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Khajuraho Tourist Place: खजुराहो में हमेशा रहती है पर्यटकों की भीड़, घूमने का बना रहे हैं प्लान तो जरूर पढ़ें ये खबर

Khajuraho Tourist Place: दुनियाभर में विशेष तौर पर खजुराहो अपनी कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। जोकि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं। खजुराहो के इन मंदिरों की दीवारों पर बनी 90 प्रतिशत नक्काशी उस दौर के लोगों के रहन-सहन और जीवन पर आधारित है जबकि 10 प्रतिशत नक्काशी यौन गतिविधियों को दर्शाती हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 15 Jan 2023 3:24 AM GMT
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खजुराहो (फोटो- सोशल मीडिया)

Khajuraho Tourist Place: खजुराहो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जगहों में से एक है। दुनियाभर में विशेष तौर पर खजुराहो अपनी कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। जोकि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं। खजुराहो के इन मंदिरों की दीवारों पर बनी 90 प्रतिशत नक्काशी उस दौर के लोगों के रहन-सहन और जीवन पर आधारित है जबकि 10 प्रतिशत नक्काशी यौन गतिविधियों को दर्शाती हैं। जिसे कामसूत्र का नाम दिया गया है। यहां के मंदिरों में मजदूरों, किसानों, महिलाओं, संगीतकारों की मूर्तियां भी बनी हुई हैं।

यहां के मंदिरों की दीवारों पर नक्काशी और मूर्तियों के बारे में कई इतिहासकारों का कहना है कि यहां पर कामुकता की सभी कलाओं का अध्ययन और अभ्यास किया जाता था। जिसे दीवारों पर उकेरा जाता था। वहीं कुछ इतिहासकारों को कहना है कि कामसूत्र की कलाएं हिंदू परंपरा का एक अटूट हिस्सा हैं। जो मानव शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

इतिहास कालीन इन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के दौर में किया गया था। जिनमें से ज्यादातर मंदिरों 950 और 1050 ईं सवी के बीच हिंदू राजाओं यासोवर्मन और धंगा के शासनकाल में बने है। बताया जाता है कि ये मंदिर करीबन एक हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं। जिसमें से यहां पर 12वीं शताब्दी के आस-पास करीबन 85 मंदिर हुआ करते थे, लेकिन 13वीं शताब्दी आने तक यहां के कुछ मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। जिसके बाद से अब केवल 20 मंदिर ही अस्तित्व में रह गए हैं।

(Image Credit- Social media)

अब बताते हैं कि इस शहर का नाम खजुराहो कैसे पड़ा। तो बता दें, कि ये प्राचीन शहर किसी एक दौर में सिर्फ खजूर से ही पूरी तरह घिरा हुआ था, जिसकी वजह से इसका नाम खजुराहो रखा गया। वहीं कुछ लोग बताते हैं कि इस शहर का नाम खजुरा-वाहक (बिच्छू वाहक) से रखा गया है। जोकि भगवान शिव का संकेतात्मक नाम है।

ऐसे में अगर आप खजुराहो जाने का प्लान बना रहे हैं तो आइए आपको बताते हैं कि खजुराहो जाने के लिए बेस्ट समय क्या है, यहां क्या करना चाहिए, क्या प्रसिद्ध और भी बहुत कुछ।

खजुराहो जाने के लिए सबसे अच्छा समय

सितंबर से मार्च

खजुराहो में कहां रूके

द ललित टेम्पल व्यू

रैडिसन होटल

होटल क्लार्क्स

रमाडा

इसाबेल पैलेस

होटल ज़ेन

खजुराहो में खाने के लिए मशहूर व्यंजन

खजुराहो में कई तरह के भारतीय व्यंजन परोसने वाले कई रेस्तरां हैं। यहां आप मशहूर व्यंजनों के तौर पर स्वादिष्ट जलेबी, काजू बर्फी और मूंग दाल का हलवा खा सकते हैं। खजुराहो में कुछ इटालियन कैफे भी हैं। इसके अलावा कुछ रेस्टोरेंट में चाइनीज और कॉन्टिनेंटल व्यंजन भी परोसे जाते हैं।

यहां जाएं

खजुराहो में कामुक दीवार नक्काशी वाले लगभग 20 मंदिर हैं। ये सभी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं और स्मारकों के खजुराहो समूह के अंतर्गत आते हैं। ये हिंदू और जैन मंदिर बारहवीं शताब्दी के हैं, लेकिन 85 मंदिरों में से केवल 20 ही बचे हैं।

चंदेल वंश ने ही खजुराहो में इन मंदिरों का निर्माण करवाया था। मंदिरों के इतिहास और वास्तुकला के बारे में जान सकते हैं। मंदिर परिसर में शाम को ध्वनि और प्रकाश शो का आनंद उठा सकते हैं।

एक बार जब आप मंदिरों का भ्रमण कर लेते हैं, तो अजयगढ़ किले जाने का प्लान बनाएं। जो खजुराहो से दो घंटे से भी कम की दूरी पर है। यह एक पहाड़ी चोटी पर है और विंध्य पहाड़ियों के शानदार व्यू दिखाता है।

इतिहास प्रेमी सुंदरता को निहारने और इस किले के बारे में जानने में यहां घंटों बिता सकते हैं। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भी खजुराहो से थोड़ी ही दूरी पर है। इसे 1994 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और बाघों के अलावा, आप तेंदुए, सांभर और स्लॉट भालू भी देख सकते हैं। यहां आकर सफारी करना न भूलें।


Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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