Kaushambi Famous Temple: ये हैं पूर्वांचल की कुलदेवी, कड़ा धाम के नाम से प्रसिद्ध है मंदिर

Kaushambi Kade Dham Sitla Mata Mandir: भारत में एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल मौजूद है जो अपने चमत्कारों के लिए पहचान चाहते हैं। चलिए आज हम आपको पूर्वांचल की कुलदेवी के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 13 May 2024 12:15 PM IST (Updated on: 13 May 2024 12:15 PM IST)
Uttar Pradesh Famous Temple
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Uttar Pradesh Famous Temple (Photos - Social Media)

Kaushambi Kade Dham Sitla Mata Mandir: भारत एक ऐसा देश है जो अपने धार्मिक स्थलों और यहां के चमत्कारों की वजह से पहचाना जाता है। देश की कोनी कोनी में कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद है जिनकी अपनी मान्यता इतिहास और कहानी है। देवी मंदिरों की भी हमारे यहां कोई कमी नहीं है और देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद शक्तिपीठों में लोगों को अपनी श्रद्धा और आस्था के साथ पहुंचते हुए देखा जाता है। मानिकपुर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है जहां आस्था का सैलाब उमड़ता है। हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भक्त माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। मानिकपुर प्रयागराज से 70 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है और यह प्रसिद्ध स्थान अपने आप में विशेष मान्यता रखता है।

गड़ा धाम 51 शक्तिपीठ में से वह जगह है जहां पर माता सती का दाया हाथ गिरा था। माता का हाथ गिरने की वजह से यह जगह कर धाम के नाम से प्रचलित है जो बाद में कड़ा धाम कहलाने लगी। इन्हें पूर्वांचल की कुलदेवी कहा जाता है और साल भर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती।

सारी मनोकामना होती है पूरी

माता के स्पेशल मंदिर में 12 महीने लोगों को अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते हुए देखा जाता है। इसके अलावा नव विवाहित जोड़े यहां पर माता का आशीर्वाद लेने के लिए जरूर पहुंचते हैं। शुक्रवार और सोमवार के दिन यहां विशेष तौर पर भीड़ देखने को मिलती है। नवरात्रि के दौरान यहां पर मेले का आयोजन होता है। पूर्वांचल के साथ-साथ देश के अन्य कोनों से भी यहां पर लोग पहुंचते हैं। इस मंदिर में एक कुंड मौजूद है जहां पर जल, दूध, फल और मेवे अर्पित किए जाते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से माता प्रसन्न होती हैं।

Kadadham

ऐसी है मान्यता

माता के इस मंदिर को पूर्वांचल की कुलदेवी के नाम से पहचाना जाता है। इससे जुड़ी पौराणिक कथा के मुताबिक द्वापर युग में पांडु पुत्र युधिष्ठिर ने वनवास के समय यहां पर आए थे।

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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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