाम सप्तऋषि (सात महान ऋषि) भगवान की आरती करने आते हैं, और इसलिए यह पूजा हर शाम 7 बजे आयोजित की जाती है।

श्रृंगार आरती(Shringar Aarti)

समय: रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक और टिकट की कीमत: 300/– रुपए है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में हर शाम श्रृंगार भोग आरती की जाती है। सप्त ऋषि आरती के बाद यह दिन की चौथी आरती है। श्रृंगार भोग आरती भगवान को भोजन की पेशकश है जो हमें यह भोजन देते हैं। भोग लगाने के बाद भोजन को प्रसाद के रूप में सभी उपस्थित भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।

शयन आरती (Shayan Aarti)

समय: रात 10:15 बजे से रात 11:00 बजे तक और टिकट की कीमत: टिकट की आवश्यकता नहीं है।

यह आरती मंदिर का कपाट बंद होने से पहले किया जाता हैं। जिसमे आस पास के स्थानीय लोगों के साथ कई विदेशी श्रद्धालु भी मंदिर में शयन आरती का हिस्सा बनने के लिए मंदिर प्रांगण में मौजूद होते है।

ध्यानार्थ मौसम के बदलने के साथ आरती के समय में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए स्थानीय सूचना या मंदिर प्रशासन से एक बार कन्फर्म करना ज्यादा उचित होगा।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

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