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Kenya Umoja Village History: क्यों है इस गाँव में पुरुष को नो एंट्री, आइये जाने यहां का रोचक इतिहास

Kenya Umoja Village History: अफ्रीकी देश केन्या में एक ऐसा गाँव बसाया गया है, जहां सिर्फ़ महिलाओं को पनाह दी जाती है ।इस गाँव में आपको चारों तरफ़ सिर्फ़ महिलाएँ ही दिखायी देंगी ।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 16 Oct 2023 8:45 AM IST
Kenya Umoja Village
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Kenya Umoja Village  (photo: social media )

Kenya Umoja Village History: भारत ही नहीं दुनिया के अन्य देशों में भी महिलाएँ अपने हक़ की लड़ाई लड़ती रहीं है जिसके बाद उन्हें उनके अधिकार मिले हैं ।पर दुनिया में ऐसे भी कई देश हैं जहां आज भी पुरुषों का राज चलता है ।महिलाओं के एक भी सुनी नहीं जाती है ।ये महिलाएँ दरबदर भटकने के लिए मजबूर हैं ।घर से लेकर अदालतों तक इन महिलाओं के चक्कर लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होती है ।

पर आपको आज ऐसी जानकारी मिलने वाली है , जिसे पढ़ कर-सुन कर महिलाएँ अवश्य खुश होंगी ।दरअसल, इसी दासता से मुक्त होने के लिए अफ्रीकी देश केन्या में एक ऐसा गाँव बसाया गया है, जहां सिर्फ़ महिलाओं को पनाह दी जाती है ।इस गाँव में आपको चारों तरफ़ सिर्फ़ महिलाएँ ही दिखायी देंगी ।

इस गांव में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। पूरी दुनिया के लिए यह गांव अब एक मिसाल बन रहा है।आप ऐसे गाँव की कभी कल्पना भी नहीं किए होंगे पर आपको इस बात पर यक़ीन करना होगा कि दुनिया में ऐसा भी एक गाँव है जो सिर्फ़ महिलाओं के लिए बसाया गया है ।

केन्या के इस गांव में दर्जनों परिवार

इस गाँव का नाम उमोजा है। जिसका अर्थ है एकता। यह केन्या की राजधानी नैरोबी के पास ही है ।अफ्रीकी देश केन्या के इस गांव में दर्जनों परिवार रहते हैं । लेकिन आदमी एक भी नहीं है।इस गाँव की ज़मीनों में महिलाओं के नाम पर पट्टा दिया गया है।इस गाँव को 31 साल पहले मात्र 15 महिलाओं ने खोजा था ।

इसे रेबेका लोलोसोली नामकी महिला ने शुरु किया था, जब उन पर आदमियों के एक समूह ने हमला कर घायल कर दिया था। लगी चोट को देख कर उन्होंने यह तय कर लिया था ऐसी जगह भी हो जहां पर पुरुष आ ही ना सकें । तब यहाँ सिर्फ़ 15 महिलाएँ थी , वहीं आज यहाँ 50 से भी अधिक परिवार रह रहे हैं।यहाँ सब कुछ महिलाओं द्वारा ही विकसित किया गया है । यहां घर से लेकर स्कूलों का तक का निर्माण भी महिलाओं ने खुद ही मिल कर किया है। महिलाएं शहद और हाथ से बनी चीजें बेचकर अपना और परिवार का गुजारा करती आई हैं।उमोजा में रहने वाली सभी महिलाएं संबुरु संस्कृति की हैं।


क्या है इस गांव की कहानी

तीस साल पहले उत्तरी केन्या में रहने वाली जेन नोलमोंगन इस गाँव में आयी थी ।जब एक ब्रिटिश सैनिक ने उनसे बलात्कार किया ,उन्होंने यह बात पति को बतायी पर उसने नोलमोंगन को घर से बाहर निकाल दिया ।फिर वो सुरक्षित ठिकाने की तलाश करते हुए इस गाँव में पहुँची, उनके साथ उनके बच्चे भी थे ।

इस गाँव की ख़ास बात यह हैं कि यहाँ की महिलाएँ खेत से लेकर घर तक का काम करती हैं और अपने बच्चे का पालन पोषण भी करती है ।डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक केन्या में 98 फीसदी जमीनें केवल आदमियों के नाम पर हैं।ज्यादातर कबीलों में खेत और जमीन ही नहीं महिलाएं भी पहले पिता और फिर पति की संपत्ति समझी जाती हैं।पर इस गाँव की हर ज़मीन पर महिलाओं का हक़ है ।


हर महिला का स्वागत

यह गाँव हर उस महिला को स्वीकारता है जो समाज से शोषित है, या घर से परेशान है । यहाँ आने वाली हर महिला का स्वागत किया जाता है ।यह गाँव शोषित महिलाओं का सहारा बन चुका है ।यहाँ अनेक महिलाएँ हैं जो उत्पीड़न की शिकार हुई है ,घर से निकाली गई हैं , संपत्ति या बच्चों से भी बेदखल की गई, बाल विवाह से खुद को बचा कर भागने वाली भी हैं ।यहां रहने वाली महिलाओं में 98 वर्ष की बुजुर्ग से लेकर 6 महीने की बच्ची तक शामिल है। कई महिलाएं तो गर्भवती अवस्था में ही यहां आकर रहने लगती हैं।

उमोजा गांव में महिलाएं पूरी स्वतंत्रता के साथ खुशी से रहती हैं। उन्हें यहां किसी काम के लिए इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती। इस गांव की महिलाएं रंग-बिरंगे मोतियों की मालाएं बनाती हैं, जिससे उनका जीवनयापन चलता है।

यहाँ किसी का बेटा पैदा होता है , तो उसे 18 वर्ष तक ही गाँव में रहने दिया जाता है फिर उसे दूसरा गाँव भेज दिया जाता है ।इस गांव में पुरुषों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अगर कोई पुरुष यहां प्रवेश करता है, तो उसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दे दी जाती है। उसे (पुरुष) चेतावनी दी जाती है कि वह ऐसा दोबार न करे।अब यह गांव दुनियाभर में इतना मशहूर हो गया है कि दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।गांव दिखाने के लिए पर्यटकों से एंट्री फीस भी ली जाती है।





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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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